फैक्ट चेक

नहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा बिल्कुल नहीं कहा की 1 करोड़ कोविड-19 मरीज़ों का इलाज मुफ़्त में किया गया है

बूम ने पाया की प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत लाभार्थियों की बात कर रहे थे ना की कोविड-19 मरीज़ों की

By - Shachi Sutaria | 2 Jun 2020 7:49 PM IST

नहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा बिल्कुल नहीं कहा की 1 करोड़ कोविड-19 मरीज़ों का इलाज मुफ़्त में किया गया है

इंडिया टीवी के एक ग्राफ़िक का स्क्रीन्शॉट इस दावे के साथ वायरल हो रहा है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात रेडियो ऐड्रेस में कहा की एक करोड़ कोविड-19 मरीज़ों का मुफ़्त इलाज किया जा चूका है | आपको बता दें की ये दावा फ़र्ज़ी है और चैनल ने प्रधानमंत्री की बात का ग़लत अर्थ दिखाया था ।

बूम ने प्रधानमंत्री के रेडियो ब्रॉड्कास्ट को सुना और पाया की मोदी उन सभी लाभार्थियों की बात कर रहे थे जिन्होंने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य स्कीम का सितंबर 2018 से - उसकी शुरुआत - उपयोग किया है। उन्होंने इस आँकड़े को देश में कोविड-19 केसेज़ से नहीं जोड़ा।

जून, 2020 तक इंडिया में 1,98,706 से अधिक केसेज़ हैं और 5,598 से ज़्यादा की मृत्यु हो चुकी है। दुनिया भर के कोरोना केसेज़ में इंडिया आठवें नम्बर पर आता है।

बूम द्वारा इंडिया टीवी से संपर्क के बाद चैनल ने 1 जून, 2020 को ट्विटर पर इस गलती की सुधार की | उन्होंने इसे 'ह्यूमन एरर' बताते हुए कहा कि भारत में इतने कोरोना पॉज़िटिव केसेज़ नहीं हैं |

31 मई 2020 को प्रधानमंत्री के ऐड्रेस के बाद इस ग़लत ग्राफ़िक का स्क्रीन्शॉट ट्विटर पर वायरल हुआ और यूज़र्स ने मोदी पर आरोप लगाना शुरू किया। आर्कायव यहाँ देखें।


फ़ेसबुक पर भी यह तस्वीर वायरल है। आर्कायव यहाँ देखें।

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बूम को यह वायरल ग्राफ़िक वेरिफ़िकेशन हेतु अपने वाट्सऐप की हेल्प्लाइन पर भी मिली।


फ़ैक्ट चेक

31 मई की अपने मन की बात संबोधन में प्रधानमंत्री ने देश में कोरोना की स्थिति के साथ-साथ कई योजनाओं के बारे में बात की जिनमें से एक थी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जिसे आयुष्मान भारत हेल्थ स्कीम भी कहा जाता है।

17 मिनट 55 सेकंड पर प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ स्कीम की बात करना शुरू करते हैं और 18 मिनट 5 सेकंड पर कहते हैं की 'डेढ़ साल पहले इस स्कीम के शुरुवात से लेकर अब तक एक करोड़ से अधिक लोगों को इस स्कीम से फ़ायदा हुआ है' |

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आयुष्मान भारत, भारत की प्रमुख हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है जिसे सितंबर 2018 में लॉंच किया गया था।

इंडिया टीवी के ग्राफ़िक ने पीएम की बात को ग़लत समझा और इस आँकड़े को कोविड-19 से जोड़ दिया। बूम को 11-11.30 बजे तक के मन की बात का सेग्मेंट इंडिया टीवी के सोशल मीडिया चैनल या प्रोफ़ाइल पर नहीं मिला।  

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