Claim
सोशल मीडिया पर पीले कपड़े पहने एक युवक की क्रिकेट बैट से पिटाई का वीडियो इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि यह एक कट्टर मुस्लिम द्वारा हिन्दू मंदिर के पुजारी की पिटाई का वीडियो है.
Fact
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा सांप्रदायिक दावा ग़लत है. मामले में शामिल दोनों पक्ष हिन्दू समुदाय से हैं. बूम इससे पहले भी नवंबर 2020 में इस वीडियो को फ़ैक्ट चेक कर चुका है. उस वक्त भी यह सांप्रदायिक दावे से वायरल था. तल्कालीन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, यह घटना हरियाणा के फतेहाबाद ज़िले की थी. बूम ने उस वक्त स्थानीय एसएचओ से बात की थी तो उन्होंने बताया था कि " यह घटना फ़तेहाबाद ज़िले के ढाबी कलां की है. दरअसल एक मंदिर है और पास ही एक खेल का मैदान है. जब वो लोग बैट और बाक़ी सामान मंदिर में रख रहे थे तब किसी बात को लेकर उनके बीच ग़लतफ़हमी हो गयी थी." हालांकि एसएचओ ने बताया था कि "अभी इस घटना को लेकर मामला दर्ज नहीं हुआ. पुजारी मध्यप्रदेश का रहने वाला था उसके लौटने पर कुछ कार्यवाही होगी." वहीं पुलिस स्टेशन पर सुरक्षा अभिकर्ता के रूप में तैनात निहाल सिंह ने बूम को बताया था कि " पुजारी के मोबाइल में किसी लड़की से बात करने की ऑडियो क्लिप थी जिसे युवकों ने देख लिया था. इसके बाद युवकों ने पुजारी की पिटाई की." ऑडियो क्लिप के बारे में पूछने पर निहाल सिंह ने कहा कि "यह तो पुजारी से पूछताछ करने के बाद ही साफ़ होगा, अभी पुजारी मध्यप्रदेश में है." बाद में बूम को इस मामले में दर्ज की गई एफ़आईआर मिली जिसके मुताबिक़ अमित उर्फ़ दाकल, कृष्ण और प्रदीप उर्फ़ पीटर पर पुजारी के साथ मारपीट के मामले में मामला दर्ज किया गया. पूरी रिपोर्ट नीचे पढ़ें