फ़ेसबुक पर टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और उद्योगपति रतन टाटा के इन्वेस्टमेंट स्कीम्स को लेकर दो वीडियो वायरल हो रहे हैं. एक वीडियो में रतन टाटा देश की गरीबी हटाने के लिए किसी स्कीम को लेकर बोल रहे हैंजिसमें सभी लोगों से पैसे डालने के लिए कह रहे हैं. वहीं दूसरी वीडियो में वह सभी देशवासियों के लिए एक इन्वेस्टमेंट प्रोजेक्ट के लांच करने के बारे में बता रहे हैं, जिसमें इन्वेस्ट कर लोग अपने पैसे को कई गुना बढ़ा सकते हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि दोनों वायरल वीडियोज एडिटेड हैं. इनमें उद्योगपति रतन टाटा की फ़र्ज़ी आवाज अलग से जोड़ी गई है.
फ़ेसबुक पर एड/ स्पॉन्सर्ड पोस्ट के रूप में सोना अग्रवाल नाम के यूज़र ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, "भारत में सभी के लिए रतन टाटा की एक सिफारिश। 100% गारंटी के साथ जोखिम मुक्त होकर आज ही अपने निवेश को बढ़ाने का आपके पास मौका है। अभी चैनल पर जाएं."
वीडियो में रतन टाटा अंग्रेजी में कहते हैं जिसका हिंदी अनुवाद है कि "मुझसे हर दिन मदद मांगने वाले के लाखों संदेश आते हैं. शारीरिक रूप से सभी की मदद करना मेरे लिए असंभव है लेकिन मैं इससे अनजान नहीं रह सकता. भारत में गरीबी को दूर करने के लिए, मेरी मैनेजर सोना और मैंने एक प्रोजेक्ट शुरू किया. सोना के निर्देशों का पालन करके, आप भारत में गंभीर गरीबी की स्थिति का समाधान सुनिश्चित करते हुए 10,000 रुपये बढ़ा सकते हैं.." इसके बाद वीडियो में एक युवती अपने टेलीग्राम चैनल को ज्वाइन करने की अपील करती है.
समान कैप्शन के साथ दूसरी वीडियो भी एड/ स्पॉन्सर्ड पोस्ट के रूप में लैला राव नामक यूज़र ने शेयर किया है. इस वीडियो में रतन टाटा कहते हैं कि "ध्यान दें: मैं भारत के सभी निवासियों के लिए एक नए इन्वेस्टमेंट प्रोजेक्ट की शुरुआत की घोषणा करता हूं. मैं व्यक्तिगत रूप से इस प्रोजेक्ट का समर्थन करता हूं जो गारंटी देता है कि भारत का कोई भी निवासी बिना किसी जोखिम के अपना पैसा बढ़ा सकता है. मैं लैला राव को इस प्रोजेक्ट का हेड नियुक्त करता हूं.."
फ़ैक्ट चेक
बूम ने जब दोनों वीडियो को ध्यान से देखा तो प्रतीत हुआ कि उद्योगपति रतन टाटा के होठों का मूवमेंट उनके द्वारा बोले जा रहे शब्दों से मैच नहीं कर रहा है. इससे हमने इन वीडियोज के एडिटेड होने का अंदेशा हुआ.
इसके बाद हमने सोना अग्रवाल द्वारा शेयर की गयी पहली वीडियो से कीफ्रेम्स निकालकर रिवर्स इमेज सर्च किया तो यूट्यूब पर 8 साल पुराना 4 जून 2015 का रतन टाटा के इंटरव्यू का एक वीडियो मिला. डिस्क्रिप्शन में दी गयी जानकारी के अनुसार, "टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष रतन एन. टाटा को 23 अप्रैल 2015 को परिसर में आयोजित एक विशेष समारोह में एचईसी (HEC) पेरिस मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है. श्री टाटा एशिया के पहले उद्योगपति हैं जिन्हें एचईसी पेरिस से इस तरह का गौरव प्राप्त हुआ है."
इस पूरी वीडियो में वह इस तरह के किसी इन्वेस्टमेंट प्लान के बारे में नहीं बोलते हैं. यह वीडियो हूबहू वायरल वीडियो के जैसा है. रतन टाटा के कपड़े, माइक और मंच का बैकग्राउंड सभी समान हैं. नीचे हमने दोनों के बीच तुलना की है.
आगे और पड़ताल करने पर हमें यद्यगपति रतन टाटा द्वारा अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर इस वीडियो को फ़र्ज़ी बताते हुए उनका पोस्ट मिला.
इसके स्पष्ट होता है कि उपरोक्त वीडियो में रतन टाटा की फ़र्ज़ी आवाज अलग से जोड़ी गई है. संभव है यह आवाज किसी एआई टूल की मदद से तैयार की गई हो.
लैला राव द्वारा शेयर किया गए दूसरे वीडियो को देखने पर भी स्पष्ट समझ आता है कि वीडियो में जो बोला जा रहा है उससे रतन टाटा के होठों का मूवमेंट बिलकुल मैच नहीं करता है. हालाँकि हम इसका वास्तविक वीडियो खोजने में असफल रहे.
इसके बाद हमने दोनों वीडियो की आवाज (वॉइस) निकालकर एआई टूल्स से जनरेटेड ऑडियो को डिटेक्ट करने वाले एक टूल (AI Voice Detector) पर चेक किया. इसके मुताबिक़, रतन टाटा की पहली वायरल वीडियो में इस्तेमाल की गयी वॉइस 83% तक एआई टूल की मदद से तैयार की गई है. वहीं, दूसरी वायरल वीडियो में 61% वॉइस एआई टूल की मदद से तैयार की गई है.
बूम ने इससे पहले भी लैला राव द्वारा अभिनेत्री स्मृति खन्ना के चहेरे को इस्तेमाल कर महिलाओं को फ़र्ज़ी इन्वेस्टमेंट स्कीम में फंसा कर हज़ारों रुपये ठगने को लेकर रिपोर्ट किया है. इसके अलावा बूम लैला राव की उन विडियोज को भी फ़ैक्ट चेक कर चुका है जिनमें उन्होंने अपनी इन्वेस्टमेंट स्कीम्स को गलत तरीके से प्रचारित करने के लिए मुकेश अंबानी, कैटरीना कैफ और आलिया भट्ट जैसी मशहूर हस्तियों के नाम का इस्तेमाल किया था.
इसके साथ ही हमने एआई टूल्स की मदद से तैयार फ़र्ज़ी आवाज को इस्तेमाल कर हालिया बीते विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ के वायरल फ़र्ज़ी वीडियोज को फ़ैक्ट चेक किया है. इसी तरह टीवी एंकर्स की फ़र्ज़ी आवाज तैयार कर दवाइयों के झूठे विज्ञापनों को लेकर भी बूम ने फ़ैक्ट चेक किया है. बूम एआई टूल की मदद से तैयार सद्गुरु की फ़र्ज़ी आवाज वाले इसी तरह के एडिटेड विज्ञापनों को फ़ैक्ट चेक कर चुका है.
फ़ेसबुक पर डायबिटीज़ की दवा का प्रचार करते TV एंकर्स के फ़र्ज़ी एडिटेड विडियो वायरल