पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के खिलाफ आयोजित की गयी एक विपक्षी रैली में भारतीय तिरंगे के इस्तेमाल को दिखाती यह वायरल तस्वीर फ़र्ज़ी है |
बूम ने पाया कि कई तस्वीरों में कराची में हुई इस रैली में कोई भारतीय तिरंगा मौजूद नहीं था | वास्तविक तस्वीर में दिख रहे तीन रंग वाले झंडे दरअसल पख़्तूनख़्वा मिल्ली अवामी पार्टी के झंडे हैं |
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की साझेदारी में कराची में 18 अक्टूबर, 2020 को एक रैली निकाली गयी जिसके बाद यह तस्वीर वायरल हो रही है | इमरान खान सरकार के ख़िलाफ़ चार मुख्य विपक्षी पार्टियां - पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़), पाकिस्तान पीपल्स पार्टी, जमीअत उलेमा-ए-इस्लाम (फज़लुर), और पख़्तूनख़्वा मिल्ली आवामी पार्टी - और अन्य छोटे समूहों ने बिजली की समस्या, बढ़ते दामों, और पिछले चुनाव में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ की दखल के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया था |
नाबालिग से छेड़छाड़ करने वाले मौलवी का यह वीडियो पाकिस्तान से है
यह तस्वीर अब फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल है | कैप्शन है: "70 सालो तक हमे पाकिस्तान का झंडा लहरा कर चिढ़ाया जाता था । कल करांची की रैली में हिंदुस्तान के झंडे लहराये गए"
ट्विटर और फेसबुक पर वायरल ऐसे ही कुछ पोस्ट्स नीचे देखें |
नहीं, एन.सी.पी नेता संजय शिंदे पालघर मामले में आरोपी नहीं थे
फ़ैक्ट चेक
बूम ने फ़ेसबुक लाइव और रैली की तस्वीरों को जांचा और उस स्पॉट को भी देखा जहाँ वायरल तस्वीर में भारतीय राष्ट्रीय झंडा दिखाया गया है और पाया कि वास्तव में उस जगह मौजूद झंडे में अशोक चक्र नहीं है जो भारतीय ध्वज में है |
हमनें पाकिस्तान के राजनैतिक दलों और पत्रकारों द्वारा पोस्ट/अपलोड किये गयी तस्वीरें और वीडिओज़ देखे और पाया कि वहां वास्तव में भारतीय झंडा नहीं था |
आसमान से एक कोण मिला जो समान जगह का है | इसमें वायरल तस्वीर में दिखाए गए ग्राउंड को देखा जा सकता है पर इसमें भी किसी झंडे पर अशोक चक्र नज़र नहीं आता है |
इस रैली में मौजूद झंडे में दरअसल तीन खड़ी धारिया हैं जो भारतीय झंडे जैसे लगती हैं पर दरअसल वे पख़्तूनख़्वा मिल्ली आवामी पार्टी के झंडे में होती हैं |
दोनों झंडों में फर्क नीचे देखें |
वास्तविक फ़ोटो और रैली की वायरल तस्वीर की तुलना कर ये मालूम होता है कि पीले घेरे में भारतीय झंडा नहीं है |
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) फ़ेसबुक पेज से 18 अक्टूबर, 2020, को लाइव इस मैदान का एरियल व्यू दिखाता है | पहले तीस सेकंड उन्हीं जगहों पर ज़ूम करते हैं जहाँ वायरल तस्वीर में भारतीय झंडा बताया गया है जो दरअसल वास्तव में नहीं है |
इस लाइव फीड से पुष्टि होती है कि वायरल तस्वीर में भारतीय झंडा अलग से जोड़ा गया है जो वास्तव में नहीं लहराया गया था |