सोशल मीडिया पर दो तस्वीरों का एक कोलाज वायरल हो रहा है । इसमें कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट) के सेक्रेटरी जनरल सीताराम येचुरी और नेता बृंदा करात देखे जा सकते हैं । इस कोलाज के साथ एक फ़र्ज़ी दावा किया जा रहा है । कहा जा रहा है कि सेना द्वारा चीन के सैनिकों को "मारने" के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने सेना के ख़िलाफ़ दिल्ली में रैली की है । आपको बता दें कि यह दावा झूठा है और इस रैली का सेना या इंडो-चाइना विवाद से कोई संबंध नहीं है ।
बूम ने पड़ताल में पाया कि यह प्रदर्शन कोरोनावायरस महामारी से निपटने में कथित तौर पर असफ़ल हुई सरकारी नीतियों के ख़िलाफ़ किया गया था । इस प्रदर्शन का उद्देश्य प्रवासी मज़दूरों को सहायता राशि तुरंत मुहैया करवाना, मुफ़्त खाना वितरण एवं मनरेगा के पुनर्मूल्यांकन आदि था ।
बीती रात, 16 जून 2020, को गलवान घाटी, लद्दाख में स्थित लाइन ऑफ़ एक्चुअल कण्ट्रोल या एल.ए. सी पर चीन और भारत के सैनिकों की कथित तौर पर अचानक मुठभेड़ हुई । इसमें भारत के तीन आर्मी जवान मारे गए । एक कमांडिंग अफ़सर थे और दो जवान थे । कई जवान घायल हुए और एक दिन बाद यानी 17 जून को करीब 17 जवानों की मौत की पुष्टि हुई है | रिपोर्ट्स की माने तो माहौल तनावपूर्ण है | यहाँ पढ़ें |
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इस दौरान व्हाट्सएप्प पर प्रदर्शन की तस्वीरें वायरल होने लगी और फ़र्ज़ी दावा किया जाने लगा ।
दावे में लिखा है: "सबसे पहले इनको जहां दिखे शूट कर देना चाहिए | भारतीय सेना द्वारा चीनी सैनिकों को गोली मारने के बाद, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने सेना के खिलाफ दिल्ली में रैली की। सीताराम येचुरी, वृंदा करात, प्रकाश करात आदि। इन्ही के लोगों ने पालघर हत्याकांड किया ! 👆🏻please. Check"
यह पोस्ट फ़ेसबुक पर मराठी में बहुत वायरल है ।
फ़ैक्ट चेक
बूम ने रिवर्स इमेज सर्च किया और सीताराम येचुरी का एक ट्वीट पाया । इस ट्वीट में उन्होंने अपनी मांगों के बारे में बात की है और साथ ही प्रदर्शन के दौरान ली गयी कुछ तस्वीरें भी पोस्ट की है ।
उन्होंने लिखा:
हमारी मांगें: * आय कर ब्रैकेट के बाहर सभी परिवारों को छह महीने तक 7,500 रुपये कॅश ट्रांसफर
*मुफ़्त 10 किलो अन्न, हर व्यक्ति, हर महीने छह महीनों तक
इसके अलावा अन्य कई मांगें उन्होंने ट्वीट थ्रेड में लिखी हैं ।
We demand:
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) June 16, 2020
* Cash transfer of Rs. 7500 per month for 6 months to all families outside the income tax bracket.
* Free 10 kg foodgrains, per individual, per month for 6 months (1/n) pic.twitter.com/N7dl5dfBJj
यह एक देशव्यापी प्रदर्शन था जो सरकारी नीतियों के ख़िलाफ़ था ।
All India Protest against Modi govt's anti-people policies.#PeopleProtestModiGovt pic.twitter.com/oJRUqXHsN5
— CPI (M) (@cpimspeak) June 16, 2020
हमें 15 जून 2020 की एक फ़ेसबुक पोस्ट मिली । यह कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया(मार्क्सिस्ट) के पेज पर एक 'लाइव' वीडियो पोस्ट थी । वीडियो में दिख रहे सारे लोग वायरल तस्वीर में भी देखे जा सकते हैं ।
हमनें वायरल तस्वीर और सीताराम येचुरी द्वारा पोस्ट की गई तस्वीर की तुलना भी की है और पाया की प्रदर्शनकारियों ने जो प्लेकार्ड पकड़े हैं उनपर कोई सेना विरोधी नारे नहीं हैं बल्कि किसानों के हित में नारे लिखे हैं ।
नीचे देखा जा सकता है एक प्लेकार्ड जिसमें गन्ना किसानों के हित में स्लोगन लिखा है। इसके अलावा कई मुख्य धारा के मीडिया संस्थान जैसे द हिन्दू, द वीक, एवम द टेलिग्राफ ने इसपर रिपोर्ट्स भी लिखी हैं । यह बातें पुष्टि करती हैं कि वायरल दावा फ़र्ज़ी है ।
इस तरह येचुरी के प्लेकार्ड पर लिखा है: "आयकर सीमा से नीचे के सभी परिवारों को फौरन तीन महीने तक हर महीने 7,500 रु दो ।" और बृंदा करात के प्लेकार्ड पर: "हर जरूरतमंद को छह महीने तक हर महीने बिना पैसे 10 किलो अनाज दो ।"
सीताराम येचुरी ने मारे गए भारतीय जवानों के परिवारों को सान्त्वना देते हुए एक ट्वीट किया है ।
Deep condolences at the death of our officer & 2 soldiers.
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) June 16, 2020
Govt should make an authoritative statement as to what actually happened. It's imperative that both govts advance the process of disengagement on the basis of the agreed understanding on maintaining peace and tranquility pic.twitter.com/mViT6G6U1W