दलित दूल्हे को घोड़े से उतारने के दावे से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. वीडियो में कुछ लोगों को आपस में लड़ते हुए और घोड़े पर सवार एक व्यक्ति के साथ मारपीट करते हुए देखा जा सकता है.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के मद्दिकेरा गांव का है, जहां दशहरा के पर्व पर आयोजित घुड़दौड़ में भाईयों के बीच आपस में मारपीट हो गई थी.
क्या है वायरल दावा :
फेसबुक पेज पर वीडियो को शेयर करते हुए लिखा गया है, 'हद हो गई! दलित दूल्हे को घोड़ी से उतारकर पीटा, शादी में हुआ बवाल !' आर्काइव लिंक
एक्स पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है. आर्काइव लिंक
पड़ताल में क्या मिला :
आंध्रप्रदेश का अक्टूबर 2025 का वीडियो
वायरल वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें इंस्टाग्राम पर 3 अक्टूबर 2025 को अपलोड किया गया वीडियो मिला. वीडियो को मद्दिकेरा, घुड़सवारी, घुड़दौड़, दशहरा हैशटैग के साथ शेयर किया गया है. कमेंट सेक्शन में एक सवाल के जवाब में वीडियो के अपलोडकर्ता ने इसे घोड़ों की दौड़ और लड़ाई का वीडियो बताया है और स्थान कुरनूल जिले का मद्दिकेरा गांव बताया है. यूजर ने अपने अकाउंट पर मद्दिकेरा में घुड़दौड़ से जुड़े कई वीडियो पोस्ट किए हैं. जिन्हें यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है.
दशहरा पर आयोजित हुई थी घुड़दौड़
संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर हमें मद्दिकेरा में घोड़ों की दौड़ से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट भी मिली. ईटीवी आंध्र प्रदेश की 3 अक्टूबर 2025 की वीडियो रिपोर्ट के अनुसार, आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के मद्दिकेरा में दशहरा के मौके पर घुड़दौड़ का आयोजन किया गया था. इस दौरान सैकड़ों लोग इकट्ठे होकर मद्दिकेरा के पास भोगेश्वर मंदिर जाते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं.
जातीय उत्पीड़न का मामला नहीं
हमने मद्दिकेरा पुलिस स्टेशन पर संपर्क किया. सब इंस्पेक्टर विजय ने बूम को बताया कि वायरल वीडियो में जातीय हिंसा या उत्पीड़न का कोई एंगल नहीं है, न ही थाने में ऐसी कोई शिकायत दर्ज हुई है. यह वीडियो दशहरे के मौके पर मद्दिकेरा में आयोजित घुड़दौड़ परंपरा का है. इस दौरान दो भाईयों के बीच मारपीट हो गई थी, जिसे परिवार के लोगों ने ही हस्तक्षेप करते हुए सुलझा लिया था.
मद्दिकेरा की प्राचीन परंपरा
डेक्कन क्रोनिकल की 1 जनवरी 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, मद्दिकेरा में घुड़दौड़ की परंपरा बेहद पुरानी है. इसके आयोजन में तीन शाही परिवार पेड्डा नागिरी, चिन्ना नागिरी और वेमना नागिरी के सदस्य भोगेश्वर मंदिर में विशेष पूजा अर्चना करते हैं. उसके बाद वे घोड़ों पर सवार होकर लगभग 3 किलोमीटर लंबा यात्रा-प्रदर्शन करते हैं.


