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फैक्ट चेक

जेएनयू विरोध: एमफिल के छात्र को बताया जा रहा है केरल का 47 वर्षीय मुस्लिम निवासी

बूम ने पंकज कुमार मिश्रा से संपर्क किया, जिसे तीस साल से अधिक समय से विश्वविद्यालय में पढ़ते हुए 47 वर्षीय मोइनुद्दीन के रूप में ग़लत पहचाना जा रहा है

By - Swasti Chatterjee | 21 Nov 2019 11:00 AM GMT

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों को दिखाते हुए ज़ी न्यूज़ बुलेटिन का एक स्क्रीनग्रैब इस दावे के साथ वायरल किया गया है कि उनमें से एक छात्र 1989 से विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहा है ।

काले रंग के घेरेे में दिखाए जाने वाले छात्र को ग़लत पहचान देते हुए बताया जा रहा है कि वह केरल का रहने वाले 47 वर्षीय मोइनुद्दीन है, जिन्होंने तीस साल पहले विश्वविद्यालय में दाखिला लिया था और तब से वहीं पढ़ रहे हैं ।

प्रदर्शनकारी छात्रों की स्क्रीनग्रैब वाली कई पोस्टों के कैप्शन में बताया गया है कि, “यह केरल का मोइनुद्दीन है । उन्होंने 1989 में जेएनयू में प्रवेश लिया । यदि साल-दर साल उन्होंने बीए, एमए, एमफिल और फ़ीर पीएचडी में दाखिला लिया, तो उन्हें 2001 में जेएनयू छोड़ देना चाहिए था और काम करना शुरू कर देना चाहिए था ।”

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यह पोस्ट फ़र्ज़ी दावों के साथ ट्विटर पर भी वायरल है |



47 वर्षीय मोइनुद्दीन के रूप में पहचाना जाने वाला व्यक्ति, रिकॉर्ड के अनुसार 30 वर्षीय जेएनयू एमफिल छात्र पंकज कुमार मिश्रा है । बूम ने मिश्रा का वैध आईडी प्रूफ देखा जिसमें कहा गया है कि उनका जन्म 8 मार्च, 1989 हुआ है । यह उस दावे के विपरीत है जिसमें कहा गया है कि 1989 में उन्होंने विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया था । कई असंबंधित तस्वीरें प्रसारित हो रही हैं जिसमें दावा किया जा रहा है कि विश्वविद्यालय में चल रहे शुल्क वृद्धि का विरोध करने वाले छात्र अपनी पढ़ाई की उम्र पार कर चुके हैं ।

फ़ैक्ट चेक

बूम यह पता लगाने में सक्षम था कि स्क्रीन ग्रैब मूल रूप से ज़ी न्यूज़ बुलेटिन का है, जिसे एंकर सुधीर चौधरी के प्राइम टाइम शो, डीएनए के हिस्से के रूप में प्रसारित किया गया था ।

जेएनयू में मास्टर डिग्री के एक छात्र को दिखाने वाला एक अन्य स्क्रीनग्रैब, जहां वह मीडिया हाउस के ख़िलाफ़ नारे लगाती है, इसी तरह के दावे के साथ फैलाई जा रही है ।

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बूम ने मिश्रा से संपर्क किया जिन्होंने कहा, “फ़ोटो एक वीडियो से है जो छह दिन पहले ज़ी न्यूज़ द्वारा रिकॉर्ड किया गया था । जब यह रिकॉर्ड किया गया तो हम ज़ी मीडिया के ख़िलाफ़ नारे लगा रहे थे । वही सुधीर चौधरी के शो में प्रसारित किया गया था ।”

मिश्रा ने बूम को स्पष्ट किया कि उनका जन्म 1989 में हुआ था और वे 30 साल के हैं। सरकार द्वारा अनुमोदित मिश्रा के आईडी कार्ड की एक प्रति भी बूम के पास है ।

इलाहाबाद के रहने वाले मिश्रा ने इस साल की शुरुआत में जेएनयू में सामाजिक चिकित्सा और सामुदायिक स्वास्थ्य के एमफिल कार्यक्रम में दाखिला लिया है । मिश्रा पहले नीति आयोग के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में काम कर रहे थे । मिश्रा ने कहा, "मैंने एमफिल कार्यक्रम में दाखिला लिया, क्योंकि मेरी नौकरी में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए डिग्री की आवश्यकता थी ।"

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