एक बाघ को हाथी पर बिठाकर अमानवीय तरीके से घुमाने का वीडियो बिहार के गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल है.
बूम ने जांच में पाया कि यह वीडियो उत्तराखंड के रामनगर स्थित स्थित जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का है, जब जनवरी 2011 में ग्रामीणों के रोष पर वन्यजीव अधिकारियों ने एक आदमखोर बाघ को मार गिराया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बाघ पर कुछ लोगों के शिकार का आरोप था, इससे ग्रामीणों में आक्रोश था.
टाइम्स नाउ नवभारत, जी बिजनेस, टीवी9 तेलुगू, साकाल (मराठी) सहित कई मीडिया आउटलेट ने इस वीडियो को बिहार के दावे से शेयर किया है.
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने भी इसी दावे के साथ यह वीडियो शेयर किया है.
फैक्ट चेक
वीडियो उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वायरल वीडियो के कीफ्रेम को गूगल लेंस से सर्च किया. हमें Tigerdiaries नाम के इंस्टाग्राम पेज पर 15 जून 2024 को शेयर किया गया यह वीडियो मिला. इसमें बताया गया कि 2011 में उत्तराखंड के सुन्दरखाल में एक बाघ ने छह लोगों की जान ले ली थी.
इससे संकेत लेकर संबंधित कीवर्ड से गूगल पर सर्च करने पर हमें 2011 की मीडिया रिपोर्ट भी मिलीं. हिंदुस्तान टाइम्स की 27 जनवरी 2011 की रिपोर्ट में बताया गया कि जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में कोसी नदी रेंज क्षेत्र में एक 27 वर्षीय व्यक्ति को बाघ द्वारा मार दिए जाने के संदेह में ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन किया था. इसके बाद वन अधिकारियों ने बाघ को मार गिराया था.
इंडिया टुडे की 1 फरवरी 2011 की रिपोर्ट के अनुसार, वन अधिकारियों के इस एक्शन पर कई वन्यजीव प्रेमियों ने सवाल उठाए थे. हालांकि उत्तराखंड वन्यजीव विभाग ने अपने इस कृत्य का बचाव किया था और उस बाघ को आदमखोर बताया था.
रिपोर्ट में उत्तराखंड के मुख्य वन्यजीव वार्डन एस के चंदोला के हवाले से लिखा गया, “विभाग ने किसी जानवर को आदमखोर घोषित करते समय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (1972) के सभी दिशानिर्देशों का पालन किया है. हमारे पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि यह वही बाघ है जिसने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के सुंदरखाल इलाके में चार लोगों का शिकार किया था.'
भारतीय वन सेवा अधिकारी परवीन कासवान ने भी अपने एक्स हैंडल पर बताया कि यह वीडियो उत्तराखंड के रामनगर का 2011 का वीडियो है.