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फैक्ट चेक

जी नहीं, ये लाशें चीन द्वारा समंदर में नहीं फेंकी गयी हैं

बूम ने पाया की असल वीडियो लीबिया के समुद्री तट के पास 2014 में हुए एक हादसे में मारे गए लोगों को दिखाता है ना की कोवीड-19 मरीज़ों की लाशो को

By - Saket Tiwari | 16 Jun 2020 2:27 PM GMT

सोशल मीडिया पर एक पुराना, झकझोर देने वाला वीडियो पिछले कुछ दिनों से काफ़ी वायरल है | वीडियो से प्रतीत होता है की ये किसी समुन्द्र तट पर रिकॉर्ड किया गया है और बड़ी संख्या में लाशें तट पर आ रही हैं | कई लोगों को राहत कार्य में व्यस्त देखा जा सकता है | क्लिप के साथ कैप्शन में लिखा है 'यह लाशें चीन द्वारा समंदर में फेंकी गई बताई जा रही है'.

बूम ने पता लगाया की ये वीडियो दरअसल 6 साल पुराना है और ये समुंद्री तट ताइवान या हॉंकॉंग का नहीं हैं | 25 अगस्त 2014 को अल-कार्बोले तट - त्रिपोली से 60 किलोमीटर दूर - यह लाशें मिली थी | ये लाशें उन 200 आप्रवासियों की थी जिनकी मौत अगस्त 23, 2014 को उस नाव के डूबने से हुई थी जिसमे वो गैरकानूनी तरीके से यात्रा कर रहे थे | |

पोस्ट भयावह है इसलिए बूम ने सिर्फ़ उन तस्वीरों को अपने होम पेज पर शेयर किया है | वायरल पोस्ट यहां देखें और इसका आर्काइव्ड वर्शन यहाँ |

करीब दो मिनट लम्बे इस वीडियो क्लिप में एक हिंदी वॉइस ओवर के ज़रिये ये फ़र्ज़ी दावें किये गए हैं |

वीडियो में आप एक व्यक्ति को हिंदी में ये कहते सुन सकते हैं: दरअसल ये जो लाशों का ढेर आप देख रहे हैं, यह चीन द्वारा छुपाई गयीं लाशें हैं जो उसने कोरोना संक्रमित होने के बाद हुई मौत के चलते समुद्र में फ़ेंक दी थी जो अब ताइवान हॉंकॉंग सहित समुद्री तट से लगे देशों के किनारों पर आने लगी हैं | उस देश में जिसमे ये लाशें बह कर आ रही हैं, देश खासे परेशान हैं और बेहद चिंतित हैं क्यूंकि लाशों को खाने से जो समुद्री जीव हैं वह भी संक्रमण का शिकार हो सकते हैं और इन लाशों के ढेर अलग अलग देशों के तट पर आने लगे हैं | ये वायरल वीडियो इन दिनों दुनिया में खलबली मचाये हुए है | फ़िलहाल ये किस देश का है इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है | यह वीडियो वायरल है जिसमे कहा गया है की चीन ने जो कोरोना वायरस से संक्रमित लोगो की मौत हुई है उसे समंदर में फ़ेंक दिया और वह पडोसी देशों के किनारों पर इस समय इस तरह से हिचकोलें खाते हुए लहरों के साथ आ रहे हैं जिसे देखकर काफ़ी पीड़ा होती है | चीन को लेकर पहले ही पूरी दुनिया आक्रोशित है और इस तरह की हरकतों से अगर ऐसा चीन वास्तव में कर रहा है तो दुनिया उसको कभी माफ़ नहीं करेगी और उसको ले कर रोष और उत्पन्न हो जाएगा ... वायरल वीडियो में यह दावा किया गया है की ये लाशें चीन द्वारा समुन्द्र में डंप की गई थी जो अब बह कर आस पास के पडोसी देशों में पहुंचने लगी हैं... |

यह भी पढ़ें: चीन में संदिग्ध कोविड -19 मरीज़ों पर पुलिस की कार्यवाही दिखाने वाला वीडियो फ़र्ज़ी है

नोट: तस्वीरें देखते समय विवेक का इस्तेमाल करें | 




यह भी पढ़ें: क्या दिल्ली पब्लिक स्कूल ने स्टूडेंट्स को 400 रुपये के फ़ेस मास्क्स बेचना शुरू किया हैं?

फ़ैक्ट चेक

बूम ने इस तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया | हमें पांच साल पुराना एक आर्टिकल मिला जिसमें सामान वीडियो के फ्रेम्स का इस्तेमाल हुआ था |


इस आर्टिकल से कीवर्ड्स लेकर खोज करने पर डेलीमोशन नामक वीडियो स्ट्रीमिंग वेबसाइट पर हमें यही वीडियो मिला | इस वीडियो में व्याख्या की गयी थी की कैसे यह लोग प्रवासी हो सकते हैं |

इसके बाद आगे ढूंढने पर हमें गेट्टी इमेजेज़ पर एक तस्वीर मिली | इस तस्वीर के डिस्क्रिप्शन में लिखा है: "ग्राफ़िक कंटेंट: राहत कर्मी गैरकानूनी आप्रवासियों की लाशें अल-कार्बोले तट पर निकाल रहे हैं | यह त्रिपोली से 60 किलो मिटेर पूर्व में स्थित है | तस्वीर 25 अगस्त 2014 को ली गयी थी | दो दिन पहले 200 गैरकानूनी आप्रवासियों को सब सहारा अफ़्रीका से ले जा रही बोट लीबिया के कोस्ट के पास डूब गयी थी... ए.ऍफ़.पी तस्वीर / महमूद तुर्किया"


आगे जांच करते हुए हमनें वायरल वीडियो के एक फ़्रेम के साथ गेट्टी इमेजेज़ की तस्वीर की तुलना की | हमें दोनों तस्वीरों में कई समानताएं मिली जिससे पुष्टि की जा सकती है की वायरल वीडियो उसी घटना के दौरान बनाया गया था जिससे अब फ़र्ज़ी दावों के साथ शेयर किया जा रहा है | तुलना नीचे देखें |

नोट: यह तस्वीरें देखते समय विवेक का इस्तेमाल करें |


इसके अलावा हमें कुछ और वीडियो भी मिले जो इस बात की पुष्टि करते हैं की घटना लीबिया तट के पास ही हुई थी |

Full View

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