सोशल मीडिया पर एक रैली का वीडियो वायरल है, जिसमें एक सड़क पर कुछ बाइक सवार लोगों का हुजूम हाथ में हरा झंडा लिए देखा सकता है. यूजर्स तेलंगाना में सत्तासीन कांग्रेस सरकार को घेरते हुए इसके साथ दावा कर रहे हैं कि हैदराबाद में कुछ लोगों ने पाकिस्तान का झंडा लहराया है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है. यह 2023 के मिलाद-उन-नबी के जुलुस का वीडियो है. हैदराबाद के टैंक बांध पर निकाले गए इस जुलूस के हाथों दिख रहे हरे झंडे पाकिस्तानी झंडे नहीं बल्कि इस्लामिक झंडे हैं.
गौरतलब है कि लोकसभा के चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होने वाले हैं, इसके परिणाम 4 जून को घोषित किए जाएंगे. आपको बताते चलें कि लोकसभा के चुनाव सात चरण में होने हैं और तेलंगाना में चौथे चरण में यानी 13 मई को वोटिंग होगी. इन चुनावों के मद्देनजर सोशल मीडिया पर तमाम तरह की फर्जी खबरें खूब शेयर की जा रही हैं. इस कड़ी में यह वीडियो भी हमारे सामने है.
फेसबुक पर मिलाद-उन-नबी के जुलूस के इस वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'हैदराबाद से एक परेशान करने वाला वीडियो सामने आया है. यहां कुछ लोगों द्वारा पाकिस्तान का झंडा लहराया गया. इस घटना से जुड़े वीडियो को बीजेपी तेलंगाना के प्रवक्ता डॉ. बीएल श्रीनिवास सोलंकी ने शेयर किया है. उन्होंने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि हैदराबाद में पाकिस्तानी समर्थकों के झंडे लहराने का परेशान करने वाला सीन. ये तेलंगाना में कांग्रेस के सत्ता में आने के परिणामों को स्पष्ट याद दिलाता है. इस चेतावनी पर ध्यान दें और अपने वोट पर विचार करें.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
एक्स पर भी यह वीडियो इन्हीं मिलते-जुलते दावों के साथ वायरल है.
हैदराबाद -यहां कुछ लोगों द्वारा पाकिस्तान का झंडा लहराया गया। इस घटना से जुड़े वीडियो को बीजेपी तेलंगाना के प्रवक्ता डॉ.बी.एल.श्रीनिवास सोलंकी ने शेयर की है।उन्होंने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि हैदराबाद में पाकिस्तानी समर्थकों के झंडे लहराने का परेशान करने वाला सीन। ये तेलंगाना… pic.twitter.com/H6ZWn680y8
— Saurabh Srivastava( मोदी जी का परिवार) (@Saurabh37244583) April 8, 2024
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फैक्ट चेक
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कुछ कीफ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया. इसके जरिए हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिलीं, जिसमें वीडियो को 2023 के मिलाद-उन-नबी के जुलूस का बताया गया था.
न्यूज आउटलेट 'सियासत' की वेबसाइट पर मिली 9 अप्रैल 2024 की रिपोर्ट में बताया गया कि मिलाद-उन-नबी के जुलूस के इस वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. रिपोर्ट में वायरल वीडियो से मिलती-जुलती तस्वीर देखी जा सकती है.
इस रिपोर्ट में हमें हैदराबाद पुलिस का एक ट्वीट भी मिला. एक्स पर पुलिस ने वीडियो को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, 'यह पिछले साल के मिलाद-उन-नबी जुलूस का एक पुराना वीडियो है. मामला पहले ही दर्ज हो चुका था. हमारा अनुरोध है कि फर्जी सूचना न फैलाएं. यदि नहीं, तो हम कार्रवाई करेंगे.' (अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद)
Its a old video last year Milad Un Nabi Festival, already a case was registered, we request not to spread fake information if not will initiate action.
— Hyderabad City Police (@hydcitypolice) April 9, 2024
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असल में यह वीडियो तब चर्चा में आया जब तेलांगना भारतीय जनता (भाजपा) पार्टी के प्रवक्ता डॉ बीएल श्रीनिवास सोलंकी ने एक्स पर इस वीडियो को पोस्ट करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने दावा किया कि यह हैदराबाद में पाकिस्तानी समर्थकों के झंडे लहराने का वीडियो है. इस गलत दावे वाले पोस्ट को आधार बनाकर 'एशियानेट' जैसी न्यूज वेबसाईट ने इसपर खबर भी प्रकाशित की. हालांकि हैदराबाद पुलिस की प्रतिक्रिया के बाद सोलंकी ने पोस्ट डिलीट कर दिया.
पुष्टि के लिए हमने यूट्यूब पर भी इस वीडियो की तलाश की. 'Milad-un-nabi Tank bund hydrabad' कीवर्ड सर्च करने पर 'Hyderabad Deccan NEWS' नाम के यूट्यूब चैनल पर हमें 2 अक्टूबर 2023 का अपलोड किया यह वीडियो मिला. वीडियो के डिस्क्रिप्शन में बताया गया था कि मिलाद-उन-नबी के मौके पर टैंक बांध पर कुछ नौजवानों ने बाइक रैली निकाली थी.
आगे हमने लोगों के हाथ में दिख रहे वायरल वीडियो के झंडे की तुलना पाकिस्तान के राष्ट्रीय झंडे से की. हमने पाया कि यह पाकिस्तान के झंडे से अलग है. पाकिस्तान के झंडे में बाईं ओर सफेद बॉर्डर है जो कि इस्लामिक झंडे में नहीं है.