दिल्ली और हरियाणा/उत्तर प्रदेश बॉर्डर और उसके आस पास के क्षेत्रों में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन (farmers protest) को लेकर सोशल मीडिया पर कई फ़र्ज़ी खबरें वायरल हैं | इसी कड़ी में एक और वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी (AAP) के समर्थक पैसे ले कर इस प्रदर्शन में हिस्सा ले रहें हैं |
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो दरअसल दो वर्ष पुराना है और हरियाणा में आम आदमी पार्टी (AAP) की एक रैली के दौरान बनाया गया था |
दो साल पुराना 'निहंग' समूह का वीडियो फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल
वायरल वीडियो में एक व्यक्ति कुछ प्रदर्शनकारियों से बात कर रहा है | वो उनसे पूछता है 'कहाँ से आयी थी ये बस? कैसी रही आपकी रैली', जिसके उत्तर में आम आदमी पार्टी की टोपी पहने एक व्यक्ति कहता है 'रैली में तो मजे आ गए मगर पैसे तो ना मिले' | रिकॉर्डिंग कर रहा व्यक्ति आगे पूछता है 'तो आप अपनी इच्छा से नहीं आये रैली में'? इसके उत्तर में पहला व्यक्ति कहता है 'आया था भाई साब बिलकुल इच्छा से आया था' |
एक मिनट बयालीस सेकंड लम्बे इस वीडियो में रिकॉर्डिंग कर रहा व्यक्ति इसी तरह प्रदर्शन में हिस्सा लेने वालों से बातें करता दिखाई देता है | पीछे दिखाई दे रहे कई लोगों ने आम आदमी पार्टी (AAP) की टोपी पहन रखी है |
वायरल वीडियो नीचे देखें और आर्काइव्ड वर्ज़न्स यहाँ और यहाँ देखें |
वीडियो Twitter और Facebook पर ज़ोरों से वायरल है |
दो साल पुरानी तस्वीर फ़र्ज़ी तरीके से वर्तमान किसान आंदोलन से जोड़ी गयी
फ़ैक्ट चेक
वायरल वीडियो पर रिवर्स इमेज सर्च कर के हमने एक यूट्यूब वीडियो खोजा जो वर्ष 2018 में अपलोड किया गया था |
अक्टूबर 3, 2018 को अपलोड किये गए इस वीडियो का शीर्षक है 'इन्होंने तो केजरीवाल का ढोल ही फाड़ दिया' | यही वीडियो अब एक फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल है |
यूट्यूब पर 2018 में अपलोड किया गया वीडियो नीचे देखें |
कैसे एक मुस्लिम व्यक्ति की तस्वीर गलत तरीके से किसान प्रदर्शन के ख़िलाफ़ हुई इस्तेमाल
हमने जब कीवर्ड्स के साथ सर्च किया तो हमें कुछ रिपोर्ट्स मिलें जिनमे इसी वीडियो के स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया गया था |
रिपोर्ट के मुताबिक घटना हरयाणा के हिसार से है और मार्च 25, 2018 की बताई गयी है |
इनख़बर की रिपोर्ट में लिखा गया है 'हरियाणा के हिसार में रविवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रैली की थी. रैली के बाद के कथित कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें AAP की टी-शर्ट और टोपी पहने लोग खुद को मजदूर बता रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि उन्हें खाना, चाय-नाश्ता और 350 रुपये दिहाड़ी देने का लालच देकर रैली में लाया गया लेकिन अब उन्हें पैसे देने में टालमटोल की जा रही है' |
इसी आर्टिकल में शेयर किये गए एक ट्वीट में आप यही वीडियो देख सकते हैं |
क्या इस तस्वीर में दिख रही महिला 'हाथरस भाभी' है?
बूम ने यूट्यूब में 2018 में अपलोड किये गए वीडियो और वायरल वीडियो के कुछ फ़्रेम्स की तुलना की और उन्हें एक ही पाया |