फ़रवरी 2018 में बेंगलुरु में कालेज छात्रों द्वारा निकाले गए 'पकोड़ा प्रोटेस्ट' का वीडियो सोशल मीडिया पर दोबारा वायरल किया जा रहा है | वायरल वीडियो के साथ दावा किया गया है कि 'बेरोजगार युवाओं ने पकौड़ा बेचना शुरू कर दिये है' |
बूम ने पता लगाया कि ये प्रदर्शन बेंगलुरु में फ़रवरी 5, 2018 को हुआ था जब कुछ कॉलेज छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक कथित बयान पर विरोध जताते हुए उस जगह पर कनवोकेशन रोब्स पहन कर पकोड़े बेचे थे जहां से प्रधानमंत्री का काफ़िला निकलने वाला था |
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ये वीडियो बेरोज़गारी को लेकर हाल फ़िलहाल में चल रहे प्रदर्शन और सोशल मीडिया 'ट्रेंडिंग' के बीच दोबारा से शेयर किया जा रहा है | बगैर ये बताये कि घटना पुरानी है, वीडियो गुमराह करने वाले कैप्शंस के साथ वायरल है |
गौरतलब है कि ट्विटर पर पिछले कुछ दिनों से #बेरोज़गारी और #बेरोज़गारी_सप्ताह जैसे मुद्दे ट्रेंड कर रहे हैं |
वायरल पोस्ट के साथ किया गया दवा कहता है 'बेरोजगार युवाओं ने पकौड़ा बेचना शुरू कर दिये है' |
वायरल पोस्ट नीचे देखें और आर्काइव्ड वर्ज़न यहां |
वीडियो फ़ेसबुक पर भी इसी दावे के साथ वायरल है | पोस्ट नीचे देखें और आर्काइव यहां |
योगी आदित्यनाथ के काफ़िले को रोकते प्रदर्शनकारियों का वीडियो 2017 से है
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वीडियो के एक कीफ़्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें कई न्यूज़पेपर आर्टिकल्स और यूट्यूब पर अपलोड किये हुए वीडियो मिलें जिसमें इस घटना के बारे में विस्तार से लिखा गया है |
रिपोर्ट्स में घटना को फ़रवरी 4, 2018, कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से बताया गया है |
नवभारत टाइम्स में फ़रवरी 4, 2018 को छपे इस रिपोर्ट के मुताबिक कालेज छात्रों ने डिग्री लेने वाले परिधान पहनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और (अब) गृहमंत्री अमित शाह के नाम पर पकोड़े बेचे थे |
रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री पैलेस ग्राउंड्स में परिवर्तन रैली सम्बोध्ति कर रहे थे जब छात्रों ने रैली स्थल से थोड़ी दूर पर ये प्रदर्शन किया था | हालांकि पुलिस ने छात्रों को खदेड़ दिया था | खबरों के अनुसार छात्रों का ये प्रदर्शन बेरोज़गारी को लेकर मोदी द्वारा पूर्व में दिए गए पकोड़ा सम्बन्धी एक बयान के विरोध में सांकेतिक तौर पर आयोजित किया गया था |
ज्ञात रहे कि इस घटना के कुछ समय पहले प्रधानमंत्री ने एक समाचार चैनल को दिये साक्षात्कार में अपर्याप्त नौकरी सृजन के बारे में पूछे जाने पर कहा था कि अगर कोई पकौड़ा बेचकर रोज़ाना 200 रुपये कमाता है तो उसे भी नौकरी ही माना जाना चाहिए |
बूम को न्यूज़ एजेंसी ए.एन.आई द्वारा ट्वीट की गयी इस घटना की तस्वीरें भी मिली |
ट्वीट में लिखा है 'कर्नाटका: एक कॉलेज के छात्र बेंगलुरु में पकोड़े बेचते हुए' |
इसी घटना के एक वीडियो को बूम ने ए.एन.आई के यूट्यूब चैनल पर फ़रवरी 4, 2018 को अपलोड किया हुआ पाया |
हिंदू-मुस्लिम कपल की तस्वीर सांप्रदायिक रंग देकर वायरल
बूम ने हाल में वायरल हुए वीडियो और ए.एन.आई पर अपलोड किये गए वीडियो के कुछ स्क्रीनशॉट्स की तुलना की और उन्हें एक सामान पाया |