फैक्ट चेक

ग्वाटेमाला के अवैध अप्रवासियों की तस्वीरें और वीडियो भारतीयों के दावे से वायरल

बूम ने जांच में पाया कि वायरल विजुअल ग्वाटेमाला के नागरिकों की हैं जिन्हें 23 और 30 जनवरी 2025 को उनके देश वापस भेजा गया था.

By -  Shefali Srivastava |

6 Feb 2025 6:18 PM IST

Illegal indian migrants deportation images fact check

सोशल मीडिया पर ग्वाटेमाला के अवैध अप्रवासियों के विजुअल इस दावे से वायरल है कि ये अमेरिका से वापस भेजे गए भारतीयों की तस्वीर और वीडियो हैं.

बूम ने पाया कि वायरल हो रही तस्वीरों में उन भारतीय अप्रवासियों को नहीं दिखाया गया है, जो टेक्सास से विमान के जरिए अमृतसर पहुंचे. तस्वीर और वीडियो में दिख रहे लोग ग्वाटेमाला के नागरिक हैं, जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे थे.

मालूम हो कि अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों के पहले जत्थे को भी हथकड़ी और जंजीर से बांधकर बुधवार को अमृतसर लाया गया. अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 पर सवार 104 भारतीय बुधवार दोपहर दो बजे अमृतसर के श्री गुरु रामदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सभी को हथकड़ी लगाकर अमेरिका सेना की देखरेख में भेजा गया था. इनमें गुजरात के 33, हरियाणा के 34, पंजाब के 30, महाराष्ट्र के तीन, उत्तर प्रदेश-चंडीगढ़ के 2-2 लोग शामिल हैं. इनमें आठ से दस साल के कुछ बच्चे भी शामिल हैं.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'प्रधानमंत्री मोदी जी को अमेरिका यात्रा स्थगित कर देना चाहिए यदि 56 इंच की छाती है. अमेरिका ने भारतीयों को हथकड़ी और मुँह पर मास्क और सिर झुकाकर देश निकाला है. मोदी जी कम से कम ट्रम्प से इतनी तो बात कर लेते कि सम्मानजनक रुप से उनके नागरिकों को भारत भेजा जाय.' (आर्काइव लिंक)



इसके अलावा एक अन्य यूजर ने पैरों में जंजीर वाली तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'भारतीयों के साथ अमेरिका में ट्रम्प द्वारा निष्कासन करते समय कैदियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है—हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां. जयशंकर जी क्या आप इतनी व्यवस्था भी नहीं कर सकते थे कि ये भारतीय इतनी दयनीय यात्रा न करते.' (आर्काइव लिंक)



फैक्ट चेक

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही भारतीय अवैध अप्रवासियों के दावे वाली तस्वीर और वीडियो असल में ग्वाटेमाला के नागरिकों की हैं.

1: वीडियो में ग्वाटेमाला के अप्रवासी नजर आ रहे हैं 

बूम ने पड़ताल के लिए वीडियो के कीफ्रेम लेकर रिवर्स इमेज सर्च किया. इस दौरान हमें Military times online का यूट्यूब शॉर्ट्स मिला जिसमें वायरल वीडियो के फुटेज शामिल थे. इसे 29 जनवरी 2025 को अपलोड किया गया था जिसके डिस्क्रिप्शन में बताया गया कि सैन्य विमानों ने पहली बार अप्रवासी निर्वासन उड़ानें भरीं.

हमें यूट्यूब पर संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर ABC News की 25 जनवरी 2025 की वीडियो रिपोर्ट मिली. इसमें बताया गया कि अमेरिका द्वारा अवैध अप्रवासियों के निर्वासन के लिए पहली बार सैन्य विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

रिपोर्ट में बताया गया कि निर्वासन के लिए पहली उड़ान की तस्वीरें सामने आई हैं. इसमें टेक्सास के Fort Bliss से अवैध अप्रवासियों को ग्वाटेमाला भेजा गया. रिपोर्ट में वायरल वीडियो से मिलते-जुलते फुटेज देखे जा सकते हैं जिसके लिए यूएस डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस (DOD) को क्रेडिट दिया गया. 



 2 : वायरल तस्वीर ग्वाटेमाला नागरिक की है

 वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें Independent.co.uk की 30 जनवरी 2025 मीडिया रिपोर्ट मिली. इसमें बताया गया कि ग्वाटेवाला के लिए रवाना हुए अमेरिकी सैन्य विमान में 80 अप्रवासी सवार हैं जिनके हाथ और पैर बंधे हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि यह फ्लाइट आर्मी बेस fort bliss से रवाना हुई.

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि ट्रंप प्रशासन ने सैन्य विमानों का इस्तेमाल कर अबतक ग्वाटेमाला, इक्वाडोर और कोलंबिया के लिए अप्रवासियों को रवाना किया है. तस्वीर के लिए न्यूज एंजेसी 'द एसोसिएटेड प्रेस' को क्रेडिट दिया गया है.



हमे 'द एसोसिएटेड प्रेस' की वेबसाइट पर भी यह तस्वीर मिली जिसके कैप्शन में बताया गया कि चेहरे पर मास्क और हाथ-पैरों में बेड़ियां पहने अप्रवासी टेक्सास के Al Paso स्थित Fort Bliss में एक सैन्य विमान में बैठे हैं और ग्वाटेमाला के लिए अपने निर्वासन की प्रतीक्षा कर रहे हैं.




 


इसके अलावा हमने यह भी पाया कि भारतीय अवैध अप्रवासियों को लाने वाला विमान 4 फरवरी 2025 को टेक्सास के सैन अंटोनियो शहर से अमृतसर के लिए रवाना हुआ था जबकि वायरल तस्वीरें और वीडियो टेक्सास के Al Paso शहर की हैं.

हालांकि यह बात भी सामने आई है कि अमेरिका से लाए गए भारतीयों के हाथ-पैर भी हथकड़ी और जंजीरों से बंधे हुए थे.

हथकड़ी और जंजीरों में कैद करके भेजे गए भारतीय

यूएस बॉर्डर पट्रोल के चीफ माइकल डब्ल्यू बैंक ने 6 फरवरी को अवैध भारतीय अप्रवासियों के वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'यूएसबीपी और उसके सहयोगियों ने अवैध विदेशियों को सफलतापूर्वक भारत वापस भेजा, जो सैन्य परिवहन का उपयोग करके अब तक की सबसे लंबी निर्वासन उड़ान थी. यह मिशन इमिग्रेशन कानूनों को लागू करने और त्वरित निष्कासन सुनिश्चित करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को बताता है.'

यूएस बॉर्डर पट्रोल चीफ द्वारा शेयर किए गए विजुअल में रात का समय नजर आता है जबकि वायरल हो रहे वीडियो में दिन का समय है.

बूम से बातचीत में पंजाब के एक स्थानीय पत्रकार ने नाम न जाहिर करने की स्थिति में इसकी पुष्टि की कि पूरी यात्रा के दौरान भारतीयों के हाथ-पैर बंधे हुए थे.

जयशंकर ने डिपोर्टेशन पर दिया बयान

वहीं विदेश मंंत्री जयशंकर ने गुरुवार को संसद में डिपोर्टेशन के बारे में कहा कि "अवैध अप्रवासियों को वापस भेजना उनका दायित्व है." वहीं हथकड़ी विवाद पर जयशंकर ने कहा कि विमान द्वारा निर्वासन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया में प्रतिबंधों के इस्तेमाल का प्रावधान है. इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि डिपोर्टेशन पहली बार नहीं हुआ है और पिछले 15 साल के आंकड़े भी गिनाए.

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