सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है, जिसमें एक युवक की रस्सी से बांध कर पिटाई की जा रही है. इस दौरान उसके सिर को भी गंजा कर दिया गया है और साथ ही उसके गले में जूते चप्पल की माला भी डाल दी गई है. इस वीडियो को जातिगत अत्याचार के दावे से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.
हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि इस घटना में कोई भी जातीय एंगल नहीं है. मेरठ पुलिस ने स्पष्ट किया कि इस घटना में शामिल दोनों पक्ष एक ही समुदाय से हैं.
वायरल वीडियो करीब 2 मिनट का है. वीडियो में सबसे पहले एक शख्स जमीन पर बैठे युवक के सिर को गंजा करता हुआ दिख रहा है. इस दौरान कुछ लोग उसकी पिटाई करते हुए भी दिख रहे हैं. पिटाई करने वालों में पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं. वीडियो के अंत में उस युवक के गले में चप्पल की माला भी लटकी हुई दिखाई दे रही है.
इस घटना से जुड़े वीडियो और फ़ोटो ट्विटर और फ़ेसबुक दोनों जगहों पर काफ़ी वायरल हैं.
ट्विटर पर वायरल वीडियो से जुड़े दृश्य को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, “मेरठ यूपी में जूते पॉलिश करने वाले मोची लखन के हाथ-पैर पेड़ से बांधकर उसका चेहरा काला किया गया और फिर भीड़ के सामने गंजा कर दिया गया। इस दौरान उसके गले में जूते-चपल की माला भी डाली गई, कहाँ गए वो लोग जो कहते हैं जातिवाद नही रहा”.
वहीं फ़ेसबुक पर वायरल वीडियो के साथ शेयर किए गए कैप्शन में लिखा गया है, “एक दलित युवक लखन के हाथ-पैर पेड़ से बंधे हुए थे, उसका चेहरा काला कर दिया गया था, भीड़ के सामने उसका सिर मुंडवा दिया गया था और उसके गले में जूतों की माला डाल दी गई थी. ये सब बीजेपी शासित यूपी के मेरठ शहर में हो रहा है और मुख्यमंत्री महोदय इस व्ववस्था को रामराज्य बता रहे है”.
वायरल वीडियो से जुड़े अन्य फ़ेसबुक पोस्ट्स आप यहां और यहां देख सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए सबसे पहले कैप्शन में दिए गए जानकारियों की मदद से गूगल सर्च किया तो हमें कुछ न्यूज़ रिपोर्ट्स मिली. इन रिपोर्ट्स के फ़ीचर इमेज में वायरल वीडियो वाले ही दृश्य मौजूद थे.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला मेरठ के ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र का है, जहां पुरानी रंजिश के चलते लखन नाम के युवक का मुंह काला कर दिया गया था. साथ ही उसको गंजा कर उसके साथ मारपीट भी की गई थी. लखन ने इस मामले में अपने पड़ोसियों के खिलाफ़ ही शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ़्तार किया था.
पीड़ित मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला है और अपने जीजा के साथ ब्रह्मपुरी इलाके में रहता है. पीड़ित के अनुसार, उसके पड़ोस में रहने वाले कुछ लोग उसके जीजा से रंजिश रखते हैं. इसके चलते ही कुछ समय पूर्व उसकी आरोपियों से कहासुनी हो गई थी. इसके बाद आरोपियों ने पहले तो उसके साथ मारपीट की. बाद में हाथ पैर बांध कर और गले में चप्पल डाल कर मोहल्ले में घुमाया एवं चौराहे पर ले जाकर गंजा भी कर दिया. रिपोर्ट में गिरफ़्तार किए गए लोगों की तस्वीर भी मौजूद थी.
इससे जुड़ी रिपोर्ट हमें अमर उजाला की वेबसाइट पर भी मिली. इस रिपोर्ट में भी वह सब जानकारी मौजूद थी, जो दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में है.
वहीं एबीपी न्यूज़ की रिपोर्ट में आरोपी पक्ष द्वारा पुलिस को दी गई दलील भी मौजूद थी. रिपोर्ट के अनुसार, “युवक ने आरोपी पक्ष की लड़की के साथ छेड़छाड़ की थी, जिसके बाद उसके बाल काटे गए थे और उसकी पिटाई की गई थी”.
इसी दौरान हमें इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर 29 मार्च को प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि यह घटना बीते 22 मार्च को घटी थी. साथ ही पुलिस के हवाले से यह भी बताया गया था कि “पीड़ित और सभी आरोपी दलित हैं”. रिपोर्ट में पीड़ित लखन कुमार का बयान भी शामिल था.
जांच में हमें मेरठ पुलिस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से किया गया एक रिप्लाई भी मिला. पुलिस ने यह रिप्लाई वेरिफ़ाईड ट्विटर यूज़र मीना कोटवाल के एक ट्वीट पर किया था, जिसमें वायरल वीडियो मौजूद था. पुलिस ने जवाब देते हुए बताया था कि “थाना ब्रहमपुरी क्षेत्रान्तर्गत दो पक्ष जो एक-दूसरे के दूर के रिश्तेदार है और एक ही जगह के रहने वाले है, एक पक्ष के द्वारा छेड़खानी का आरोप लगाया गया और दूसरे व्यक्ति के साथ इस प्रकार की घटना की गयी है. उपरोक्त घटना में थाना ब्रहमपुरी पर मुकदमा पंजीकृत कर चार लोगो को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है”.
हमारी अभी तक की जांच से यह साफ़ हो गया था कि मेरठ की इस घटना में कोई भी जातीय एंगल नहीं है. लेकिन हमने अपनी जांच को और पुख्ता करने के लिए ब्रह्मपुरी थाने से संपर्क किया तो अपराध शाखा के इन्स्पेक्टर राजेन्द्र सिंह से बताया कि “सभी आरोपी और पीड़ित दोनों ही एक समुदाय से है. दोनों पक्ष दलित हैं. इस घटना में अभी तक कुल छह लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, जिसमें तीन पुरुष और तीन महिलाएं शामिल है”.