पिछले दिनों कोरोनावायरस से जोड़कर काफ़ी फ़र्ज़ी ख़बरें वायरल होती रही हैं | इनमे से कई पोस्ट्स देश के प्रमुख हॉस्पिटल्स के द्वारा जारी किये गए कोवीड-19 के लक्षण और उससे बचाव के नुस्खों के नाम से भी वायरल हुए हैं |
ऐसा ही एक पोस्ट दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पैथोलॉजी विभाग के नाम से वायरल हो रहा है जिसमे बिमारियों के लक्षण अंकित कर कोवीड-19 और अन्य आम बिमारियों, जैसे वायु प्रदूषण, फ़्लू, सर्दी और ख़ासी, के बीच के अंतर को बताया गया है | इस पोस्ट को हम कोरोनावायरस से जुड़ी फ़र्ज़ी सूचनाओं की लिस्ट में एक और एंट्री मान सकते हैं |
बूम ने अपने पड़ताल में पाया की ये पोस्ट फ़र्ज़ी है और एम्स ने ऐसी कोई लिस्ट नहीं जारी की है | हमने पहले भी हॉस्पिटल्स के नाम पर किये गए ऐसे फ़र्ज़ी दावों की पोल खोली है |
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शेयर किये गए पोस्ट के साथ कोई कैप्शन नहीं है | हालाँकि इसमें बिमारियों को उनके लक्षणों के साथ लिखा गया है और आखिर में यह लिखा गया है: पैथलॉजी विभाग एम्स दिल्ली | इस सन्देश को अधिक से अधिक लोगों तक उपलब्ध कराएं | इससे ऐसा प्रतीत होता है की ये लिस्ट एम्स द्वारा जारी की गयी है |
वायरल पोस्ट को नीचे देखे और इसका आर्काइव वर्ज़न यहाँ देखें |
बूम को यही पोस्ट इस कैप्शन के साथ भी मिलें: आवश्यक जानकारी, कोरोना वायरस की पहचान कैसे करें | इसे यहां और यहां देखें |
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले कीवर्ड सर्च कर के पता लगाया की एम्स, दिल्ली की आधिकारिक वेबसाइट पर अप्रैल 2020 से कोरोनावायरस से जुड़ी सभी सूचनाओं के लिए एक विशेष पोर्टल बनाया गया है जहाँ आम जनता इस मसले पर जानकारी हासिल कर सकती है |
इस पोर्टल में कोविड-19 से संबंधित एम्स के सारे विभागों से पहचानी गयी सूचनाएं दी जाती हैं | इस प्लेटफॉर्म पर हमने एम्स द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों को खंगाला लेकिन हमें कही भी इस प्रकार की कोई सूचना नहीं मिली | इस पोर्टल को यहाँ देखें |
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बूम ने फिर डॉ.मनोज सिंह, जो एम्स नई दिल्ली के पैथोलॉजी विभाग के वरिष्ठ प्रॉफ़ेसर है, से इस पोस्ट को लेकर बात की |
बूम से हुई बातचीत में डॉ.सिंह ने इस पोस्ट का खंडन करते हुए कहा, "सबसे पहले तो ना ही इस पोस्ट में लिखी कोई बात सच है और ना ही हमारे विभाग की तरफ़ से ऐसी कोई भी जानकारी दी गयी है | रही बात इसमें लिखे लक्षणों की तो आम सर्दी-ज़ुकाम के स्पेक्ट्रम में बहती नाक से लेकर बुखार तक सारे लक्षण देखे जा सकते है | पोस्ट में कही गयी बातों में कोई सच्चाई नहीं है और यह निराधार है |"
इस पोस्ट में दिए लोगो के बारे में पूछने पर डॉ.सिंह ने बूम को बताया, "यह हमारे या एम्स के किसी भी विभाग का लोगो नहीं है | लोगो में बिहार के किसी आश्रम का नाम दिख रहा है जिसका ना तो एम्स के पैथोलॉजी विभाग से कोई सम्बन्ध है और ना ही हमारे विभाग की एम्स बिहार में कोई शाखा है |"
यह लोगो हमारे या एम्स के किसी और विभाग का नहीं है | हमारे विभाग की एम्स बिहार में कोई शाखा भी नहीं है
डॉ.मनोज सिंह, वरिष्ठ प्रॉफ़ेसर, एम्स पैथोलॉजी विभाग
बूम को इस पोस्ट के सन्दर्भ में कोई भी विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट भी नहीं मिली जो पोस्ट में कही बातों को एम्स, नई दिल्ली की पैथोलॉजी विभाग का बताए या इससे मिलते-जुलते लक्षणों के बारे में कहे |
हमने रिवर्स इमेज सर्च के सहारे पोस्ट में इस्तेमाल हुए लोगो के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की पर हमें सफलता नहीं मिली |