इसी साल के अगस्त में बांग्लादेश के एक सूफी दरगाह में हुई तोड़फोड़ का वीडियो हिंदू मंदिर पर हमले के रूप में शेयर किया जा रहा है.
हमने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो में दिख रही घटना अगस्त 2024 की है, जब बांग्लादेश के सिराजगंज स्थित काजीपुर में अली पगला की सूफी दरगाह में तोड़फोड़ की गई थी.
बूम की बांग्लादेश टीम ने पुष्टि के लिए एक स्थानीय पत्रकार से भी संपर्क किया. उन्होंने बताया कि यह कोई हिंदू मंदिर नहीं बल्कि एक सूफी दरगाह है.
आपको बताते चलें बांग्लादेश में इसी साल अगस्त की शुरुआत में व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा था. तब से बांग्लादेश में अभी तक उथल-पुथल की स्थिति बनी हुई है.
वीडियो के साथ किया गया झूठा दावा
लगभग 2 मिनट के इस वीडियो में भारी संख्या में लोग एक इमारत में तोड़-फोड़ करते नजर आ रहे हैं. एक्स पर भाजपा से जुड़े मनीष कश्यप ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'बांग्लादेश में मंदिरों को तोड़ा जा रहा है? हिंदुओं को पीटा जा रहा है, हिंदू लड़कियों को घरों से उठाकर इज्जत लूटा जा रहा है...'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक: वीडियो में दिख रही इमारत मंदिर नहीं बल्कि सूफी दरगाह है
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो अगस्त 2024 का है, जब बांग्लादेश के सिराजगंज में स्थित काजीपुर में अली पगला की सूफी दरगाह पर हमला कर, तोड़फोड़ की गई थी.
हमने पाया कि कई यूजर्स ने वायरल वीडियो में दिख रही जगह को लेकर कमेंट करते हुए इसे मंदिर नहीं बल्कि सूफी दरगाह बताया था. यहां से संकेत लेकर हमने इससे संबधित रिपोर्ट्स की तलाश की तो पाया कि यह जगह बांग्लादेश के सिराजगंज में स्थित अली पगला नामक सूफी दरगाह है.
बांग्लादेशी न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, 29 अगस्त 2024 को अली पगला मजार में तोड़फोड़ की गई थी.
हमें कालबेला की एक न्यूज रिपोर्ट भी मिली, जिसमें बताया गया कि वायरल वीडियो में दिख रही घटना 31 अगस्त 2024 की है. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो से मेल खाता हुआ एक स्क्रीनशॉट देखा जा सकता है.
रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश के सिराजगंज के काजीपुर में ग्रामीणों ने इलाके की एक मस्जिद के इमाम को इसलिए बर्खास्त कर दिया, क्योंकि कथित तौर पर उनके लोगों ने दरगाह पर हमला किया था.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इलाके के कई लोगों ने दावा किया था कि इमाम गुलाम रब्बानी और उनके आदमियों ने 29 अगस्त को अली पगला की दरगाह में तोड़फोड़ की थी.
बूम बांग्लादेश से स्थानीय पत्रकारों ने भी की इसकी पुष्टि
बूम की बांग्लादेश टीम में सिराजगंज स्थित काजीपुर के एक स्थानीय पत्रकार अब्दुल जलील से संपर्क किया. उन्होंने बूम से बताया कि वायरल वीडियो में दिख रही जगह सिराजगंज की अली पगला की मजार है.
डेली स्टार के संवादाता शाहिदुल इस्लाम निरोब ने भी बूम से इसकी पुष्टि की कि वीडियो अली पगला की मजार का है. उन्होंने कहा, यह कोई हिंदू मंदिर नहीं है जैसा कि वीडियो के साथ झूठा दावा किया जा रहा है.
नीचे दी गई रिपोर्ट में तोड़फोड़ का यह वीडियो देखा जा सकता है, जिसके विजुअल्स वायरल वीडियो से मेल खाते हैं. इसके 2.50 मिनट पर हम देख सकते हैं कि मजार पर स्टील की छड़ों से हमला किया जा रहा है.
(तौसिफ अकबर, बूम बांग्लादेश के इनपुट्स के साथ)