सोशल मीडिया पर टॉय गन की मदद से झाड़-फूंक करते एक शख़्स का वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो को भारतीय मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधने के उद्देश्य से शेयर किया जा रहा है. हालांकि, बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो मलेशिया से है और इसका भारत से कोई संबंध नहीं है.
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक कमरे में एक शख़्स फर्श पर क्रॉस लेग किए बैठा हुआ है. उसके सामने एक महिला बैठी है. वो शख़्स कुछ पढ़ते हुए दो टॉय गन उठाता है और उस महिला की दिशा में चलाता है. इस बीच महिला जीब आवाज़ों के साथ हिलती-डुलती नज़र आती है. इस वीडियो को भारतीय मुसलमानों पर निशाना साधने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.
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ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
इसी दावे के साथ वीडियो को फ़ेसबुक पर भी बड़े पैमाने पर शेयर किया गया है.
पोस्ट यहां देखें.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो की सत्यता जांचने के लिए रिवर्स इमेज सर्च की मदद से वीडियो को खोजना शुरू किया तो Rancah Post नाम की वेबसाइट पर अक्टूबर 2018 में प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट मिली, जिसमें उसी शख़्स को लेज़र लाइट की मदद से किसी दूसरी महिला का इलाज करते हुए दिखाती तस्वीरें मिलीं.
इस रिपोर्ट में न्यूज़ वेबसाइट Harian Metro के हवाले से बताया गया है कि वायरल वीडियो में रुक्या विधि के रूप में टॉय गन इस्तेमाल करने वाले शख़्स का नाम उस्ताद मोहम्मद रफ़ी हारुन है, जो मलेशिया के कुआला तेरेंगानु शहर कम्पुंग लोसोंग तांगकी एयर के निवासी हैं.
हमें जांच के दौरान HMetro न्यूज़ वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली, जिसमें मोहम्मद रफ़ी ने टॉय गन के इस्तेमाल के बारे में विस्तार से अपनी बात रखी है.
HMetro न्यूज़ से बात करते हुए उस्ताद मोहम्मद रफ़ी कहते हैं, "टॉय गन का इस्तेमाल महज़ एक मेडिकल मेथड है और यह इस्लामी शिक्षाओं के ख़िलाफ़ नहीं है, मैं इलाज के दौरान कुरान की आयतें पढ़ता हूं. मैंने कभी नहीं सोचा था कि टॉय गन का उपयोग एक मुद्दा बन जाएगा और इसकी कड़ी आलोचना होगी."
वायरल वीडियो के बारे में टिप्पणी करते हुए वो कहते हैं, "मैं मानता हूं कि यह वायरल मेडिकल वीडियो लोगों के लिए रोगी की सहमति से इंटरनेट पर और हमारी वेबसाइट पर मेरे और कुछ छात्रों द्वारा अपलोड किया गया था."
HMetro न्यूज़ से अपनी बातचीत में रफ़ी आगे बताते हैं कि वो यहां कुछ चिकित्सकों के रवैये से नाराज़ थे, जो महिला रोगियों को छूते थे और ग़लत नियत से फ़ायदा उठाते थे.
अन्य रिपोर्ट यहां देखें.
हमने अपनी जांच के दौरान पाया कि वायरल वीडियो असल में एक टिकटॉक वीडियो से लिया गया है.
उस्ताद रफ़ी के नाम से अपलोड किये गए इस टिकटाक वीडियो के डिस्क्रिप्शन में मलय भाषा में बताया गया है, "उजी को धन्यवाद जिन्होंने सभी रोगियों के इलाज में महज़ एक टॉय गन का इस्तेमाल किया. यदि आप मेरी उपचार पद्धति को नहीं समझते हैं या पसंद नहीं करते हैं, तो अपमान न करें. अधिक स्पष्टीकरण के लिए मुझसे मिलना ज़्यादा बेहतर होगा."
(एडिशनल रिपोर्टिंग - सुजित ए)
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