दो महिलाओं से छेड़-छाड़ का वीडियो जो उत्तर प्रदेश में 2017 में हुई एक घटना का है, सोशल मीडिया पर हाल की घटना के रूप में शेयर किया जा रहा है | परेशां कर देने वाला ये वीडियो दिखाता है की कैसे कुछ लड़के दो महिलाओं को पकड़ते हैं और उनसे बदतमीज़ी करते हैं | दोनों महिलाएं उनसे छोड़ देने की गुहार लगाती हैं |
बूम ने पाया की यह वीडियो रामपुर, उत्तर प्रदेश का है जहाँ 2017 में यह घटना हुई थी | उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस वीडियो के वायरल होने के बाद गिरफ्तारियां भी की थीं |
इस वीडियो के साथ ये कैप्शन भी लिखा है 'ये हो रहा है मुस्लिम बहुसंख्यक इलाकों में हिन्दू बहू बेटियों के साथ!, सोचो अगर कल ये तुम्हारे साथ हो इसको देखकर भी अगर तुम्हारी समझ में नहीं आता तो तुम्हे भगवान भी नहीं बचा सकते'।
वीडियो में कंटेंट परेशान करने वाला है | पाठकों को विवेक का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है |
इन पोस्ट्स के आर्काइव्ड वर्शन यहाँ और यहाँ उपलब्ध है |
यही वीडियो ट्विटर पर भी वायरल हो रहा है | नीचे दिए गए ट्वीट का आर्काइव्ड वर्शन यहाँ देखें |
ये हो रहा है #मुस्लिम_बहुसंख्यक इलाकों में #हिन्दू बहू - बेटियों के साथ!
— Puspendra Kulshresth (@puspendraarmy) July 18, 2020
सोचो अगर कल ये तुम्हारे साथ हो😨😨!
इसको देखकर भी अगर तुम्हारी समझ में नहीं आता तो तुम्हे भगवान भी नहीं बचा सकते। pic.twitter.com/6OHuDdiZ16
बूम को भी यही वीडियो हेल्पलाइन पर भेजा गया था |
ये कानपुर में आठ पुलिस कर्मियों की मौत से जुड़े अपराधी विकास दुबे की तस्वीर नहीं है
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वीडियो की कुछ कीफ़्रेम्स के साथ रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया की वीडियो 2017 का है | यह घटना मई 22, 2017 को रिकॉर्ड की गयी थी | दरअसल उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में दो महिलाओं के साथ करीब 14 लड़कों ने बदतमीज़ी और छेड़-छाड़ की और इस घटना को फ़िल्माया |
एन.डी.टी.वी की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ यह घटना टांडा पुलिस स्टेशन अंतरगर्त आने वाले एक गांव में हुई थी जहाँ 14 लड़कों ने 2 महिलाओं के साथ बदतमीज़ी कर वीडियो बनाया था |
यह वीडियो आरोपियों में से एक ने बनाया और सोशल मीडिया पर डाल दिया था | जब पीड़ित या पीड़ित के परिवारवालों में से कोई सामने नहीं आया तब पुलिस ने खुद ऍफ़.आई.आर दर्ज की, जैसा की फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट में बताया गया है | वीडियो में दिख रहे 14 लड़कों को पहचान लिया गया था |
जिस लड़के ने इस घटना को अपने फ़ोन पर फ़िल्माया था उसका नाम शाह नवाज़ है | इसे ही सबसे पहले पुलिस ने पकड़ा था | इसके बाद दस और आरोपी पकडे गए जिसके बाद उन्हें चीफ जुडिशल मजिस्ट्रेट प्रमोद कुमार के सामने 31 मई, 2017 को प्रस्तुत किया गया | इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया |
इस घटना पर कई न्यूज़ चैनलों की रिपोर्ट्स और वायरल वीडियो की तुलना बताती है की यह दोनों एक ही घटना के हैं |
इनखबर ने भी इस घटना पर एक रिपोर्ट लिखी है |