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      फैक्ट चेक

      बांग्लादेश में घायल रमन रॉय चिन्मय दास के वकील नहीं हैं, पढे़ं पूरा सच

      बूम ने जांच में पाया कि ढाका में रहने वाले वकील रमन रॉय पर 25 नवंबर 2024 को एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हमला किया गया था, उसी दिन चिन्मय कृष्ण दास को भी गिरफ्तार किया गया था.

      By -  Swasti Chatterjee
      Published -  6 Dec 2024 9:25 AM
    • Listen to this Article
      Banglades Chinmoy Das Arrest  Lawyer Ramen Roy attack and Injured
      CLAIMबांग्लादेश के चटगांव की अदालत में चिन्मय कृष्ण प्रभु का केस लड़ रहे वकील रमन रॉय पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हमला कर दिया और उनके घर को भी तहस-नहस कर दिया.
      FACT CHECKबूम ने पाया कि रमन रॉय चिन्मय कृष्ण दास के वकील नहीं हैं. 25 नवंबर 2024 को ढाका में उन पर हमला हुआ था.

      बांग्लादेश के चटगांव में 3 दिसंबर 2024 को पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका पर सुनवाई से कुछ घंटे पहले ही इस्कॉन मंदिर कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने एक्स पर घायल व्यक्ति की तस्वीर पोस्ट की.

      राधारमण दास ने इस तस्वीर को लेकर दावा किया कि चटगांव अदालत में चिन्मय कृष्ण प्रभु का केस लड़ रहे उनके वकील रमन रॉय पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हमला कर दिया और उनके घर को तहस-नहस कर दिया.

      बूम ने जांच में पाया कि ढाका निवासी वकील रमन रॉय के चिन्मय दास के वकील होने और उनके घर को तहस-नहस किए जाने का दावा झूठा है.

      हालांकि 25 नवंबर 2024 को चिन्मय कृष्ण दास को शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन कर रहे रमन रॉय पर हमला भी किया गया था, जिसके बाद वह चोटिल हो गए थे और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था.

      भारतीय और बांग्लादेशी मीडिया ने गलत खबर दी

      कई भारतीय मीडिया आउटलेट्स जैसे- टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स, डीडी न्यूज, इंडियन एक्सप्रेस, न्यूज 18, द प्रिंट, आजतक बांग्ला, Zee 24 Ghanta, इंडिया टुडे, बिजनेस स्टैंडर्ड, एबीपी आनंदा, टीवी9 बांग्ला, वन इंडिया, एनडीटीवी, और द हिंदू ने राधारमण दास के इस दावे के हवाले से गलत रिपोर्ट दी कि चिन्मय कृष्ण दास का केस लड़ने के कारण रमन रॉय पर हमला हुआ है.

      बांग्लादेश के Channel24 ने 3 दिसंबर को इस दावे को खारिज करते हुए बताया कि चटगांव की अदालत में रमन रॉय नाम का कोई वकील नहीं है. इसके अलावा चैनल ने अस्पताल में भर्ती रमन रॉय को पटना का एक वकील बताया. चैनल के न्यूज बुलेटिन में "चिन्मय दास के वकील के बारे में भारतीय मीडिया का झूठ" शीर्षक से न्यूज रिपोर्ट भी चलाई गई. हालांकि बाद में यह बुलेटिन हटा लिया गया.

      इसके साथ ही राधारमण दास ने एक्स पर एक और पोस्ट कर स्पष्ट किया कि रमन रॉय पर 25 नवंबर को हमला किया गया था न कि चिन्मय दास के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू होने के बाद.

      He was attacked on 25th November 2024 in Dhaka during a rally. Since then he is in ICU. He is one of the supporters Lawyer of Chinmoy Krishna Das

      — Radharamn Das राधारमण दास (@RadharamnDas) December 3, 2024

      सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने भी यही दावा किया.


      यह भी पढ़ें -बांग्लादेश में दो मुस्लिम समूहों के बीच हिंसा का वीडियो सांप्रदायिक दावे से वायरल


      फैक्ट चेक

      बूम ने पूरे दावे की पड़ताल के लिए रमन रॉय के करीबी रिश्तेदार तपन दास से बात की. उन्होंने पुष्टि की कि रमन रॉय ढाका में रहने वाले वकील हैं, लेकिन वह चटगांव की अदालत से संबंधित नहीं हैं.

      उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 25 नवंबर को उन पर हमला हुआ था और उन्हें ढाका मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. बाद में उन्हें एक निजी अस्पताल में शिफ्ट किया गया और अब वह आईसीयू में हैं.

      तपन दास ने आगे बताया, "मेरी पत्नी के भाई रमेंद्रनाथ रॉय ढाका के वकील हैं. उन्हें चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बारे में 25 नवंबर को ढाका हवाई अड्डे से जानकारी मिली. इसके बाद वह शाहबाग में हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए, जहां उन पर हमला किया गया और अब वह लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं."

      तपन दास ने आगे यह भी स्पष्ट किया कि उनके घर को नुकसान नहीं पहुंचाया गया. उन्होंने कहा, "मेरे भाई के घर में तोड़-फोड़ की गई यह बात सच नहीं है."

      तपन दास ने वायरल तस्वीर की पुष्टि की और बताया कि यह आईसीयू में शिफ्ट किए जाने के बाद ली गई थी लेकिन इसके आगे उन्होंने इस बारे कोई और जानकारी शेयर करने से इनकार कर दिया.

      इसके बाद बूम ने बांग्लादेश के हिंदू संगठनों के एक संघ Bangladesh Sammilita Sanatani Jagran Jote के प्रवक्ता प्रसेनजीत हलदर से संपर्क किया. इस संघ के प्रतिनिधि चिन्मय कृष्ण दास भी हैं. 25 नवंबर को हुए प्रदर्शन में हलदर भी मौजूद थे.

      हलदर ने बूम को बताया, “रमन रॉय चटगांव अदालत में चिन्मय कृष्ण दास के वकील नहीं थे. रमन रॉय शाहबाग में चिन्मय प्रभु के समर्थक के रूप में प्रदर्शन में शामिल हुए थे. यह सही है कि वह भी पेशे से वकील हैं पर इस कारण उन पर हमला नहीं हुआ है."

      उन्होंने बताया, "गिरफ्तारी की खबर सुनने के बाद हमने मिंटो रोड स्थित डिटेक्टिव ब्रांच ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया, लेकिन फिर पुलिस के कहने पर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने के लिए हम शाहबाग चौराहे पर चले गए."

      हलदर ने इसके आगे बताया, "कुछ समय बाद एक भीड़ आई और तेज धारदार हथियारों से हम पर हमला कर दिया. मुझे भी चोटें आईं और रमन रॉय के सिर पर भी गंभीर चोट लगी. उन्हें तुरंत ढाका मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ले जाया गया."

      हलदर ने रमन रॉय को चोट लगने वाली तस्वीरें भी शेयर कीं, जो दिखाती हैं कि वह गंभीर रूप से घायल हुए थे.

      बूम ने इससे पहले भी चटगांव की अदालत में वकील सैफुल इस्लाम के बारे में गलत दावों का फैक्ट चेक किया था, जब उनकी पहचान गलत तरीके चिन्मय कृष्ण दास के वकील के रूप में की गई थी.

      बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की प्रेस विंग ‘CA Press Wing Facts’ के आधिकारिक फेसबुक पेज पर एक स्पष्टिकरण में बताया गया था कि चिन्मय कृष्ण दास द्वारा मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किए गए वकालतनामे से पता चला है कि शुभाशीष शर्मा उनके वकील हैं.

      बूम ने शुभाशीष शर्मा से भी संपर्क किया है, उनका जवाब मिलते ही कॉपी को अपडेट कर किया जाएगा.


      यह भी पढ़ें -बंगाल में विसर्जन के लिए मूर्ति खंडित करने का वीडियो बांग्लादेश के दावे से वायरल


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      Claim :   बांग्लादेश के चटगांव की अदालत में चिन्मय कृष्ण प्रभु का केस लड़ रहे वकील रमन रॉय पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हमला कर दिया और उनके घर को भी तहस-नहस कर दिया.
      Claimed By :  Radharamn Das, Social medid users and media outlets
      Fact Check :  False
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