एक लड़की के साथ राहुल गाँधी की केरला दौरे के वक़्त की तस्वीर ग़लत तरह से जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन अधिनियम के ख़िलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन से जोड़ी जा रही है |
वायरल पोस्ट में तीन तस्वीरों का एक समूह शेयर किया जा रहा है | एक तस्वीर सफ़ा फेबिन की राहुल गाँधी के साथ है एवं बाक़ी दो तसवीरें जामिया की छात्राएं लाडीदा और आयेशा हैं जो दिल्ली पुलिस का सामना कर रही हैं |
वायरल पोस्ट में विश्वविद्यालय के छात्रों पर आरोप लगाया गया है की वो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से जुड़े हैं एवं प्रदर्शन राजनैतिक तौर पर प्रोत्साहित हैं |
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कैप्शन में लिखा है: "#राहुल_गांधी के साथ ये वही #जिहादिन है जो कल सुरक्षा बलों पर पथराव कर रहे दंगाई को बचा रही थी और भद्दी भद्दी गालिया दे रही थी।🤔 राहुल के साथ इसका फ़ोटो देखकर एक बात साफ हो गई कि ये दंगे पूर्ण रूप से सुनियोजित तरीके से #कोंग्रेस ओर #आम_आदमी_पार्टी के मिलीभगत से हुआ है।😠 आज पूरा देश देख रहा है कितने गद्दार भरे पड़े हैं हमारे बीच में।"
फ़ैक्ट चेक
पहली तस्वीर जिसमें एक छात्रा राहुल गाँधी से बात करती हुई नज़र आती है दरअसल करुवाकुण्डू गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल मलप्पुरम में दिसंबर के शुरुआत में ली गयी थी | गाँधी स्कूल में नयी विज्ञान प्रयोगशाला का उद्घाटन करने गए थे | इस दौरान उन्होंने अंग्रेजी में बात की जिसका मलयालम में अनुवाद करने 17 वर्षीय सफ़ा फेबिन स्टेज पर गयीं थी | यहाँ और पढ़ें |
इसके अलावा वायरल दो और तस्वीरें विश्वविद्यालय के बच्चों पर दिल्ली पुलिस की कार्यवाही की हैं | यह तस्वीरें उस वक़्त की हैं जब कुछ बच्चे प्रदर्शन आक्रामक होने पर एक मकान में शरण ले रहे हैं | इन दो छात्राओं - लाडीदा फरज़ाना और आयेशा रेना - ने पुलिस के ख़िलाफ खड़े होकर और उन्हें रोक कर अपने साथी छात्र शाहीन अब्दुल्लाह को पिटने से बचाया | इस दोनों छात्राओं का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था |
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How to rescue a victim during a #lynching incident.
— Natasha Badhwar (@natashabadhwar) December 15, 2019
Real life demo by women students of #Jamia
pic.twitter.com/cHavlAtxmH
फरज़ाना और रेना का इंटरव्यू नीचे देखें |
A Tale of Two Photographs & the Women in them. I meet the #Jamia Women who saved a male friend from getting beaten by the police & stood in front of the lathis themselves. They were also the two who defined an iconic image of the protest. My ground report https://t.co/8taYPREw6F
— barkha dutt (@BDUTT) December 17, 2019