हिंदी न्यूज़पेपर के रिपोर्ट जैसी प्रतीत होती एक क्लिपिंग सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल हो रही है की जयपुर के ट्रांसपोर्ट नगर इलाक़े में मंदिर में रहने वाले एक साधु ने अपनी चिल्लम से 300 लोगों को कोविड-19 से संक्रमित कर दिया |
न्यूज़ रिपोर्ट जैसी दिखने वाली इस क्लिपिंग का हेडलाइन है: जयपुर में साधू के एक चिलम से 300 लोग हुए कोरोना पॉजिटिव, मचा बवाल
रिपोर्ट का सार है की जयपुर के ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में एक मंदिर में कुछ साधू रहते थे और वहाँ पूजा हेतु उन्होंने गायें भी पाल रखी थी। यह साधु मंदिर से दूध भी बेचा करते थे जो आस पास के रहने वाले ख़रीदने लगे थे और लोग वहाँ गायों को चारा डालने भी आते थे। इनमे से एक साधू को चिलम फ़ूंकने की आदत थी और वो अक्सर चौराहे पर अन्य लोगो के साथ चिलम फ़ूंका करता था | बाद में यही साधू कोरोना वायरस के लिए पॉजिटिव पाया गया | इसके बाद उस इलाके के करीब 300 लोगों को जो किसी न किसी तरीके से इस साधू के संपर्क में आये थे, होम क्वारंटाइन कर दिया गया | रिपोर्ट की क्लिपिंग यहां देखें |
हालांकि इस रिपोर्ट में भी कहीं इन 300 लोगो के कोरोना पॉजिटिव होने की बात नहीं कही गयी है पर लेख का हैडलाइन काफ़ी गुमराह करने वाला है |
हालांकि बूम ने जब जयपुर में अधिकारीयों से बात की तो उन्होंने इस रिपोर्ट में किये गए दावों को सिरे से नकार दिया |
वायरल पोस्ट आप नीचे देख सकते हैं और इसका आर्काइव्ड वर्ज़न यहां देख सकते हैं |
यह क्लिप ट्विटर पर कई बार शेयर की गयी है। वायरल हुए खबर को सांप्रदायिक रंग देने की भी कोशिश हुई है जब कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इसे तब्लीग़ी जमात के मरकज़ से जोड़कर कर दिखाने की कोशिश की |
क्या मंदिर में ऐसी हरकत करने वाले बाबाओं पर तब्लीगी जमात की तरह होगा केस। मंदिर में चिलम पीने से 300 लोग हुए कोरोना के शिक।र । गोदी मीडिया खामोश हैं क्योंकि चापलूसी और चाटूकारिता में माहिर हैं!! 🤔 pic.twitter.com/YDkHzph6AF
— Satpal Singh (tribal) (@satpalbhawar12) April 28, 2020
फ़ैक्ट चेक
बूम को 'साधू', 'चिलम' और 'कोरोना पॉज़िटिव' कीवर्ड्स के साथ सर्च करने पर प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) का एक फ़ैक्ट चेक मिला जिसमे इस खबर का खंडन करते हुए इस फ़र्ज़ी बताया गया है |
दावा: एक न्यूज़ पोर्टल "न्यूज़ झारखण्ड" ने दावा किया है की जयपुर के ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में एक साधु की चिलम के कारण 300 लोगो में कोरोना का संक्रमण फैला है #PIBFactCheck: जिला कलेक्टर,जयपुर के अनुसार प्रकाशित खबर की कोई सत्यता नहीं है व इस प्रकार की कोई घटना घटित नहीं हुई है। pic.twitter.com/J9srsw4jT7
— PIB in Rajasthan (@PIBJaipur) April 28, 2020
बूम ने फिर जयपुर डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर से संपर्क करने की कोशिश की पर हमारी उनसे बात नहीं हो पाई |
अंततः हमारी बात रजनीश शर्मा, उप निदेशक, सूचना एवम जनसम्पर्क कार्यालय जयपुर से हुई | उन्होंने इस खबर को सिरे से नकार दिया |
रजनीश शर्मा ने बूम को बताया, "उपखंड अधिकारी जयपुर श्री युगान्तर शर्मा एवं सी.एम.एच.ओ (प्रथम) श्री नरोत्तम शर्मा से साधुओं में कोरोना संक्रमण संबंधित समाचार का परीक्षण करा लिया गया है। परीक्षण में पाया गया है कि यह समाचार भ्रामक एवम झूठे तथ्यों पर आधारित है। ऐसी कोई घटना संदर्भित क्षेत्र में नहीं हुई। अतः सूचित किया जा सकता है कि समाचार फ़ेक है।"
शर्मा ने आगे जयपुर में 300 लोगों के क्वारंटाइन होने की खबर पर भी बात साफ़ की | उन्होंने कहा, "हमने रूटीन तरीके से लोगों की जांच की है और जो व्यक्ति उस सस्पेक्ट के संपर्क में आया था उन्हें क्वारंटाइन किया | पर ये बात बिलकुल निश्चित तौर पर कही जा सकती है की ऐसा कोई केस नहीं है जिसमे वायरस चिलम पीने से फ़ैला हो |"
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बूम ने फिर जयंत शर्मा से संपर्क किया | शर्मा राजस्थान पत्रिका के रिपोर्टर हैं और उन्होंने इस घटना की रिपोर्टिंग की थी |
जयंत ने बूम को बताया, "मीडिया के एक हिस्से ने कोविड-19 पॉज़िटिव व्यक्ती की पहचान गलत तरीके से एक साधू के तौर पर कर ली | सतर्क रहते हुए प्रशाशन ने 250-300 लोगों को सेल्फ़-क्वारंटाइन कर दिया | पेशेंट के 22 करीबियों को एक क्वारंटाइन फैसिलिटी में भेजा गया है |"
हालांकि बूम को वायरल न्यूज़ पेपर क्लिपिंग को ट्रेस करने में सफ़लता नहीं मिली |