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फैक्ट चेक

उन्नाव रेप केस: कुलदीप सिंह सेंगर को नहीं मिली है जमानत

बूम ने अपनी पड़ताल में पाया की पीड़िता के चाचा को लखनऊ हाई कोर्ट ने जमानत दी है

By - Shivani Pathak | 24 May 2020 1:59 PM GMT

वर्ष 2017 के उन्नाव रेप कांड के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर को लेकर एक दावा फ़ेसबुक और ट्विटर पर वायरल है की हाई कोर्ट ने उसे ज़मानत दे दी है। आपको बता दें की यह दावा झूठा है । भाजपा से निष्काषित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर एक 17 साल की लड़की का बलात्कार करने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहें हैं |

वर्ष 2017 के जून में उत्तर प्रदेश के उन्नाओ से एक 17 साल की लड़की ग़ायब हो गयी । परिवारजनों द्वारा मिसिंग पर्सन कंप्लेंट दर्ज़ कराने के नौ दिन बाद लड़की मिलती है और कुलदीप सेंगर, उनके भाई अतुल सिंह और कुछ अन्य साथियों पर एक हफ़्ते तक गैंग रेप का आरोप लागती है । इसके बावजूद लोकल पुलिस उस समय भाजपा से विधायक पद पर आसीन सेंगर का नाम ऍफ़ आइ आर में नहीं लिखती है । इसके बाद के महीनों में पीड़िता को काफ़ी भाग दौड़ करनी पड़ती है । उसके पिता को पीटा को पीटा जाता है और आर्म्ज़ ऐक्ट के तहत गिरफ़्तार भी किया जाता है |

अंततः यह केस देश के सामने तब आता है जान जब पुलिस की निष्क्रियता से क्षुब्ध पीड़िता मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने ख़ुद को जलाने का प्रयत्न करती है | इसके कुछ समय पश्चात ही पीड़िता के पिता की कस्टडी में मृत्यु हो जाती है । इसके बाद जब लोगों में नाराज़गी बढ़ी तब प्रशासन ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम को केस की जाँच करने को कहा। अंत में सेंगर को सी बाई आइ ने गिरफ़्तार कर लिया । वर्ष 2019 के दिसंबर में दिल्ली के तीस हज़ारी कोर्ट ने सेंगर को एक नाबालिक के अपहरण एवं बलात्कार का दोषी पाया और उम्रक़ैद की सज़ा सुनायी ।

हालाँकि फ़िलहाल सोशल मीडिया पर ये दावा वायरल हो रहा है की सेंगर को हाई कोर्ट ने ज़मानत दे दी है | ये दावा फ़र्ज़ी है |

वायरल पोस्ट नीचे देखें और उसका आर्काइव्ड वर्ज़न यहां देखें |


Full View



यही दावा ट्विटर पर भी ऐसे ही कैप्शंस के साथ वायरल है | 

 

फ़ैक्ट चेक

बूम ने अपनी पड़ताल में पाया की जब सेंगर को दिल्ली कोर्ट ने सज़ा सुनायी थी तो धारा 376 के तहत उम्रक़ैद की सज़ा सुनायी थी। इसीलिए उनको जमानत मिलना मुमकिन नहीं है । दावे के साथ जो फ़ोटो वायरल है वह काफ़ी पहले का है जब सेंगर पर आरोप लगाए गए थे। कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह तस्वीर नज़र आती है ।

बूम को सेंगर की बेल पर कोई न्यूज़ रिपोर्ट तो नहीं मिली पर हमें ऐसे कई रिपोर्ट्स मिलें जिसमें पीड़िता के चाचा को जमानत मिलने की बात कही गयी है |

शुक्रवार (मई 22) को लखनऊ हाई कोर्ट ने पीड़िता के चाचा को न्यायिक अभिलेखों में सफेदा लगाने के प्रकरण में जमानत दे दिया है | वो तिहाड़ जेल में बंद हैं | (यहाँ पढ़िए )


सेंगर ने जनवरी 2020 में कोर्ट के फ़ैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में अपील दायर की थी | दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंगर की अपील ठुकराते हुए सी बी आई की राय मांगी थी | (यहां पढ़िए)

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