सोशल मीडिया पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की गिरफ्तारी को लेकर एक तस्वीर वायरल है. वायरल तस्वीर में न्यूज वेबसाइट दहिंदू के मास्टहेड का इस्तेमाल किया गया है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाई गई है. सचिन तेंदुलकर को गिरफ्तार करने की खबर पूरी तरह से फर्जी है. न्यूज वेबसाइट दहिंदू का वायरल तस्वीर से कोई लेना देना नहीं है.
सोशल मीडिया पर एक यूजर ने गिरफ्तारी की तस्वीर फेसबुक पर पोस्ट की. पोस्ट पर अंग्रेजी में लिखा था, 'Breaking News: The allegations have been confirmed. Will Sachin Tendulkar be marked forever?'
इसका हिंदी में अर्थ है, 'लगाए हुए आरोप हुए साबित, क्या सचिन तेंदुलकर को हमेशा के लिए जेल होगी?'
यही तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफार्म थ्रेड पर भी वायरल है.
फैक्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाई गई है. हमने जब वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के माध्यम से सर्च की तो हमें सचिन तेंदुलकर की गिरफ्तारी से जुड़ी कोई भी मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली.
साथ ही जब हमने वायरल तस्वीर को गौर से देखने की कोशिश की तो हमें वायरल तस्वीर में कई विसंगतियां देखने को मिली. जैसे कि वायरल तस्वीर में दिख रहे पुलिसकर्मी के कंधे पर न कोई स्टार है और न ही किसी पुलिस सर्विस का बैच लगा हुआ है. एक पुलिसकर्मी का गन होल्डर सही से नहीं बना है, जैसा कि आमतौर पर पुलिसकर्मी इस्तेमाल करते हैं. साथ ही पीछे खड़े एक पुलिसकर्मी का चेहरा सामान्य नहीं है. और पीछे खड़े लोगों में भी किसी का भी चेहरा साफ नहीं दिख रहा है.
अक्सर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाई गई तस्वीर में लोगों के चेहरे और भीड़ में कई गलतियां देखने को मिलती है. क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का एल्गोरिदम तस्वीर बनाने से पहले कभी-कभी उसका संपूर्ण भाव नहीं समझ पाता है.
जब हमने इस वायरल तस्वीर को एआई डिटेक्शन टूल हगिंग फेस एआई डिटेक्टर से सर्च किया तो वहां भी इस इमेज के आर्टिफिशियल होने की संभावना 97% बताई गई.