HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
फास्ट चेक

अरविंद केजरीवाल पर रेप के आरोप वाली फर्जी न्यूजपेपर कटिंग फिर से वायरल

बूम ने पाया कि वायरल न्यूजपेपर कटिंग फर्जी है, इसे एक ऑनलाइन पेपर क्लिप जनरेटर की मदद से बनाया गया है.

By - Jagriti Trisha | 4 April 2024 10:03 AM GMT

Claim

सोशल मीडिया पर एक न्यूजपेपर की कटिंग (आर्काइव लिंक) शेयर की जा रही है. इसमें दावा है कि यह टेलीग्राफ में छपी एक खबर है जिसके मुताबिक, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आईआईटी खड़गपुर में पढ़ाई के दौरान बलात्कार का आरोप लगा था.

Fact

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल न्यूजपेपर कटिंग फेक है. इसे एक ऑनलाइन पेपर क्लिप जनरेटर की मदद से बनाया गया है. वायरल पेपर कटिंग पर 8 जून 1987 की तारीख और खड़गपुर मेंशन है. 'द टेलीग्राफ' के मास्टहेड के साथ छपी इस रिपोर्ट में लिखा है कि एक स्थानीय लड़की ने एक 19 वर्षीय लड़के पर बलात्कार का आरोप लगाया था. आरोपी की पहचान अरविंद केजरीवाल के रूप में हुई है. इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि शिकायत दर्ज कराने के बाद केजरीवाल को स्थानीय पुलिस ने हिरासत में ले लिया. ( मोटे तौर पर अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद) आगामी 19 अप्रैल से देश में लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं, जिससे जोड़ते हुए इस तरह की तमाम खबरें वायरल हो रही हैं. वायरल कटिंग की स्टाइल शीट में कई तरह की विसंगतियां थीं, जिससे स्पष्ट था कि यह खबर विश्वसनीय नहीं है. इसकी सच्चाई जानने के लिए हमने इससे संबंधित कुछ कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया. हमें ऐसी कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें केजरीवाल पर लगे बलात्कार के आरोप का जिक्र हो. असल में यह पेपर कटिंग इससे पहले भी कई बार वायरल हुई थी. बूम ने 2020 में भी इसका फैक्ट चेक किया था. उस समय बूम ने ऑनलाइन पेपर क्लिप जनरेटर की मदद से इस तरह का नमूना बनाकर इस खबर को खारिज किया था. पूरी फैक्ट चेक नीचे पढ़ें-


Related Stories