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फैक्ट चेक

अज़रबैज़ान का वीडियो, स्पेन पुलिस द्वारा लॉकडाउन के फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल

बूम ने पाया की वीडियो एक प्रोटेस्ट रैली का है जो अज़रबैज़ान में पिछले साल हुई थी

By - Sumit | 1 April 2020 1:07 PM IST

अज़रबैज़ान की राजधानी में पुलिस द्वारा नागरिकों को पीटने का वीडियो जो 2019 के एक प्रोटेस्ट के दौरान फिल्माया गया था, इस दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल है की स्पेन की पुलिस कोरोनावायरस महामारी के चलते लॉकडाउन करने के लिए नागरिकों को मार रही है|

इस वीडियो के साथ एक कैप्शन है जिसमें लिखा है: "यह स्पेन में हो रहा लॉकडाउन है, भारत में रहने वाले तुम लोग सौभाग्यशाली हो की तुम्हे सिर्फ डंडे मारे गए हैं "

यह भी पढ़ें: क्या वाकई गृह मंत्रालय ने कोरोनावायरस मैसेज शेयर करने को दंडनीय अपराध बनाया है?

हालांकि, बूम ने पाया की वीडियो अज़रबैज़ान की राजधानी बाकू से है और यह हाल में फैली कोरोनावायरस महामारी से सम्बंधित नहीं है| यह किसी लॉकडाउन से भी सम्बंधित नहीं है जो इस महामारी के चलते कई देशों में जारी है|

पांच मिनट लम्बे इस वीडियो में पुलिसकर्मियों को देखा जा सकता है जो रोड पर नागरिकों को मार रहे हैं और वन में जबरदस्ती लेकर जा रहे हैं| इस वीडियो में कई कट हैं जिससे लगता है की यह लम्बे वीडियो को काट कर बनाया गया है|

वीडियो नीचे देखा जा सकता है और इसका आर्काइव्ड वर्शन यहाँ देखें|

Full View



यह वीडियो फेसबुक पर तो वायरल है ही, व्हाट्सएप्प पर भी तेजी से वायरल हो रहा है|

दरअसल, यह वीडियो तब वायरल हुआ है जब कोविड-19 महामारी के चलते भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित हुआ है| इस जानलेवा वायरस ने भारत में अब तक 1,400 मामले संक्रमण के हैं और 35 मौतें हुई हैं|

फ़ैक्ट चेक

बूम ने वीडियो के स्क्रीनशॉट के साथ एक रिवर्स इमेज सर्च किया तो कई यु.आर.एल लिंक मिले जिसमें यही वीडियो देखा जा सकता है| वास्तविक वीडियो अक्टूबर 2019 का है जो अज़रबैज़ान की राजधानी बाकू में फिल्माया गया था|


वास्तविक वीडियो नीचे देखें|

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हमनें पाया की वीडियो एक प्रोटेस्ट रैली का है जो बाकू में पिछले साल निकाली गयी थी| यह प्रोटेस्ट रैलियों की एक श्रंखला थी जो 8, 19, 20 अक्टूबर को निकाली गयी थीं|

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प्रदर्शनकारी, विपक्ष पार्टियों के साथ स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के पक्ष में और वित्तीय असमानता और बढ़ते भ्रस्टाचार के ख़िलाफ प्रदर्शन किया था|

कुछ न्यूज़ पेपर रिपोर्ट्स के अनुसार, अज़ेरी पुलिस ने प्रदर्शनकरियों के साथ क्रूरता की और उनमें से कई लोगों को गिरफ़्तार किया|

रायटर्स ने अपनी 19 अक्टूबर 2019 की एक रिपोर्ट में उल्लेख किया है की पुलिस ने 80 प्रदर्शनकार्यों को गिरफ़्तार किया, जिनमें मुख्य विपक्ष पॉपुलर फ्रंट के नेता भी थे|

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