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फैक्ट चेक

मंदिर में मांस फेंके जाने वाले साम्प्रदायिक दावों को यूपी पुलिस ने किया ख़ारिज

हाथरस पुलिस ने घटना में किसी भी तरह का सांप्रदायिक कोण होने से इंकार किया है।

By - Saket Tiwari | 12 March 2020 8:07 PM IST

सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट में उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में स्थानीय मुस्लिमों द्वारा मंदिर में कच्चे मांस के टुकड़े फेंकने का दावा किया जा रहा है। यह दावा झूठा है। पुलिस ने घटना में किसी भी तरह का सांप्रदायिक कोण होने से इंकार किया है।

इस घटना के लिए किसी भी सांप्रदायिक कोण को ख़ारिज करते हुए, हाथरस पुलिस ने स्पष्ट किया कि एक स्थानीय चिकन की दुकान के मालिक ने एक कूड़ेदान में पोल्ट्री कचरा डाल दिया था जिसे इलाके के आवारा कुत्तों ने खींच कर बाहर निकाल लिया और फैला दिया।

ट्वीटर और फेसबुक पर झूठे दावों के साथ 30 सेकेंड का क्लिप वायरल हो रहा है जिसमें आवारा कुत्तों को सड़क पर बिखरे कच्चे मांस के टुकड़ों को उठाते हुए दिखाया गया है, जबकि पास ही कुछ लोग और पुलिस अधिकारी खड़े हैं।

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क्लिप शेयर करते हुए दावे में लिखा है, "नाई का नगला मोहल्ला जनपद हाथरस में जहां मिश्रित आबादी रहती है वहां मुसलमानों द्वारा हिन्दुओ के पवित्र स्थल मंदिर के आसपास माँस के लोथड़े फेंके गए है| हिन्दुओ के मंदिरों के साथ ये व्यवहार आखिर कब तक ?? @Banswal_IPS @dgpup @igrangeagra @digrangealigarh @Uppolice@myogiadityanath)।"

पोस्ट नीचे देखा जा सकता है।

ट्वीट का स्क्रीनशॉट फेसबुक पर भी वायरल हो रहा है।

Full View

वीडियो फेसबुक पर वायरल है।

Full View

फ़ैक्टचेक

बूम ने ट्वीट की कमेंट सेक्शन को देखा और यूपी पुलिस का एक जवाब पाया जिसमें हाथरस पुलिस को टैग करते हुए वायरल ट्वीट में उल्लिखित घटना पर कार्यवाही करने की बात कही गई थी।

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उत्तर प्रदेश का ट्वीट नीचे देखा जा सकता है।

घटना की जांच में कोई सांप्रदायिक कोण नहीं मिला और हाथरस पुलिस ने वायरल दावे का खंडन करते हुए ट्वीट किया।

पुलिस ने बयान में कहा -

खंडन

सोशल मीडिया पर एक वीडियो फैलाया जा रहा है जिसमें मुसलमानों पर आरोप लगाते हुए दावा किया गया है कि हाथरस जनपद में नई का नगला कॉलोनी में हिंदुओं के पवित्र मंदिर स्थल पर मुसलमानों ने मांस के टुकड़े फेंके हैं। जब क्षेत्र प्रभारी ने घटना स्थल का दौरा किया, तो उन्होंने पाया कि यह मांस नहीं बल्कि चिकन के टुकड़े हैं जिन्हें कुत्तों द्वारा कूड़ेदान से खींचा गया है। किसी भी स्रोत से इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है कि मुसलमानों ने हिंदुओं के पवित्र मंदिर में मांस फेंका है। पुलिस को कूड़ेदान में किसी (एक दुकानदार) द्वारा फेंकी गई बेकार सामग्री भी मिली। इसलिए हाथरस पुलिस दावे से इनकार कर रही है।

सोशल मीडिया सेल,

हाथरस

यह स्पष्ट नहीं है कि आसपास के क्षेत्र में कोई मंदिर है क्योंकि वीडियो में यह नहीं दिखाया गया है।

बूम द्वारा विसुअल इन्वेस्टीगेशन करने पर पाया गया की बाद में वीडियो में कचरे के ढेर को देखा जा सकता है। इससे पुलिस के सत्यापन की पुष्टि होती है कि आवारा कुत्ते सड़क पर मांस के टुकड़ों को खींच कर लाए थे।


उपरोक्त फोटो से पता चलता है कि कच्चे मांस के टुकड़े वास्तव में पॉल्ट्री के इस्तेमाल ना होने वाले अवशेष हैं।

नीचे दी गई तस्वीर वायरल वीडियो का स्क्रीनग्रैब है। इसमें कचरा और आवारा कुत्ता देखा जा सकता है।



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