दावा: अयोध्या की सड़के कार्यकर्ताओ से भरी थी जिन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों से विश्व हिन्दू परिषद् के ग्रैंड धर्म सभा के लिए रविवार को राम मंदिर के निर्माण के लिए दबाव डाला था। (
कैप्शन में तस्वीरो के साथ )
रेटिंग: झूठ
सच्चाई : जिन तस्वीरो को अयोध्या का बताकर वायरल किया जा रहा है वह दरअसल मराठा आरक्षण आंदोलन की है जिसके दौरान हज़ारों की संख्या में लोग वर्ष 2016 में महाराष्ट्र के गावों और कस्बों से होता हुआ मुंबई तक पहुँचा था | यह जन सैलाब सड़को पर आकर आरक्षण की मांग कर रहा था | फ़ेसबुक और
ट्विटर पर
'मराठा आरक्षण आंदोलन' की तस्वीरो को अयोध्या में हो रहे आंदोलन से जोड़ कर दिखाया जा रहा है। यह तस्वीरें फिलहाल सोशल मीडिया पर अयोध्या में जुटे जन-सैलाब की तस्वीरों के नाम से वायरल की जा चुकी हैं |
Full View Full View Full View इन तस्वीरो को
'नमो भारत- नरेंद्र मोदी फॉर पी.एम्' नामक पेज पर शेयर किया गया जिसके 5 लाख से ज़्यादा फोल्लोवेर्स है।
वायरल होती तस्वीरो की सच्चाई को परखने के लिए
'मराठा क्रांति मोर्चा' नामक वेबसाइट पर जा कर उन्हें गैलरी में भी देखा जा सकता है | इन तस्वीरों को जब बूम ने अलग अलग रिवर्स इमेज सर्च के मदद से जांचा तो हमें मालूम चला की इन तस्वीरों का उत्तर प्रदेश या अयोध्या से कोई लेना देना नहीं। जबकि भारी तादाद में जुटे लोगों की तस्वीरें असल में 'मराठा आरक्षण आंदोलन' की है,
न्यूज़ 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार एक तस्वीर राजस्थान में हुए करणी सेना आंदोलन की है | राजपूत समाज द्वारा राजस्थान में भी लोग आरक्षण की मांग को लेकर सड़को पर उतरें थे | ज्ञात रहे वर्ष 2016 में पूरे देश में सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा में
आरक्षण की मांग को लेकर देश भर में समाज के विभिन्न हिस्सों से लोगो ने रैली निकालकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्शाया था।