दीवाली के बाद दिल्ली-NCR के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार पहुंच गया है. इसी बीच सोशल मीडिया पर पंजाब में पराली जलाने की घटना का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए पटाखों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है जबकि असली वजह पंजाब में पराली जलाना है.
बूम ने जांच में पाया कि पराली जलाने का यह वीडियो हाल का नहीं बल्कि साल 2024 का है, जिसे भ्रामक तरीके से साझा किया जा रहा है.
दिल्ली में दिवाली के बाद बढ़ते प्रदूषण को लेकर सियासी आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं. दिल्ली सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी (AAP) पंजाब के किसानों को पराली जलाने के लिए जानबूझकर उकसा रही है.
इस पर AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने पलटवार करते हुए कहा, "एक अनपढ़ कह रहा है कि पंजाब की पराली से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ा, जबकि पंजाब का AQI सिर्फ 156 है." बता दें कि दिल्ली में PM2.5 की सांद्रता 675 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गई है, जोकि 2021 के बाद सबसे अधिक है.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल?
सोशल मीडिया पर इस वीडियो के माध्यम से लोग दिल्ली के प्रदूषण के लिए पंजाब और वहां की आम आदमी पार्टी की सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और लिख रहे हैं कि "लिबरल्स" जानबूझकर हिंदू त्योहारों को टारगेट कर रहे हैं जबकि प्रदूषण की असली वजह पंजाब में पराली जलाना है. (आर्काइव लिंक)
पड़ताल में क्या मिला:
वीडियो एक साल पुराना है
हमें न्यूज एजेंसी एएनआई के आधिकारिक एक्स हैंडल पर 01 नवंबर 2024 को पोस्ट किया गया मूल वीडियो मिला. इसके अनुसार यह वीडियो पंजाब के मोगा जिले के डगरू गांव का है, जहां खेतों में पराली जलाने की घटना देखी गई थी.
NEWS9 Live और The Statesman के यूट्यूब चैनल पर भी यह वीडियो 01 नवंबर 2024 को ही शेयर किया गया था. इससे साफ था कि यह वीडियो पुराना है, इसे गलत तरीके से वर्तमान का बताया जा रहा है.
पराली जलाने पर हुई थी कार्रवाई
आजतक और अमर उजाला की 4 नवंबर 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक मोगा में उस समय तक पराली जलाने की करीब 87 घटनाएं सामने आई थीं. इस पर कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन ने दो एसडीएम, दो एसएचओ सहित कई अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. वहीं लगभग 61 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.
इसबार भी पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं. आजतक की एक रिपोर्ट में पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) के हवाले से बताया गया कि पंजाब में इस सीजन में अब तक पराली जलाने के 415 मामले आए हैं. हालांकि यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में कम है.


