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फ़ैक्ट चेक

कीचड़ के बीच पढ़ाई कर रही लड़कियों की पुरानी तस्वीर फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल

बूम ने पाया की तस्वीर कई पाकिस्तानी सोशल मीडिया हैंडल्स से पिछले कई सालो से पंजाब, पाकिस्तान बताकर शेयर की जा रही है

By - Saket Tiwari | 21 July 2020 3:18 PM GMT

बारिश से बदहाल एक स्कूल का सूरत-ऐ-हाल बयान करती तस्वीर सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल है | कीचड़ में कुछ बच्चे बैठे हैं और तस्वीर शेयर करने वाले शख्स परवेज़ खान अपने फ़ेसबुक पेज पर लिखते हैं 'दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति वाले देश के स्कूलों की दशा देखें, जरा गौर से देखो इन बालको को, जब सरकार ही इनसे सुविधाये छिन रही हैं तो इन्का भविष्य कैसें बनेगा!! खुद तो सरकार मे अनपढ लोग बैठे हैं और आने वाली पिढी को भी अनपढ बनाने पर तुली हैं.... क्या 135 करोड़ लोगो...??? आपमें इस सच्चाई को साझा करने का साहस है' |

कैप्शन कटाक्षपूर्ण है पर गलत है |

बूम ने पाया की ये तस्वीर करीब पांच साल पुरानी है और भारत की नहीं बल्कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की है | हमें कुछ ऐसे प्रमाण मिले हैं जो वायरल दावे को ख़ारिज  करते हैं |

जी नहीं, ये तस्वीर पाकिस्तान के कोवीड-19 आइसोलेशन वार्ड की नहीं है

वायरल पोस्ट नीचे देखें और इसका आर्काइव्ड वर्शन यहाँ उपलब्ध है |


पाकिस्तान के हैदराबाद का दर्दनाक वीडियो भ्रामक दावों के साथ भारतीय फ़ेसबुक पेजेज़ पर वायरल

फ़ैक्ट चेक

आपको ज्ञात होगा की नोवेल कोरोनावायरस महामारी के चलते भारत भर में स्कूल बंद हैं | यहाँ पढ़ें |

इस तस्वीर को हमनें रिवर्स इमेज सर्च पर डाला तो हमें कई ऐसे सोशल मीडिया पोस्ट्स मिलें जिनमे इस तस्वीर को शेयर किया गया था | इनमे से कई पोस्ट्स पाकिस्तानी हैंडल्स से शेयर किये गए थे |

बूम ने इसके बाद कीवर्ड सर्च करने की सोची | हमने 'प्राइमरी स्कूल की हालत'' को उर्दू  में अनुवादित किया और इन कीवर्ड्स (پرائمری اسکول کی ہلاکت) से इंटरनेट पर सर्च किया |

हमने पाया की यही तस्वीर दिलावर हुसैन नामक शख्स के ट्विटर हैंडल से जुलाई 2, 2015 को ट्वीट की गयी थी |

इस तस्वीर के ऊपर उर्दू में कुछ लिखा हुआ था जिसका अनुवाद है 'मियाँ साहब 30 साल से पंजाब पर हुकूमत कर रहे हैं और बच्चियां तालीम मेट्रो वा बस पर बैठ कर हासिल कर रही हैं मरने का मक़ाम है' |

ज्ञात रहे की पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ का प्रचलित नाम मियाँ साहब है | ये तस्वीर वर्ष 2015 में शेयर की गयी थी और शरीफ़ उसी वक्त पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे |

इसके बाद सर्च से संकेत लेते हुए हमनें खोज की तो पाकिस्तानी न्यूज़ पोर्टल सियासत पर एक रिपोर्ट मिली जो 10 जून 2015 में प्रकाशित हुई थी | इस रिपोर्ट में यही तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था |


यह तस्वीर ट्विटर पर भी वायरल हुई थी |

ट्वीट के साथ अंग्रेजी में लिखा गया है 'धिक्कार है PMLN पर पाकिस्तान के शिक्षा व्यवस्था को तार तार कर देने के लिए | लोगो के लिए शिक्षा प्राप्त करना अब एक मुश्किल बात है | #PakAgainstChildLabour' |

PMLN या पाकिस्तान मुस्लिम लीग (ऍन) वही पार्टी है जिससे जीत कर शरीफ़ ने 2013 में पाकिस्तान की कमान संभाली थी |

यही तस्वीर हमें फ़ेसबुक पर भी मिली | इस पेज का नाम है "गवर्नमेंट लेबोरेटरी हायर सेकेंडरी स्कूल कमलिया" | कमलिया पाकिस्तान के टोबा टेक सिंह जिले में एक क़स्बा है | यह तस्वीर 26 जनवरी 2017 को पोस्ट की गयी थी |


The Lallantop ने भी वर्ष 2019 में इस तस्वीर को फ़ैक्ट चेक किया था | 

बूम हालांकि स्वतंत्र रूप से ये नहीं पता लगा पाया की ये तस्वीर कहाँ से है पर हम ये पता लगाने में कामयाब रहे की इस तस्वीर का उद्गम पाकिस्तान के सोशल मीडिया एकाउंट्स से हुआ है |

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