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फैक्ट चेक

रतन टाटा द्वारा भारतीय सेना को बुलेट और बम प्रूफ बसें उपलब्ध कराने का झूठा दावा वायरल

बूम ने अपनी जांच में पाया कि बख्तरबंद बस की वायरल तस्वीर 2017 की है, जब MIDHANI द्वारा बस सीआरपीएफ को सौंपी जा रही थी.

By - Rohit Kumar | 29 Dec 2023 4:58 PM GMT

टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा की एक तस्वीर, जिनमें दो बख्तरबंद बसें भी दिखाई दे रही हैं, सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल हो रही हैं कि हाल ही में रतन टाटा ने भारतीय सेना को बुलेट और बम प्रूफ बसें उपलब्ध कराई हैं.

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर में रतन टाटा की फोटो लगाकर झूठा दावा किया गया है. बख्तरबंद बस की तस्वीर 2017 की है, जब MIDHANI द्वारा बस सीआरपीएफ को सौंपी जा रही थी.

MIDHANI यानी मिश्र धातु निगम लिमिटेड हैदराबाद में स्थित, भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (PSU) है.

रतन टाटा की दो तस्वीरें जिसमें एक में बख्तरबंद बस(Armored Bus) फूलों के साथ सजी हुई दिखाई दे रही है जबकि दूसरी तस्वीर में बख्तरबंद बस बिना फूलों की सजावट के दिखाई दे रही हैं.

तस्वीर के साथ टेक्ट्स में लिखा है, "हाल ही में रतन टाटा ने भारतीय सेना को बुलेट प्रूफ और बम प्रूफ बसें उपलब्ध कराई हैं." यह तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फे़सबुक और इंस्टाग्राम पर वायरल हैं. 


 इन तस्वीरों से एक वीडियो बनाकर यूट्यूब पर भी इसे शेयर किया जा रहा है. 




इस दावे की सत्यता की जांच के लिए बूम की टिपलाइन(+917700906588) पर भी हमें यह मैसेज प्राप्त हुआ.



फै़क्ट चेक

बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए सम्बंधित कीवर्ड से मीडिया रिपोर्ट्स सर्च कीं. हमें हाल फिलहाल की कोई भी ऐसी विश्वसनीय न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली, जो इस वायरल दावे की पुष्टी करती हो. अगर रतन टाटा द्वारा भारतीय सेना को बुलेट और बम प्रूफ बसें उपलब्ध कराई गई होती तो संभवतः कुछ मीडिया रिपोर्ट्स अवश्य मिलतीं.

इसके बाद हमने रतन टाटा के सोशल मीडिया अंकाउट्स (एक्स और इंस्टाग्राम) देखे, वहां भी हमें ऐसा कोई अपडेट नहीं मिला, जिसमें रतन टाटा द्वारा भारतीय सेना को बुलेट और बम प्रूफ बसें उपलब्ध कराने की कोई बात कही गई हो. 

हमने भारताय सेना के अतिरिक्त जन सूचना महानिदेशालय के अधिकारिक एक्स अकांउट को भी देखा, वहां भी हमें ऐसा कोई अपडेट नहीं मिला, जो इस वायरल दावे की पुष्टी करता हो. 

इसके बाद हमने वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया, हमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अधिकारिक एक्स अंकाउट पर सितंबर 07, 2017 की पोस्ट मिली, जिसमें बिना फूलों के सजावट वाली बख्तरबंद बस की वायरल तस्वीर देखी जा सकती है. इसमें बताया गया कि MIDHANI द्वारा #MakeInIndia के तहत निर्मित बख्तरबंद बस (Armored Bus) और भाभा कवच (हल्के वजन वाले BP जैकेट) को आज सीआरपीएफ महानिदेशक को सौंपा गया.

भारतीय लोक सेवा प्रसारक ऑल इण्डिया रेडियो ने भी अपने अधिकारिक एक्स अंकाउट से सितंबर 07, 2017 को इस कार्यक्रम की तस्वीरें पोस्ट की थीं, जिसमें फूलों से सजावट वाली बस की दूसरी वायरल तस्वीर को देखा जा सकता है. 

बस वाली तस्वीर में दिख रहे स्टैडिंग बैनर में इसे बनाने वाली कम्पनी MIDHANI का नाम और लोगो भी देखा जा सकता है, जिसका जिक्र सीआरपीएफ ने अपने एक्स पोस्ट में किया है.

एनडीटीवी की सितम्बर 07, 2017 की वीडियो रिपोर्ट में रक्षा मंत्री और गृहमंत्री की मौजूदगी में इस बख्तरबंद बस को सीआरपीएफ को सौंपते हुए देखा जा सकता है. 

वहीं ग़ौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में फ़रवरी 14, 2019 को सीआरपीएफ़ के काफ़िले पर एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ़ के 40 जवान शहीद हो गए थे.

इसके बाद मार्च 2019 की मीडिया रिपोर्ट्स में सीआरपीएफ के महानिदेशक (डीजी) आर आर भटनागर के हवाले से बताया गया कि सीआरपीएफ जवानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बारूदी सुरंग से सुरक्षित वाहनों (Mine Protected Vehicles) और छोटी 30 सीटों वाली बसों का एक नया बेड़ा खरीदा जाएगा. लेकिन इसमें रतन टाटा या टाटा ग्रुप का कोई जिक्र नहीं है.

इसके अलावा मीडिया रिपोर्ट्स (एबीपी न्यूज़, हिंदुस्तान टाइम्स और इकॉनामिक टाइम्स) के अनुसार, जूलाई 2022 में टाटा समूह ने भारतीय सेना को स्वदेशी रूप से विकसित त्वरित प्रतिक्रिया लड़ाकू वाहन(QRFV) प्रदान किये हैं.

टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड(TASL) ने अपने अधिकारिक एक्स अकांउट पर लिखा, "TASL ने सफलतापूर्वक भारतीय सेना को QRFV डिलिवर किये"


इस सन्दर्भ में अधिक स्पष्टीकरण के लिए हमने भारतीय सेना के जनसंपर्क अधिकारी सुधीर चमोली से बात की, उन्होंने बताया भारतीय सेना द्वारा टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड से स्वदेशी रूप से विकसित त्वरित प्रतिक्रिया लड़ाकू वाहन(QRFV) खरीदे गए थे. रतन टाटा द्वारा भारतीय सेना को बुलेट और बम प्रूफ बसें उपलब्ध कराने के दावे पर उन्होंने कहा, "मेरे पास इस सम्बंध में कोई जानकारी नहीं है"


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