व्हाट्सएप्प पर एक सन्देश तेजी से फैलाया जा रहा है। मैसेज में दावा किया गया है कि भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए जनता को एक आपातकालीन अधिसूचना जारी की है। यह सन्देश फ़र्ज़ी है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अब तक केवल चीन की यात्रा करने वाले लोगों के लिए यात्रा सलाह जारी की है, जो जानलेवा 2019- कोरोनावायरस का केंद्र है।
यह संदेश, जिसमें अन्य बातों के अलावा, लोगों को अपने गले को हमेशा नम रखने और मार्च 2020 तक सार्वजनिक स्थानों से बचने की सलाह देता है, व्हाट्सएप्प के साथ फ़ेसबुक पर भी वायरल है।
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बूम को अपने व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर पर भी यह सन्देश प्राप्त हुआ जिसमें कई लोगों ने इसकी सच्चाई जानना चाह रहे हैं।
यही सन्देश फ़ेसबुक पर भी वायरल है जहां कई भारतीय यूज़रों ने इसे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक आपातकाल अधिसूचना बताते हुए शेयर किया है।
फ़ैक्ट चेक
वायरल सन्देश भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह नहीं है। भारत ने अभी तक केवल चीन के लिए एक यात्रा सलाह जारी की है और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए कोरोनावायरस से निपटने के लिए दिशानिर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 17 जनवरी, 2020 को एक यात्रा सलाह जारी की थी। चीन में मौतों की संख्या में वृद्धि और कई अन्य देशों में बीमारी के प्रसार के बाद 25 जनवरी, 2020 को इसे आगे अपडेट किया गया। मंत्रालय ने बुखार, बहती नाक और लगातार खांसी और सर्दी जैसे कोई लक्षण या लक्षण दिखाने वाले भारतीय नागरिकों के लिए एक अतिरिक्त हेल्पलाइन (011-23978046) भी शुरू की है।
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सलाह में व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना, मास्क पहनना और बीमार लोगों से संपर्क से बचने जैसे रोकथाम और एहतियात के तरीकों को भी बताया गया है।
इस सलाह के साथ, किसी भी मामले को संबोधित करने और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभावी प्रबंधन को पूरा करने के लिए मंत्रालय ने स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए 264 पेज का दस्तावेज जारी किया है।
मंत्रालय की सलाह में गले से संबंधित किसी भी चीज का या एक महीने तक भीड़-भाड़ वाली जगहों से परहेज रखने का उल्लेख नहीं किया गया है।
अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित निवारक उपायों को साझा किया है।
Some preventive measures against Novel #coronavirus :#ncov2020#HealthForAll@PMOIndia @drharshvardhan @AshwiniKChoubey @PIB_India @DDNewslive @airnewsalerts pic.twitter.com/4TvVOB3P12
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) January 28, 2020
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने हवा में कणों के संचरण को रोकने के लिए मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी है क्योंकि वर्तमान कोरोनावायरस को वायु-जनित संचरण कहा जा रहा है। इसके साथ ही, किसी भी देश के रिसर्च या सलाह में से शुष्क गले या एक निश्चित मात्रा में पानी पीने का उल्लेख नहीं किया गया है।
इसके अलावा, पानी को मापने के लिए, माप की ईकाई के रुप में भारत क्युबिक सेंटीमीटर का इस्तेमाल नहीं करता है। यह माप का अमेरिकी मीट्रिक है। बूम ने संयुक्त राज्य अमेरिका में शीर्ष स्वास्थ्य निकाय, सेंटर फॉर डीजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन पर 'पानी' और 'मार्च 2020' के इन विशिष्ट शब्दों को भी खोजा। सीडीसी दिशानिर्देश पानी शब्द का उपयोग केवल हाथ धोने और विरंजन प्रयोजनों के लिए इसके उपयोग के संदर्भ में करते हैं।
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यह मैसेज यह भी कहता है कि लोगों को मार्च 2020 तक भीड़-भाड़ वाले इलाकों में नहीं जाना चाहिए। नया कोरोनावायरस की उत्पत्ति अभी भी अज्ञात है, इस वायरस के प्रभाव और अस्तित्व को समझने के लिए एक निश्चित समय तय करना मुश्किल है। ऐसी संभावना है कि वैज्ञानिक मार्च 2020 से पहले वायरस के स्रोत और इसके उचित मारक का अनुमान लगा सकते हैं।
कोरोनावायरस अब तक मसालेदार भोजन या विटामिन सी की कमी से नहीं जुड़ा है। यहां तक कि इस दावे भी वैज्ञानिक तौर से समर्थित नहीं है।
मैसेज में यह भी कहा गया है कि इस बीमारी के प्रति बच्चे संवेदनशील हैं। हालांकि, बहुत कम बच्चे हैं जो वायरस से प्रभावित हुए हैं। जैसा कि गंभीर रूप से तीव्र श्वसन सिंड्रोम (एसएआरएस) और मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम (एमईआरएस) में देखा गया है, इन बीमारियों में बच्चे कम से कम प्रभावित हुए थे, जैसा कि फॉरन पॉलिसी लेख में कहा गया है।
चीन में इस वायरस से अब तक 100 से ज़्यादा मौतें हुई हैं| भारत में इससे ग्रषित एक भी मामला सामने नहीं आया है|