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फैक्ट चेक

अनुच्छेद 30 धार्मिक भेदभाव नहीं करता, यह अल्पसंख्यकों के लिए है

बूम ने पाया की वायरल दावे निराधार और ग़लत है, भारतीय संविधान में अनुच्छेद 30A मौजूद नहीं है|

By - Saket Tiwari | 12 Feb 2020 12:22 PM IST

फ़ेसबुक के पेज 'बीजेपी मिशन 400 फॉर 2024' पर एक पोस्ट शेयर की गयी है| इस तस्वीर को फ़र्ज़ी दावों के साथ बनाया गया है| लिखा है, "जागो हिन्दू जागो 30A हटाओ| जब मुस्लिमों को इस्लाम की तालीम देने की मनाही नहीं तो हिन्दुओं को गीता और रामायण की क्यों मनाही है| 30A ख़त्म करो हिन्दुओं पर पाबंदियां क्यों| एक देश एक कानून बनाओ|"

यह दावा फ़र्ज़ी है| भारत के संविधान में अनुच्छेद 30 के अंतर्गत किसी विशेष धर्म या भाषा या विशेष धर्मग्रन्थ जैसे कुरान, गीता, बाइबिल का उल्लेख नहीं किया गया है| इसमें केवल धार्मिक और भाषाओँ के तहत अल्पसंख्यकों का उल्लेख है|

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इसके अलावा, संविधान में कोई सेक्शन 30A नहीं है जो वायरल पोस्ट में किये गए दावों को सही साबित करता हो|

यह सन्देश कई महीनों से वायरल है और हाल में शेयर किये गए पोस्ट को इस लेख के लिखने तक 6,500 बार शेयर किया जा चूका है|


पहले वायरल दावे:

सोशल मीडिया पर पहले भी इस तरह के दावे एक अलग रूप में वायरल थे| तब यह दावा किया जा रहा था की, "अनुच्छेद 30: कुरान को मदरसा में पढ़ाया जा सकता है| अनुच्छेद 30(A): गीता स्कूलों में नहीं पढाई जा सकती| क्रेडिट - जवाहरलाल नेहरू|"

बूम ने पहले भी कई सांप्रदायिक फ़र्ज़ी दावों को ख़ारिज किया है, नीचे पढ़ें:

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फ़ैक्ट चेक

बूम ने अनुच्छेद 30 को पढ़ा और पाया की अनुच्छेद में कहीं भी हिन्दू या मुसलमान जैसे शब्दों का या धर्म का विवरण नहीं दिया गया है, न ही कोई विशेष धर्म का उल्लेख है|

इस अनुच्छेद में भाषाई और धार्मिक अल्पसंख्यकों को विद्या स्थानों और संस्थानों को स्थापित करने के अधिकारों को रक्षा दी गयी है|

अनुच्छेद 30:

30. शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक-वर्गों का अधिकार-

(1) धर्म या भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक-वर्गों को अपनी रुचि की शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन का अधिकार होगा।

(क) खंड (1) में निर्दिष्ट किसी अल्पसंख्यक-वर्ग द्वारा स्थापित और प्रशासित शिक्षा संस्था की संपत्ति के अनिवार्य अर्जन के लिए उपबंध करने वाली विधि बनाते समय, राज्य यह सुनिश्चित करेगा कि ऐसी संपत्ति अर्जन के लिए ऐसी विधि द्वारा नियत या उसके अधीन अवधारित रकम इतनी हो कि उस खंड के अधीन प्रत्याभूत अधिकार निर्बन्धित या निराकृत न हो जाए।

(2) शिक्षा संस्थाओं को सहायता देने में राज्य किसी शिक्षा संस्था के विरुद्ध इस आधार पर विभेद नहीं करेगा कि वह धर्म या भाषा पर आधारित किसी अल्पसंख्यक-वर्ग के प्रबंध में है।




गौर करने की बात है की: "राज्य किसी शिक्षा संस्था के विरुद्ध इस आधार पर विभेद नहीं करेगा कि वह धर्म या भाषा पर आधारित किसी अल्पसंख्यक-वर्ग के प्रबंध में है।" बूम ने पाया की संविधान में क़ुरान पढ़ाने और गीता न पढ़ाने के बारे में कोई अनुच्छेद नहीं है, संविधान धर्म निरपेक्ष है और हर धर्म के अल्पसंख्यकों को सामान अधिकार इस अनुच्छेद में प्रदान करता है|

बूम इंग्लिश ने इस और इसके जैसे कई और दावों को पहले ख़ारिज किया है| यहाँ पढ़ें|

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