लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर सोनम वांगचुक के भाषण की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर इस दावे से वायरल है कि उन्होंने लद्दाख की आम जनता को दंगे के लिए उकसाया और कहा है कि लद्दाख में भी आम जनता बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका की तरह बदलाव लेकर आएगी.
बूम ने पाया कि यह दावा भ्रामक है. सोनम वांगचुक के बयान को गलत तरीके से अनुवाद किया गया है. बूम ने 10 सितंबर 2025 को दिया गया वांगचुक का पूरा 35 मिनट का भाषण देखा और पाया कि उन्होंने लद्दाखी भाषा में कहीं भी हिंसा भड़काने वाला कोई उत्तेजक बयान नहीं दिया.
सोनम वांगचुक और स्थानीय लोग 10 सितंबर 2025 से 35 दिन के लिए लद्दाख को छठी अनुसूची और राज्य का दर्जा दिलाने के लिए भूख हड़ताल पर बैठे थे. जारी प्रदर्शन के बीच 24 सितंबर 2025 को लद्दाख में भड़क उठी और पुलिस से टकराव हो गया. इसमें चार लोगों की मौत हो गई और लगभग 80 से अधिक लोग घायल हो गए. पुलिस ने अब तक 44 लोगों को गिरफ्तार किया है और सोनम वांगचुक को एनएसए के आरोपों के तहत हिरासत में लिया गया है.
लद्दाख में हिंसा भड़कते ही सोनम वांगचुक का यह वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर गलत दावे से वायरल है.
सोशल मीडिया पर क्या है दावा?
वीकली मैग्जीन पांचजन्य ने अपने एक्स हैंडल पर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका की तरह लद्दाख में भी आम जनता बदलाव लाएगी : सोनम वांगचुक.’ (आर्काइल लिंक)
फेसबुक पर कई यूजर ने इसी भ्रामक दावे से वीडियो को शेयर किया है. (आर्काइल लिंक) बीजेपी नेता अमित मालवीय ने भी अपने एक्स अकाउंट से इस वीडियो को शेयर किया.
पड़ताल में क्या मिला?
1. वीडियो लद्दाख में दिए एक भाषण का है
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए सोनम वांगचुक के इस मूल वीडियो की खोज की तो पाया कि यह वीडियो 10 सितंबर 2025 को लद्दाख में दिए उनके एक भाषण का है.
ग्रेटर कश्मीर की रिपोर्ट के मुताबिक Leh Apex body (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (KDA) ने 10 सितंबर को सुबह 11 बजे लेह के लमार्टियर्स पार्क में एक प्रार्थना सभा रखी थी जिसके बाद उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की थी. इसी प्रार्थना सभा में सोनम वांगचुक ने यह भाषण दिया था जो वहां की स्थानीय भाषा (लद्दाखी) में था.
हमने उनके 35 मिनट के इस पूरे भाषण को देखा तो पाया कि वांगचुक ने कहीं भी हिंसा को उकसाने वाला कोई बयान नहीं दिया था.
2. सोनम वांगचुक के भाषण का अनुवाद
हमने लद्दाख के एक स्थानीय व्यक्ति की मदद से उनके इस भाषण का ट्रांसक्रिप्शन और अंग्रेजी अनुवाद किया. नीचे मूल वीडियो में 15 मिनट से 15 मिनट 50 सेकंड के बीच के भाषण का अंग्रेजी और हिंदी में अनुवाद दिया गया है.
अंग्रेजी अनुवाद - "Like many just said ‘it is confirmed that a change will come’ change might have been there in Nepal, Bangladesh and Srilanka -the people will bring change. It will happen if someone dies. I am not talking of the change from the noises(zingzing) ladakh will see change through peace, that too a peaceful revolution. A change must come from the death from staying hungry which will also affect other places. Ladakh will then become an example for other places. We will show that now is the time we die by starving ourselves instead of firing or killing others by bullet violently."
हिंदी अनुवाद - ‘जैसा कि कई लोगों ने कहा है कि यह तय है कि बदलाव आएगा. नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका में बदलाव आ चुका होगा लेकिन असल में बदलाव जनता ही लाती है. यह तब होगा जब किसी की जान जाती है. मैं उस शोरगुल वाले बदलाव (हिंसा और अफरातफरी) की बात नहीं कर रहा हूं. लद्दाख बदलाव देखेगा शांति के रास्ते से और वह भी एक शांतिपूर्ण क्रांति के रूप में. बदलाव आना चाहिए उस मौत से जो भूखे रहने से होगी और यह अन्य जगहों को भी प्रभावित करेगा. तब लद्दाख दूसरों के लिए एक मिसाल बनेगा. हम दिखाएंगे कि अब समय आ गया है जब हम दूसरों पर गोली चलाकर या उन्हें मारकर हिंसा करने के बजाय खुद को भूखा रखकर अपनी जान देंगे.’
इसको पढ़ने से स्पष्ट होता है कि सोनम वांगचुक ने किसी भी तरह से यह नहीं कहा कि बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका की तरह लद्दाख में भी आम जनता बदलाव लाएगी.
उन्होंने अपने भाषण में कहा कि लद्दाख शांति के रास्ते से बदलाव देखेगा और लोग हिंसा करने के बजाय खुद को भूखा रखकर (भूख हड़ताल) करके अपनी जान देंगे.
3. स्थानीय पेज पर वांगचुक के वीडियो का अनुवाद
हमें सोनम वांगचुक समर्थकों वाले सोशल मीडिया पेज पर भी इस वीडियो क्लिप का एक अनुवाद मिला. क्लाइमेट फ्रंट इंडिया नाम के इंस्टाग्राम पेज पर वायरल दावे का खंडन किया गया और कैप्शन में बताया गया कि इस वीडियो में सोनम वांगचुक स्पष्ट रूप से लद्दाख वासियों से कह रहे हैं कि वे नेपाल के हिंसक मार्ग का पालन न करें, बल्कि दुनिया को दिखाएं कि बदलाव कैसे शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से हो सकते हैं.
पेज पर शेयर की गई वीडियो क्लिप में वागंचुक के भाषण का अंग्रेजी में सब-टाइटल भी दिया गया है,जो बूम को एक अन्य स्थानीय द्वारा मिले अनुवाद से मिलता जुलता ही है.
4. वांगचुक की पत्नी ने दावे को खंडन किया
इसके अलावा हमें द प्रिंट के यूट्यूब चैनल पर वांगचुक की पत्नी का इंटरव्यू वीडियो मिला. इस वीडियो में 4:20 के टाइमफ्रेम से वांगचुक की पत्नी इस वायरल वीडियो क्लिप के संबंध में कहती हैं -
“उस वीडियो को काट-छांट कर संदर्भ से बाहर ले लिया गया और बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया. वास्तव में वे बस यही कह रहे थे कि अगर सरकार जनता की जरूरतों के प्रति संवेदनशील नहीं होगी, तो उसका स्वाभाविक परिणाम क्रांति ही होगा. वह केवल यह उदाहरण दे रहे थे कि हमारे पड़ोसी देशों में ऐसा होते देखा गया है."
वह आगे कहती हैं, वांगचुक सरकार से अपील कर रहे थे कि वह जनता की मांगों को गंभीरता से लें उनका मतलब यह था कि अगर उस क्रांति के लिए किसी की जान की जरूरत पड़ती है तो वह जान मेरी हो सकती है. इसका यह अर्थ बिल्कुल नहीं था कि ‘हम लद्दाख को नेपाल जैसा बना देंगे’ जैसा कि उसे तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है.’
5. वांगचुक के 10 सितंबर के भाषण पर न्यूज रिपोर्ट
लेह में 10 सितंबर को हुई छठी अनुसूची और राज्य का दर्जा को की मांगों को लेकर प्रोटेस्ट से पहले शुरू हुए प्रार्थना सभा को जिसमें सोनम वांगचुक ने भाषण भी दिया था, को मीडिया में कवर किया गया था. लेकिन हमें ऐसी कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें यह कहा गया हो कि उन्होंने हिंसा भड़काई या भारत को नेपाल या बांग्लादेश बनाने की बात कही हो.
(अनमोल अल्फान्सो के अतिरिक्त इनपुट के साथ)


