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फ़ैक्ट चेक

वाराणसी में निगम पार्षद को बंधक बनाने का वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा सही नहीं है और वीडियो पुराना है.

By -  Runjay Kumar |

4 July 2022 1:50 PM GMT

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति को कुर्सी के सहारे बांध कर पानी में बिठाए हुए देखा जा सकता है. वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि कुर्सी के सहारे बांधे गए शख्स पार्षद हैं, जिन्हें जनता ने चुनाव जीतने के बाद कभी भी इलाके का दौरा नहीं करने पर मौका देखकर किडनैप कर लिया. बूम ने पाया कि वायरल वीडियो 2020 का है और इसमें दिख रहा दृश्य वाराणसी के अम्बिया इलाके का है, जहां लोगों ने अपने इलाके में हुई जलजमाव की समस्या से परेशान होकर क्षेत्रीय पार्षद को बंधक बना लिया था.

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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो 20 सेकेंड का है. वायरल वीडियो में बॉलीवुड का एक साउंड ट्रैक भी जोड़ा गया है जिसे फ़ेसबुक पर 'ये जनाब पार्षद है, चुनाव जीतने के बाद कभी अपने क्षेत्र में नही गए. वापस चुनाव आने पर वोट की अपील के लिए दौरे पर गए जनता द्वारा किडनैप कर लिया गया' जैसे कैप्शन के साथ शेयर किया गया है

एक फ़ेसबुक यूज़र ने इस वीडियो को वायरल दावे के साथ शेयर किया है.


वहीं एक अन्य सोशल मीडिया यूज़र ने भी ऊपर लिखे कैप्शन के साथ ही वायरल वीडियो को अपने फ़ेसबुक अकाउंट से शेयर किया है.

वायरल पोस्ट यहां, यहां, यहां और यहां देखें.

फ़ैक्ट चेक

बूम ने वायरल हो रहे वीडियो की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया तो हमें ज़ी सलाम पर 21 नवंबर 2020 को प्रकाशित की गई न्यूज़ रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में मौजूद फ़ोटो वायरल वीडियो का ही स्क्रीनग्रैब है.

ज़ी सलाम की रिपोर्ट के अनुसार उत्तरप्रदेश के वाराणसी नगर निगम के वार्ड नंबर 79 के पार्षद तुफैल अंसारी अपने इलाक़े का दौरा करने निकले थे. इसी दौरान अम्बिया मंडी इलाके में सीवर के पानी के कारण हुए जल जमाव से परेशान लोगों ने पार्षद को बंधक बना लिया. हालांकि जैसे ही इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को मिली तो अधिकारियों ने वहां पहुंच कर इलाके के लोगों की समस्याओं को सुना और जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद लोगों ने बंधक बनाए गए पार्षद को छोड़ दिया.

जांच के दौरान ही हमें नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर भी मौजूद न्यूज़ रिपोर्ट मिली, जिसे 21 नवंबर 2020 को ही प्रकाशित किया गया था. रिपोर्ट में भी वही फ़ोटो लगी थी, जिस दृश्य को वायरल वीडियो में भी देखा जा सकता है.


नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार भी पार्षद के इलाके के लोग सड़क पर बह रहे सीवर के पानी से परेशान थे. लोगों ने नगर निगम अधिकारियों से लेकर पार्षद तक इसकी शिकायत की थी, लेकिन कोई समाधान नहीं होने के कारण गुस्साए लोगों ने पार्षद को बंधक बनाकर नारेबाज़ी की.

बूम ने इस दौरान पार्षद तुफ़ैल अंसारी से भी संपर्क किया तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल हो रहा वीडियो करीब दो साल पुराना है. तुफ़ैल ने वायरल वीडियो को लेकर यह भी कहा कि उनके क्षेत्र के अम्बिया मंडी के इलाके में कई महीनों से जल जमाव था. लेकिन सरकारी अमला सुध नहीं ले रहा था जिसकी वजह से गुस्साए लोगों ने मुझे बंधक बना लिया था. लेकिन बाद में समस्या का समाधान हो गया था. साथ ही उन्होंने वायरल दावे में चुनाव का जिक्र होने को लेकर कहा कि उस समय कोई भी चुनाव नहीं हो रहे थे.

बता दें कि इसी साल नवंबर के महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में नगर निकाय के चुनाव होने हैं. 2017 में हुए पिछले चुनाव में भाजपा ने वाराणसी की 90 सदस्यों वाली निकाय में जीत दर्ज की थी और मृदुला जायसवाल मेयर बनाई गईं.

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