सोशल मीडिया पर कर्नाटक कांग्रेस के नेता एमबी पाटिल के हवाले से यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी को लिखा गया एक पत्र वायरल है, जिसमें 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में "हिंदुओं को विभाजित" करने की योजना का विवरण दिया गया है.
बूम ने पाया कि वायरल पत्र फर्जी है. यह 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद से ही वायरल है. इसे 2019 में भाजपा कर्नाटक के आधिकारिक एक्स हैंडल से भी पोस्ट किया गया था. बूम इससे पहले भी इस पत्र का फैक्ट चेक कर चुका है. उस दौरान बूम ने एमबी पाटिल से बात की थी, उन्होंने वायरल पत्र को फेक बताया था और इसे शेयर करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का सहारा लिया था.
जुलाई 2017 के इस फर्जी लेटर में दावा किया गया है कि एमबी पाटिल सोनिया गांधी को 'ग्लोबल क्रिश्चियन काउंसिल' और 'वर्ल्ड इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन' के प्रतिनिधियों के साथ की गई एक बैठक के बारे में बता रहे हैं. इस बैठक में उन्होंने कुछ मंत्रियों के साथ मिलकर कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए “अपनाई जाने वाली रणनीति” के संबंध में बातचीत की थी.
दरअसल फर्जी समाचार वेबसाइट 'पोस्टकार्ड' ने 2018 में इस फर्जी लेटर के हवाले से एक लेख प्रकाशित किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कर्नाटक के तत्कालीन जल संसाधन मंत्री एमबी पाटिल और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वोट के लिए "कर्नाटक में लिंगायतों के विभाजन की साजिश" रची थी. हालांकि 'पोस्टकार्ड' ने इस स्टोरी को प्रकाशित करने के एक दिन के भीतर ही हटा दिया था.
फिलहाल एक्स पर इस फर्जी लेटर को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'कांग्रेस की नीचता किस हद तक जा सकती है, ध्यान से देखिये. कर्नाटक के कांग्रेस मंत्री MB Patil का सोनिया गांधी को खत में साफ लिखा है कि भाजपा को हराना है तो हिन्दू को तोड़ दो. और ऐसा करने के लिए मदद Global Christian council और World Islamik Organisation से ली गई.
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक
बूम ने मई 2018 में भी इस लेटर का फैक्ट चेक किया था और पाया था कि वायरल लेटर फर्जी है. यह 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद से ही सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा है.
बूम ने 2018 में पड़ताल के दौरान एमबी पाटिल से बात की थी. उन्होंने वायरल लेटर और उसमें लिखी सारी बातों को फर्जी बताते हुए कहा था, "जब मैंने यह स्टोरी देखी तो मैं काफी गुस्से में आ गया था. उन्होंने मेरे संगठन BLDEA का लेटर हेड और मेरे हस्ताक्षर की कॉपी स्कैन की है. यह वेबसाइट (पोस्टकार्ड) द्वारा फैलाया गया झूठ है. यह सब मेरी और सोनिया जी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए किया गया है."
हमने लेटर में उल्लेखित दोनों संगठनों 'ग्लोबल क्रिश्चियन काउंसिल' और 'वर्ल्ड इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन' के बारे में भी सर्च किया पर हमें इससे संबंधित कोई परिणाम नहीं मिला.