सोशल मीडिया पर वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्टरूम का एक वीडियो वायरल है. वीडियो में कुछ लोग एक व्यक्ति के साथ मारपीट करते नजर आ रहे हैं. यूजर्स दावा कर रहे हैं कि वाराणसी में वकीलों ने सब डिविजनल मैजिस्ट्रेट (SDM) की उनके ही कोर्ट में पिटाई कर दी.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है. घह घटना वाराणसी के एसडीएम कोर्ट की है, जब 9 जुलाई 2024 को कोर्ट रूम में अधिवक्ताओं ने पेशकार की पिटाई कर दी थी.
एक्स यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'लखनऊ कोर्टरूम में खुलेआम अपराधी की गोली मारकर हत्या का वीडियो सारी दुनिया ने देखा था. लेकिन इस बार वकीलों ने SDM साहब को उनकी ही कोर्ट में धुन दिया. वायरल वीडियो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के संसदीय क्षेत्र काशी का बताया जा रहा है.'
फैक्ट चेक
एक्स पर वायरल वीडियो के कमेंट सेक्शन में एक यूजर ने बताया कि इस मामले में पेशकार रिश्वत मांग रहा था इसीलिए उसकी पिटाई हुई थी.
Fir लॉज हुई है ,sc st से लेकर जानलेवा हमले में, बाकी पेशकार रिश्वत मांग रहा था उसी मामले में मारपीट हुई
— एडवोकेट प्रतीक 'प्रिंस' (@pmvns) July 19, 2024
इसी से संंकेत लेकर घटना को गूगल पर सर्च करने पर 9 जुलाई 2024 की कई मीडिया रिपोर्ट मिलीं.
हिंदुस्तान की रिपोर्ट में बताया गया कि वाराणसी की राजातालाब तहसील में मंगलवार को एसडीएम न्यायिक के पेशकार पर घूस लेने का आरोप लगाते हुए अधिवक्ताओं ने उसकी पिटाई कर दी. पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया. दोनों पक्ष की ओर से राजातालाब तहसील में हमले की तहरीर दी गई है.
रिपोर्ट में लिखा गया, "अधिवक्ताओं का कहना है कि वह पेशकार पांच साल से वहीं हैं और काम कराने के लिए पैसे मांगता था. पेशकार के रिश्वत मांगने पर एक वादी अधिवक्ताओं के पास अपनी शिकायत लेकर पहुंचा था इसलिए गुस्साए अधिवक्ताओं ने पेशकार को पीट दिया था."
अमर उजाला की 11 जुलाई की रिपोर्ट में बताया गया कि घटना के बाद दोनों पक्ष ने राजातालाब थाने पर तहरीर दी. पेशकार प्रशांत की तहरीर पर सर्वजीत भारद्वाज समेत कई अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में बताया गया, "डीएम के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी (नगर) आलोक कुमार वर्मा ने राजातालाब तहसील में दोनों पक्षों से अलग-अलग बात की. इसके बाद अधिवक्ताओं ने मारपीट के लिए माफी मांगने पर सहमति जताई. और पेशकार ने भी मुकदमा वापस लेने की बात कही." रिपोर्ट में एडीएम के हवाले से बताया गया, "अधिवक्ता के माफी मांगने के बाद अब मुकदमा वापसी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है."