कोरोनावायरस महामारी से निपटने को ले कर पाकिस्तान का मज़ाक उड़ाता एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है | पोस्ट में शेयर की गयी तस्वीर में आप कुछ लोगों को खाट पर लेटे देख सकते हैं और उन्हें ट्यूब्स के ज़रिये दवाइयां चढ़ाई जा रही है | इसके साथ फ़र्ज़ी दावा किया जा रहा है की ये पाकिस्तान का एक आइसोलेशन चैम्बर हैं जहाँ कोवीड-19 पेशेंट्स का इलाज चल रहा है |
बूम ने पाया की ये फ़ोटो पाकिस्तान से ही है परन्तु यह इंटरनेट पर कम से कम दो साल से मौजूद है |
कोरोनावायरस चीन के वुहान में 2019 के अंत में फ़ैला जिसके बाद धीरे-धीरे इसने दुनियाभर के कई देशों को अपनी गिरफ़्त में ले लिया । द हिन्दू की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में कोरोनावायरस के अब तक 1,08,000 मामले सामने आए हैं ।
वायरल पोस्ट के साथ लिखा कैप्शन कहता है: "जो यहाँ पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते है सोचा उनको दिखा दूं पाकिस्तान का कॅरोना आइसोलेशन वार्ड" |
यह भी पढ़ें: हैदराबाद के मज़दूरों के विरोध को गुजरात का बताकर किया गया वायरल
नीचे ऐसी ही कुछ पोस्ट्स देखें और इनका आर्काइव्ड वर्शन यहाँ और यहाँ देखें |
जो यहाँ पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते है सोचा उनको दिखा दूं पाकिस्तान का कॅरोना आइसोलेशन वार्ड चले जाओ पाकिस्तान वही सही है तुम्हारे लिए गद्दारो देख लो पकितस्तान 😁🤣
— SoniNimera (@NimeraSoni) June 8, 2020
।।। जय श्री राम।। pic.twitter.com/XjZKjHZzs0
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च पर डाला । हमें कुछ उर्दू के पोस्ट इसी तस्वीर के साथ मिले ।
इस सर्च के दौरान हमें पीर बक्स सिंधी नामक ट्विटर हैंडल द्वारा 27 मार्च 2019 का एक पोस्ट मिला जिसमें यही तस्वीर थी ।
हिंदी अनुवाद में कैप्शन कुछ यूं है: पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश जो इन गरीब लोगों को छोड़ रहे हैं, कानून केवल गरीब लोगों को दंडित करने के लिए बना है।
سياستدانون کو رحا کر رھي ھو ان غريب عوام کا حساب کون ديگا قانون صرف غريب عوام کو سزا ديني کيلئي بنايا گيا ھي پاکستان چيف جسٽس صاحب pic.twitter.com/Czfnnz1XIc
— Pir Bux Sindhi (@pirbuxsindhi) March 27, 2019
फ़ेसबुक पर कीवर्ड्स सर्च करने के दौरान हमें इसी तस्वीर के साथ शेयर किये गए दो पोस्ट्स मिले जो वर्ष 2018 से हैं | इनमे से एक पोस्ट दावा करता है की तस्वीर सिंध से है |
पोस्ट के साथ उर्दू में लिखा कैप्शन कहता है 'यह सिंध और भुट्टो यहाँ जीवित है।'
हालांकि तस्वीर वास्तविक तौर पर कब और किसने ली, यह तो पता नहीं चल पाया परंतु तस्वीर कोरोना महामारी से जुड़ी नहीं है इस बात की पुष्टि बूम कर सकता है |