सोशल मीडिया पर गुजरात के सूरत के किम रेलवे स्टेशन के पास ट्रैक से छेड़छाड़ का वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल है. इस वीडियो को शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स इसे एक 'विशेष समुदाय' के साथ जोड़ कर रेलवे को नुकसान पहुंचाने की साजिश बता रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है. रेलवे ट्रैक की फिश प्लेट और चाबियां खोलने के आरोपी रेलवे कर्मचारी ही हैं जिन्हें सूरत पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से रेलवे ट्रैक के साथ छेड़छाड़ की कई मीडिया रिपोर्ट सामने आई. बीते 22 सितंबर को उत्तर प्रदेश के कानपुर के प्रेमपुर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर गैस सिलेंडर पाया गया. उत्तर प्रदेश के ही रामपुर में 18 सितंबर की रात को रेलवे ट्रैक पर खंभा पाया गया था.
18 सितंबर को ही मध्य प्रदेश के खंडवा-बुरहानपुर रेलवे टैक पर विस्फोटक पाया गया था. बाद में पुलिस ने इस घटना के आरोप में रेलवे के गैंगमैन मोहम्मद साबिर को गिरफ्तार किया था.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल वीडियो को शेयर करते हुए एक वेरिफाइड यूजर ने लिखा, 'सूरत में बहुत बड़े रेल जिहाद की कोशिश नाकाम हुई. किम रेलवे स्टेशन से कुछ दूर आगे रेलवे के कई फिश प्लेट और तमाम चाबियां खुली हुई मिली. ट्रेन की आवाजाही रोक दी गई है. रेलवे के लोग ट्रैक को दुरुस्त करने में लगे हैं. गौरतलब है कि इस जगह पर दोनों तरफ बड़ी संख्या में विशेष समुदाय की आबादी है.' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
फैक्ट चेक
ट्रैक से छेड़खानी करने वाले रेलवे कर्मचारी ही निकले
गुजरात के सूरत में किम रेलवे स्टेशन के पास ट्रैक से साथ छेड़छाड़ का एक वीडियो सांप्रादियक दावे के साथ वायरल है. मामले में तीनों आरोपी रेल कर्मचारी हैं जिन्हें अरेस्ट किया गया है.
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए जब इससे जुड़े कीवर्ड को सर्च किया तो हमें कई मीडिया रिपोर्ट मिली.
न्यूज वेबसाइट Abplive.com की रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के सूरत जिले में 21 सितंबर को अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर रेलवे ट्रैक की फिश प्लेट और चाबियां खोल दी थी. इस घटना का पता तब चला जब एक लाइनमैन सुभाष ने रेलवे अधिकारियों को इसकी सूचना दी. इसके बाद ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही रुकवाई गई.
इस मामले में पश्चिमी रेलवे के वडोदरा डिविजन की ओर से बयान जारी कर बताया गया कि फिश प्लेट और चाबी अप लाइन से खोलकर उसे उसी ट्रैक पर रख दिया था. सूरत के कोसांबा और किम रेलवे स्टेशनों के बीच में की-मैन सुभाष कुमार ने निरीक्षण के दौरान पाया कि ट्रैक का फिश प्लेट निकाल दिया गया है चाबियों को निकालकर फेंका गया है.
इस मामले में 23 सितंबर 2024 को कार्रवाई करते हुए तीन को अरेस्ट किया गया. चौंकाने वाली बात यह थी कि तीनों रेलवे कर्मचारी थे. न्यूज वेबसाइट लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना में शामिल तीन लोग रेलवे के ही कर्मचारी थे जिनका नाम सुभाष पोद्दार (39), मनीष मिस्त्री (28) और शुभम जायसवाल (26) हैं. ये तीनों रेलवे के मेंटिनेंस विभाग में कार्यरत थे.
रिपोर्ट के अनुसार, तीनों को ट्रैक से छेड़छाड़ करने और फिर संभावित खतरे को टालने का क्रेडिट लेने के लिए अधिकारियों अलर्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
सूरत पुलिस ने कहा- घटना में सांप्रदायिक एंगल नहीं
न्यूज वेबसाइट Aajtak.in की रिपोर्ट के मुताबिक, 21 सितंबर की सुबह 5 बजे रेलवे ट्रैक से फिश प्लेट निकाली गई थी. सुभाष पोद्दार के कहने पर मनीष मिस्त्री और शुभम जयसवाल ने ट्रैक से फिश प्लेट निकाला था. उसके बाद सुभाष पोद्दार ने ही रेलवे अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी.
इस मामले की जांच कर रही सूरत पुलिस की लोकल क्राइम ब्रांच टीम के मुख्य अधिकारी इंस्पेक्टर बी. जी. इसरानी ने भी बूम से कहा कि इस मामले के सारे आरोपी हिंदू हैं.
उन्होंने कहा, "इसमें कोई बाहरी साजिश नहीं है. हमने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. तीनों हिंदू हैं और रेलवे के कर्मचारी हैं. तीनों ने प्रमोशन और इनाम पाने की लालच में रेलवे ट्रैक के साथ छेड़छाड़ की थी. इनका रेलवे को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था. फिश प्लेट खोलने के बाद सुभाष ने तुरंत रेलवे अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी थी."