HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
फ़ैक्ट चेक

नहीं, यह तस्वीर प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा प्रवासी मज़दूरों के लिए आयोजित बसों की नहीं है

बूम ने पड़ताल में पाया की यह फ़ोटो फ़रवरी 2019 में प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में आयोजित कुंभ मेले का है।

By - Anmol Alphonso | 19 May 2020 5:56 PM GMT

एक घुमावदार सड़क के किनारे खड़ी बसों का पुराना फ़ोटो इन दावों के साथ शेयर किया जा रहा है कि वह उत्तर प्रदेश में फंसे हुए प्रवासी मज़दूरों को अपने घर ले जाने के लिए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा आयोजित की गयी है।

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार और विपक्ष कांग्रेस पार्टी के बीच चलते राजनैतिक विवादों के बीच यह फ़ोटो वायरल हुआ है। राज्य में प्रवासी मज़दूरों को लेकर हो रही घटनाओं पर उनकी सहायता की माँग करते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक ट्वीट किया था। इसके पश्चात उत्तर प्रदेश सरकार ने 18 मई, 2020 को प्रियंका गांधी वाड्रा का लॉकडाउन के कारण फंसे प्रवासी मज़दूरों के लिए बसों की सुविधा करने का प्रस्ताव स्वीकार किया।( और यहाँ पढ़ें )

किंतु बाद में यूपी की सरकार ने वाड्रा पर आरोप लगाया की बस की लिस्ट में उन्होंने ऑटो, टू - वीलर एवं गुड्ज़ कैरीअर के रेजिस्ट्रेशन नम्बर दिए थे।

कोरोनावायरस के कारण चल रहे लॉकडाउन के बीच कई मज़दूर हाइवे पर पैदल अपने घरों तक पहुँचने के प्रयास कर रहे हैं। लॉकडाउन के चौथे चरण में कई राज्यों ने उद्योग एवं वाहनों की आवक जावक पर प्रतिबंध कम कर दिए हैं।(और पढ़ें )

यह वायरल फ़ोटो ऑल इंडिया महिला कौंग्रेस की प्रेसीडेंट सुष्मिता देव ने प्रियंका गांधी वाड्रा का धन्यवाद करते हुए ट्वीट किया था। किंतु जब कई यूज़र्स ने इसको पुराना फ़ोटो बताया तब देव ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया।


आर्काइव यहाँ देखें।

हमें यही फ़ोटो फ़ेसबुक पर भी मिला।


देखने के लिए यहाँ और आर्काइव के लिए यहाँ क्लिक करें।

Full View

देखने के लिए यहाँ और आर्काइव के लिए यहाँ क्लिक करें।

ट्विटर

आर्काइव के लिए यहाँ क्लिक करें ।

यह भी पढ़ें: केन्याई कॉमेडियन द्वारा कोवीड-19 पर बनाया जागरूकता वीडियो रोहिंग्या मुस्लिम के नाम से वायरल

फ़ैक्ट चेक

यह वायरल फ़ोटो NDTV INDIA के पत्रकार उमाशंकर सिंह ने भी ट्वीट किया था जब वह उत्तर प्रदेश सरकार की कांग्रेस द्वारा बसों की सुविधा की मंज़ूरी पर रिपोर्ट कर रहे थे। किंतु बाद में उन्होंने दूसरा ट्वीट कर बताया की यह फ़ोटो कुंभ मेले के समय लिया गया है और वह केवल सांकेतिक तस्वीर है। एक रूसी सर्च इंजिन, यैनडेक्स द्वारा रिवर्स इमेज सर्च करने पर पता चला की यह फ़ोटो 2019 फ़रवरी में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कुंभ मेले के समय लिया गया था।

यूपी सरकार के प्रयागराज मेला प्रशासन का नाम गिनिस बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में सबसे बड़े बसों के प्रदर्शन के लिए सम्मिलित हुआ था। कुंभ के लोगो के साथ 500 बसों ने उस क्षेत्र में 3.2 किलोमीटर का रास्ता एक साथ चल कर नापा था।

ऐशियन न्यूज़ इंटरनेशनल उत्तर प्रदेश (ए एन आइ) नामक एक न्यूज़ एजेन्सी ने 28 फ़रवरी 2019 को बसों के इस झुंड का फ़ोटो ट्वीट किया था जब यूपी के स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ने यूनाइटेड अरब एमिरेट्स द्वारा रखा गया 390 बसों के प्रदर्शन का रिकॉर्ड तोड़ने का प्रयत्न किया।

ए एन आइ द्वारा ट्वीट किया गया दूसरा फ़ोटो वही है जो अभी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हमें इसी फ़ोटो के साथ कई न्यूज़ रिपोर्ट्स भी मिले जिन्होंने इस घटना को रिपोर्ट किया है। 

Related Stories