सोशल मीडिया पर रेलवे ट्रैक के निर्माण का एक वीडियो इस फ़र्जी दावे से वायरल है कि यह भारत का है.
लगभग 2 मिनट के इस वायरल वीडियो में आधुनिक उपकरण की मदद से रेलवे ट्रैक का निर्माण होते देखा जा सकता है.
बूम ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह रेलवे ट्रैक निर्माण का वीडियो भारत का नहीं बल्कि मलेशिया के ईस्ट कोस्ट लिंक परियोजना का है.
सोशल मीडिया पर यह वीडियो खूब वायरल है, जिसमें वर्तमान सरकार की सराहना करते हुए, इसे भारत का बताया गया है. फेसबुक पर वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, "तेजी से बढ़ता भारतीय रेलमार्ग, ये है नया भारत, बढ़ते भारत की बदलती तस्वीर."
फेसबुक पर अन्य यूजर्स ने भी इसे ऐसे ही दावों के साथ शेयर किया है. यहां, यहां और यहां देखें.
ऑनलाइन प्लेटफार्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी इसे कई यूजर्स ने इसी मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है. यहां, यहां देखें. इसमें एक्स के वेरीफाइड यूजर्स भी शामिल हैं.
बूम को यह वीडियो फ़ैक्ट चेक करने के अनुरोध के साथ लगभग ऐसे ही दावे से टिपलाइन पर भी प्राप्त हुई, जिसके साथ लिखा था, "ये है आज का भारत, ये जो विकास हो रहा है ये दिखता नहीं दिखाना पड़ता है."
फैक्ट चेक
वायरल दावों की सच्चाई जानने के लिए बूम ने सबसे पहले वायरल वीडियो के कुछ कीफ्रेम्स को निकालकर रिवर्स इमेज सर्च किया, इसके जरिए हमें शेयरिंग ट्रैवल नाम के एक्स अकाउंट पर 9 जनवरी का पोस्ट किया गया यह वीडियो मिला, जिसके कैप्शन में लिखा था, "मलेशिया में ईस्ट कोस्ट रेलवे ने पटरियां बिछाना शुरू कर दिया है." (अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद)
आगे हमने वायरल वीडियो को ध्यानपूर्वक देखा, वीडियो में रेलवे ट्रैक बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली कंस्ट्रक्शन मशीन पर चीनी भाषा में कुछ लिखा हुआ था. गूगल ट्रांसलेशन की मदद से हमने उसका हिंदी अनुवाद किया, हमने पाया कि उसपर 'चाइना कम्युनिकेशन कंस्ट्रक्शन' और 'मलेशिया रेल लिंक' लिखा था.
यहां से हिंट लेते हुए हमने इससे जुड़े कुछ कीवर्ड्स सर्च किए, इसके जरिए हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स मिले, जिनके मुताबिक, यह मलेशिया के ईस्ट कोस्ट रेल लिंक नामक एक बड़े प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य का वीडियो है.
12 दिसंबर, 2023 के XINHUANET, जो कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की ऑफिसियल न्यूज एजेंसी है और 14 दिसंबर, 2023 के ग्लोबल टाइम्स, जो कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का दैनिक टैब्लॉइड न्यूज पेपर है, में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, मलेशिया में चीनी सहायता प्राप्त रेलवे परियोजना में आधुनिक और नवीनतम ट्रैक बिछाने वाले उपकरण का इस्तेमाल किया जा रहा है.
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि ईस्ट कोस्ट रेल लिंक (ECRL), मलेशिया में चाइना कम्युनिकेशंस कंस्ट्रक्शन कंपनी (CCCC) द्वारा बनाई जा रही एक मेगा रेल परियोजना है.
आगे हमने गूगल ट्रांसलेशन की मदद से मलेशियाई भाषा में इससे संबंधित कुछ कीवर्ड्स के जरिए मीडिया रिपोर्ट्स के बारे में सर्च किया, Astroawani नाम के एक मलेशियाई मिडिया आउटलेट में प्रकाशित एक रिपोर्ट में भी इस परियोजना के बारे में बताया गया है. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो से मिलता-जुलता फीचर इमेज देखा जा सकता है.
आगे हमें एसोसिएटेड प्रेस के आर्काइवल यूट्यूब चैनल पर भी एक वीडियो मिला, जिसमें मलेशिया में रेलवे ट्रैक निर्माण के लिए इस्तेमाल किए जा रहे चाइना कम्युनिकेशन कंस्ट्रक्शन कंपनी के नए ट्रैक बिछाने वाले उपकरण का विस्तृत वीडियो है. इसके डिस्क्रिप्शन में पूरी परियोजना का विवरण देखा जा सकता है.
वीडियो के कैप्शन में कहा गया है कि मलेशिया के राजा सुल्तान अब्दुल्ला सुल्तान अहमद शाह ने अपने गृह राज्य पहांग में ईस्ट कोस्ट रेल लिंक की ट्रैक-बिछाने की प्रक्रिया की शुरुआत की.
इसमें आगे बताया गया है कि चीन की बेल्ट एंड रोड (BRI) पहल के तहत, यह परियोजना 665 किलोमीटर तक फैली हुई है. यह चार राज्यों- केलंतन, टेरेंगानु, पहांग और सेलांगोर को पार करती है. परियोजना का निर्माण अगस्त 2017 में शुरू हुआ था और 2025 में पूरा होने वाला है.
16 दिसंबर 2023 को अपलोड किए गए इस वीडियो में वायरल वीडियो से मेल खाता एक क्लिप भी मौजूद है. इस ट्रैक बिछाने वाले उपकरण के ऊपर 'चाइनीज कम्युनिकेशन कंस्ट्रक्शन' और 'मलेशिया रेल लिंक' साफ तौर पर लिखा हुआ देखा जा सकता है.
नीचे हमने वायरल वीडियो और एसोसिएटेड प्रेस के आर्काइवल यूट्यूब चैनल पर मिले वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना की है.
इसके अतिरिक्त पड़ताल के दौरान हमें चीन के आधिकारिक पोर्टल China.org.cn के एक्स हैंडल पर भी इससे संबंधित 12 दिसंबर 2023 का एक पोस्ट मिला, इसके साथ पोस्ट की गईं तस्वीरें इसकी पुष्टि करती हैं कि वायरल वीडियो मलेशिया के रेलवे ट्रैक निर्माण का वीडियो है, जिसका भारत से कोई संबंध नहीं है.