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फैक्ट चेक

दिल्ली के हत्यारे डॉक्टर की कहानी फ़र्ज़ी कोविड-19 कोण के साथ वायरल

आयुर्वेद प्रैक्टिशनर शर्मा 1994-2004 तक कई हत्याओं में दोषी साबित हो चुके हैं पर इनका कोविड-19 से कोई सम्बन्ध नहीं है |

By - Archis Chowdhury | 6 Aug 2020 10:01 AM GMT

एक आयुर्वेद प्रैक्टिशनर देवेंदर शर्मा, जो अंग तस्करी और कई हत्याओं के लिए अपराधी है, को कोविड-19 से जोड़कर कई फ़र्ज़ी दावे वायरल हैं | दरअसल, दावा यह है की शर्मा ने लोगों को फ़र्ज़ी कोविड-19 पॉजिटिव होने की रिपोर्ट्स दी ताकि वह उनकी किडनी चुरा सके और ऐसा कर के उसने करीब 125 लोगों को मार डाला | यह दावे फ़र्ज़ी हैं |

बूम ने दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस राकेश पवेरिया से संपर्क किया | उन्होंने वायरल दावों को ख़ारिज करते हुए बताया की शर्मा ने हत्याएं कोविड-19 महामारी शुरू होने से कई सालों पहले की हैं, इसके अलावा जनवरी में वह परोल पर बाहर आया है पर उसके ख़िलाफ़ कोई नया हत्या का आरोप नहीं है |

शर्मा ने 2004-2020 के बीच 16 साल जेल में बिताए हैं क्योंकि उसे 50 से ज्यादा हत्याओं का दोषी ठहराया गया था | जनवरी 2020 में उसे अच्छे व्यवहार के चलते परोल दी गयी | फ़रवरी में कथित तौर पर शर्मा ने परोल जम्प (परोल ख़त्म होने पर हाजिरी नहीं दी) की और फ़रार हो गया | उसे दिल्ली पुलिस ने 29 जुलाई 2020 को गिरफ्तार किया है |

शर्मा के पास आयुर्वद, मेडिसिन और सर्जरी (बी.ए.एम.एस) में स्नातक डिग्री है और मामले दिल्ली, हरयाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में दर्ज हैं | जबकि न्यूज़ रिपोर्ट्स उसे डॉक्टर का दर्जा दे रही हैं, हम इस बात की पुष्टि स्वतंत्र रूप से नहीं कर सकते की उसके पास एम.बी.बी.एस की डिग्री है या नहीं | वह फिलहाल दिल्ली पुलिस की कस्टडी में है |

यह भी पढ़ें: कथित किडनी चोरी की दो साल पुरानी तस्वीरें कोविड-19 से जोड़कर की जा रही वायरल

बूम को हिंदी में एक न्यूज़ क्लिपिंग के साथ वायरल फ़र्ज़ी दावा मिला | इस कैप्शन में लिखा है: "स्वस्थ आदमी को कोरोना पेशेंट बता कर अब तक 125 लोगो का किडनी निकाल कर हत्या करने वाला डॉ देवेन्द्र शर्मा गिरफ्तार | ऐसे ना जाने कितने डॉ हमारे आपके बीच मे है जिससे हमलोगो को सतर्क रहना होगा और अपने लोगो का ख्याल रखना होगा | किसी भी स्वस्थ इंसान की कोरोना से मौत होती है तो डॉ द्वरा लपेटे हुवे बॉडी को चैक जरूर करे"

ऐसी ही कुछ पोस्ट्स नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहाँ और यहाँ देखें |



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बूम को अपनी टिपलाइन पर भी यही दावा अखबार की एक क्लिपिंग के साथ मिला |


शर्मा के बारे में फ़र्ज़ी दावे अंग्रेजी में भी वायरल हो रहे हैं जिसके साथ टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट भी है |


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फ़ैक्ट चेक

बूम ने अंग्रेजी कैप्शन के साथ वायरल हो रहा टाइम्स ऑफ़ इंडिया का आर्टिकल देखा जिसमें शर्मा की आपराधिक इतिहास का वर्णन है |

इस रिपोर्ट के अनुसार, "शर्मा ने 1994-2004 तक एक गैंग के साथ सैकड़ों लोगों की हत्या कर 2004-2020 तक सोलह साल जेल में बिताए |" इस लेख में यह भी लिखा है की शर्मा को 28 जनवरी 2020 को परोल पर छोड़ दिया गया था पर वह परोल जम्प कर फ़रार हो गया जिसे छह महीने बाद फिर पकड़ा गया |

लेख के अनुसार, इन छह महीनों में शर्मा के अपराधों में कोई हत्या दर्ज नहीं हुई है | उसके अपराधों में धोखा-धड़ी और फ़र्ज़ी पहचान बनाना शामिल था | यह लेख कहीं भी कोई नयी हत्या के बारे में जिक्र नहीं करता न ही यह लेख कोविड-19 से शर्मा को किसी भी तरह से जोड़ता है |

यह भी पढ़ें: पूर्व चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई ने कोविड-19 पॉज़िटिव होने की ख़बर को ख़ारिज किया

बूम ने शर्मा की गिरफ्तारी पर कई न्यूज़ रिपोर्ट्स देखि जिनमें इंडिया टुडे, द वायर, एन.डी.टी.वी और नवभारत टाइम्स शामिल हैं | जबकि हर रिपोर्ट में शर्मा द्वारा किये गए या करवाए गए मर्डर की संख्या अलग अलग है, कोई भी लेख शर्मा को कोविड-19 से नहीं जोड़ता है जैसा की वायरल पोस्ट्स में दावा किया जा रहा है |

इस बात की पुष्टि करने के लिए हमनें दिल्ली पुलिस से संपर्क किया जिन्होंने शर्मा को कोविड-19 से जोड़ती पोस्ट्स को ख़ारिज किया है | दिल्ली पुलिस के डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस राकेश पवेरिया (क्राइम ब्रांच), जिन्होंने शर्मा की गिरफ्तारी का नेतृत्व किया था, बूम से बताते हैं की शर्मा का किडनी रैकेट दशकों पुरानी बात है |

"यह किडनी रैकेट बहुत पहले हुआ था और उसे 2004 में इसके लिए गिरफ्तार कर लिया गया था | तब कोई कोरोनावायरस महामारी नहीं थी तो यह सच कैसे हो सकता है?" उन्होंने कहा | जब उनसे पूछा गया की परोल पर छूटने के बाद उसपर [शर्मा पर] कोई मर्डर चार्जेज हैं, तो उन्होंने कहा, "ऐसा कुछ नहीं है |"

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