बांग्लादेश में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना देश छोड़कर चली गई हैं. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने वहां प्रधानमंत्री आवास में घुसकर जमकर उत्पात मचाया. इस दौरान दो तस्वीरें वायरल हैं जिन्हें शेख हसीना के बेडरूम और स्वीमिंग पूल के दावे से शेयर किया जा रहा है.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल तस्वीरें श्रीलंका की हैं. श्रीलंका में 2022 में आर्थिक संकट के दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश से भागने के बाद उनके आधिकारिक आवास पर प्रदर्शनकारियों ने इसी तरह कब्जा कर लिया था.
गौरतलब है कि बांग्लादेश में आरक्षण सिस्टम को लेकर जून 2024 से देशभर में छात्रों का प्रदर्शन हो रहा था. हिंसक प्रदर्शन में छात्रों समेत करीब 300 लोगों ने जान गंवाई जबकि कई घायल हुए. रविवार को शेख हसीना के इस्तीफे की मांग के दौरान एक बार फिर हिंसा हुई जिसमें 100 लोगों की मौत हो गई.
प्रदर्शनकारियों ने राजधानी ढाका पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया. आखिरकार 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने गोनो भवन (प्रधानमंत्री आवास) में घुसकर तोड़फोड़ की और कीमती सामान भी लूटकर ले जाते हुए दिखे.
एक्स पर वेरिफाइड सोशल मीडिया यूजर ने बेडरूम की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'समय से बलवान कुछ भी नहीं होता, जो खुद को खुदा मानकर दूसरों पर ज़ुल्म ढाने लगते हैं उनका अंत ऐसा ही होता है. ये बेडरूम #बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं #शेखहसीना का है जहां से उनकी जनता ने उन्हें खदेड़ दिया है. कभी बराबरी पर आमने सामने बैठकर बात करने वाली शेख हसीना आज भगोड़ी बनकर भारत से शरण मांग रही हैं. समय की इज्जत करिए वरना समय आपको इस लायक भी नहीं छोड़ेगा.'
इसी तरह एक यूजर ने स्विमिंग पूल की तस्वीर शेयर करते हुए कैप्शन दिया, 'बांग्लादेश बिगनर्स के लिए नहीं है. हसीना के स्विमिंग पूल पर..'
(Original Caption: Bangladesh is not for beginners 😭🤣 AT Hasina's swimming pool )
फैक्ट चेक
बूम ने पड़ताल में पाया कि दोनों तस्वीरों के साथ किया जा रहा दावा गलत है. यह तस्वीरें 2022 में श्रीलंका में सियासी उलट-पलट के दौरान की है.
पहली तस्वीर: बेडरूम में प्रदर्शनकारी आराम फरमाते हुए
पहली तस्वीर के फैक्ट चेक के लिए हमने इसे गूगल लेंस की मदद से चेक किया. इस दौरान हमें 10 जुलाई 2022 को प्रकाशित हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट मिली.
हिंदुस्तान टाइम्स की इस रिपोर्ट की हेडिंग है- President's house or tourist spot? Sri Lanka protesters relax in bedrooms, work out in gym | Watch (अनुवाद: राष्ट्रपति भवन या पर्यटन स्थल? श्रीलंका के प्रदर्शनकारी बेडरूम में आराम फरमाते, जिम में कसरत करते हुए)
रिपोर्ट में वायरल तस्वीर को ही फीचर इमेज के रूप में इस्तेमाल किया गया है. इसके कैप्शन में बताया गया कि 'श्रीलंका के कोलंबो स्थित राष्ट्रपति भवन में घुसने के अगले दिन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के बिस्तर पर सोते हुए प्रदर्शनकारी.' इसी के साथ न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को तस्वीर के लिए क्रेडिट दिया गया है.
इसके बाद कीवर्ड से गूगल पर सर्च करने पर हमें रॉयटर्स की 15 जुलाई 2022 को प्रकाशित फोटो गैलरी मिली जिसमें इस तस्वीर के साथ प्रेजिडेंशियल पैलेस में प्रदर्शनकारियों की 41 तस्वीरें शामिल थीं.
दूसरी तस्वीर: स्वीमिंग पूल में प्रदर्शनकारी
रॉयटर्स की फोटो गैलरी में ही हमें स्वीमिंग पूल की एक तस्वीर भी मिली जो वायरल इमेज से मिलती-जुलती थी.
इसके बाद वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें सेंटर फॉर इंफॉर्मेशन रिसाइलेंस (Centre for Information Resilience) के इंवेस्टिगेशन डायरेक्टर बेंजामिन स्ट्रिक का पोस्ट मिला. उन्होंने इस तस्वीर की लोकेशन बताते हुए लिखा, 'गूगल मैप्स पर कोलंबो स्थित श्रीलंका के राष्ट्रपति भवन की जियोटैग की गई तस्वीरों से पता चलता है कि शनिवार को (9 जुलाई 2022) भवन और परिसर में प्रदर्शनकारियों के घुसने के बाद आवास के पूल में पूल पार्टी चल रही थी.'
(Original Text: Images geotagged to Sri Lanka's President House in Colombo on Google Maps shows what looks to be a pool party in the residence pool, after protestors stormed the building and premises on Saturday.)
श्रीलंका के राष्ट्रपति आवास में प्रदर्शनकारियों के पूल पार्टी के बारे में सर्च करने पर बीबीसी की एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के अनुसार, "श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में हजारों प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के आवास पर कब्जा कर लिया है. इस फुटेज में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के पूल में प्रदर्शनकारियों को तैरते हुए दिखाया गया है. श्रीलंका के आर्थिक संकट को लेकर महीनों से चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बाद प्रदर्शनकारी उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं."
दरअसल श्रीलंका में जुलाई 2022 में आर्थिक संकट को लेकर प्रदर्शन के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अपनी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों के साथ देश छोड़कर मालदीव के रास्ते सिंगापुर भाग गए थे. बाद में उन्हें राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना पड़ा था.