सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पैरोडी अकाउंट से एक पोस्ट किया गया है, जिसे सोशल मीडिया यूजर्स आधिकारिक अकाउंट समझ कर शेयर कर रहे हैं. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पैरोडी अकाउंट से किए गए पोस्ट में लिखा है, 'हम हिंदू नहीं. हरी मंदिर में किसी भी हिंदू प्रतीकवाद का स्वागत नहीं है.'
बूम की जांच में वायरल दावा गलत पाया गया. बूम से बातचीत में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी वायरल दावे को गलत बताया.
सोशल मीडिया पर एक यूजर ने इस पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, 'पता नहीं कैसी कौम है ये हिन्दू. हर जगह लतियाये जाते हैं. अपने तीर्थस्थल को छोड़कर दूसरों के तीर्थस्थल पर जाते हैं. वहां से इन्हें कूटकर भगाए जाते है.' (आर्काइव पोस्ट)
फैक्ट चेक
बूम ने अपनी जांच पाया कि जिस अकाउंट से एक्स पर यह पोस्ट किया गया है वह एक पैरोडी अकाउंट है जिसका हैंडल @SGPCAmritsar_ है. बूम ने दावे की सत्यता के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के आधिकारिक एक्स हैडल @SGPCAmritsar की भी जांच की, जहां हमें इस पोस्ट से मिलता-जुलता कोई पोस्ट नहीं मिला.
बूम को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने फोन पर कंफर्म किया कि उनका एक ही आधिकारिक अकाउंट है, इसके अलावा उनका कोई और दूसरा अकाउंट नहीं है.
जब हमने वायरल पोस्ट में इस्तेमाल की गई फोटो का गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो पता चला कि यह तस्वीर 'किसान एकता मार्च' के आधिकारिक एक्स अकाउंट से 19 अप्रैल 2021 को पोस्ट की गई थी. दरअसल तब किसान आंदोलन के दौरान सिंघू बॉर्डर पर रोजा-इफ्तार का आयोजन किया गया था जहां सामाजिक सौहार्द देखने को मिला था.
कहां से शुरू हुआ विवाद
एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, वडोदरा की फैशन डिजाइनर और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर अर्चना मकवाना ने योग दिवस के दिन स्वर्ण मंदिर के श्री दरबार साहिब में योग किया था, जिसकी फोटो उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी. इस पर काफी विवाद हुआ था. बाद में उन्हें अज्ञात लोगों द्वारा जान से मारने की धमकी भी मिली थी, जिसके बाद उन्हें पुलिस की सुरक्षा दी गई थी.
अर्चना के सोशल मीडिया पोस्ट के वायरल होने के बाद 22 जून को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने आधिकारिक एक्स हैंडल से एक पोस्ट किया था, जिसमें बताया गया कि योग दिवस पर एक लड़की द्वारा दरबार साहिब में योग करते हुए फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया, जिसके बाद गुरुद्वारे के तीन कर्मचारियों को लापरवाही के चलते हटा दिया गया. (आर्काइव पोस्ट) साथ ही महिला इंफ्लूएंसर के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई गई.