एक वायरल वीडियो में लोगो के एक समूह को पत्थरों के साथ एक सड़क को रोकते देखा जा सकता है। इसके साथ यह दावा किया जा रहा है कि टेहरी, उत्तराखंड में कुछ मुसलमान एक सड़क तक पहुंचने में बाधा डाल रहें हैं। यह दावा फ़र्ज़ी है।
वीडियो उत्तराखंड का नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश के चंबा का है। BOOM ने चंबा पुलिस से बात की जिन्होंने इस बात से इनकार किया कि इस घटना में कोई सांप्रदायिक कोण है। उन्होंने बताया कि बहस कर रहे दोनों गुटों के लोग इस्लाम धर्म के है और मामला सुलझ गया है।
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वायरल क्लिप में कुछ लोग पत्थर बिछाकर एक सड़क रोक रहे है। वीडियो में एक आदमी कहता है कि वह एक सरकारी सड़क है और पत्थर बिछाते लोगों ने उन्हें कईं बार धमकी दी है। ये आदमी कहता है कि अगर उसके परिवार को कुछ भी होता है तो पत्थर बिछाते लोगों को ही ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। फिर वह स्थानीय प्रशासन और चंबा के एसपी से मदद मांगता है।
वीडियो के साथ दावा है: ये वीडियो देवभूमि उत्तराखण्ड के tehri का है, यहाँ शांतिप्रिय समुदाय गाँव का रास्ता बंद करके गाँव वालों को तलवार से काटने की धमकी दे रहे हैं , मुस्कुराईये आप हिंदुस्तान मे हैं।
वीडियो फ़ेसबुक पर वायरल है। उसका आर्काइव यहाँ देखें।
नहीं, बिल गेट्स ने भारतवासियों के लिए यह नहीं बोला है
ये वीडियो ट्विटर पर भी वायरल है। उसका आर्काइव यहाँ देखें।
ये वीडियो #उत्तराखण्ड के tehri का है,
— Bapna (@bapna_n) October 15, 2020
यहाँ शांतिधूर्त समुदाय गाँव का रास्ता बंद करके गाँव वालों को तलवार से काट ने की धमकी दे रहे हैं
मुस्कुराईये आप हिंदुस्तान मे हैं।
Pls help out these people 🙏🙏@PMOIndia @AmitShah @narendramodi_in pic.twitter.com/eC1zv8g5iq
BOOM ने पाया कि वायरल क्लिप हिमाचल प्रदेश के चंबा की है, जहाँ एक ही समुदाय के दो गुटों के बीच एक स्थानीय सड़क तक पहुंच को लेकर बहस हुई थी।
वायरल क्लिप में एक आदमी अपने परिवार की सुरक्षा के लिए 'चंबा एसपी' से मदद मांगता है। इसलिए हमने "चंबा" की खोज की और पाया कि यह जगह हिमाचल प्रदेश में है, उत्तराखंड में नहीं।
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हमने तब चंबा पुलिस के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (ASI) पुष्पेंद्र ठाकुर से संपर्क किया, जिन्होंने इस बात से इनकार किया कि इस घटना में कोई सांप्रदायिक कोण था। इंस्पेक्टर ने ये भी बताया कि यह एक ही समुदाय के सदस्यों के बीच स्थानीय सड़क को लेकर विवाद था।
"यह सात से आठ दिन पहले का मामला है और सुलझ गया है। इसमें शामिल दोनों पक्ष मुस्लिम हैं। एक नई सड़क का निर्माण किया गया था और वीडियो में पुरानी सड़क है, जिसे रोक दिया गया था। इस सड़क को वे लोग रोक रहें थे जिन्होंने नई सड़क के लिए अपनी जमीन का कुछ हिस्सा दान किया था। उन लोगों का कहना ये था कि जब एक नई सड़क का निर्माण हुआ है तो पुरानी सड़क का उपयोग करने की क्या आवश्यकता है," पुष्पेंद्र ने कहा।
उन्होंने घटना में कोई भी धार्मिक दावा होने से इनकार किया।