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योगी आदित्यनाथ के बारे में ट्वीट करने वाले नरेंद्र यादव कैसे बने प्रोफ़ेसर एन जॉन कैम

जब बूम ने नरेंद्र जॉन कैम से लंदन के सेंट जॉर्ज यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर ए जॉन कैम के इनकार के बारे में पूछा, तो उन्होंने प्रोफ़ेसर को 'बेवकूफ' कहकर जवाब दिया. "वह बेवकूफ़ है. किसी ने उसे मेरा पूरा नाम नहीं बताया. "

By -  Anmol Alphonso | By -  Sujith A |

9 July 2023 5:23 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय के ट्विटर अकाउंट और कई मेनस्ट्रीम आउटलेट्स ने एक ट्विटर यूज़र - 'एन जॉन कैम' के एक विवादास्पद ट्वीट को ख़ूब प्रचारित किया, जिसने दावा किया कि योगी आदित्यनाथ 24 घंटों के भीतर फ्रांस में बढ़ते दंगों को रोक सकते हैं.

बूम ने पाया कि जिस ट्विटर यूज़र ने टिप्पणी ट्वीट की, वह नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जॉन कैम है, - भारत और विदेशों में चिकित्सा पेशे में एक अपारदर्शी अतीत वाला व्यक्ति और जिसने यूनाइटेड किंगडम के एक प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर जॉन कैम के नाम का दुरुपयोग किया है.

असली जॉन कैम, जो लंदन के सेंट जॉर्ज विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर (एमेरिटस) हैं, ने बूम को ईमेल के माध्यम से बताया कि ट्विटर अकाउंट @njohncamm "उनकी पहचान चुरा रहा था."

30 जून, 2023 को प्रोफ़ेसर एन जॉन कैम होने का दावा करने वाले ट्विटर हैंडल @njohncamm ने ट्वीट किया, "भारत को फ्रांस में दंगों की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए @myyogiadityanath को भेजना चाहिए और हे भगवान, वह इसे 24 घंटे के भीतर कर देंगे.”

27 जून, 2023 को पेरिस के उपनगर नैनटेरे में ट्रैफिक स्टॉप पर एक पुलिस अधिकारी द्वारा अल्जीरियाई मूल के 17 वर्षीय लड़के की गोली मारकर हत्या करने के बाद फ्रांस व्यापक दंगों से जूझ रहा है. प्रदर्शनकारियों की बढ़ती हिंसा के चलते फ्रांस के विभिन्न शहरों में विशेष बलों सहित 45,000 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है.



ट्वीट यहां और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

इस ट्वीट को भारत में दक्षिणपंथी ट्विटर यूज़र्स ने हाथों-हाथ लिया और यूपी के मुख्यमंत्री कार्यालय का प्रतिनिधित्व करने वाले एक सत्यापित हैंडल @myogioffice द्वारा भी ट्वीट किया गया.

इस हैंडल ने मूल ट्वीट को कोट ट्वीट किया और लिखा, "जब भी विश्व के किसी भी हिस्से में उग्रवाद दंगों को बढ़ावा देता है, दुनिया के किसी भी हिस्से में अराजकता फैल जाती है और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पैदा हो जाती है, दुनिया सांत्वना चाहती है और उत्तर प्रदेश में महाराज जी द्वारा स्थापित कानून एवं व्यवस्था के परिवर्तनकारी "योगी मॉडल" के लिए तरसती है."



ट्वीट यहां देखें. 

इस ट्वीट को कई न्यूज़ चैनलों ने भी प्रचारित किया और दावा किया कि "प्रसिद्ध यूरोपीय हृदय रोग विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर जॉन कैम" ने योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए ट्वीट किया था. न्यूज़ 18 उत्तर प्रदेश ने वायरल ट्वीट पर रिपोर्ट करते हुए कैप्शन दिया है, “CM योगी को 24 घंटे के भीतर फ्रांस भेजा जाए, दंगे की आग में जल रहे देश को बचाने के लिए यूरोपियन डॉक्टर ने ट्वीट कर की मांग.”



बाद में, चैनल ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया.

एबीपी न्यूज़ ने कई यूज़र्स द्वारा बिना किसी सत्यापन के एन जॉन कैम के वायरल ट्वीट को चलाने के लिए चैनल की आलोचना करने के बाद अपना ट्वीट हटा दिया.



मेडिकल ट्विटर ने एन जॉन कैम की साख पर सवाल उठाए

यह पहली बार नहीं है कि एन जॉन कैम की साख पर सवाल उठाया गया है. पूर्व में, ट्विटर पर कई डॉक्टरों ने उनकी वेबसाइट njohncamm.com पर सूचीबद्ध उनके कार्य अनुभव के बारे में संदेह जता चुके हैं, जिसमें प्रसिद्ध संस्थानों और अनुभवी डॉक्टरों की वर्तनी में व्याकरण संबंधी त्रुटियों और अशुद्धियों की ओर इशारा किया गया है, जिनके तहत वह प्रशिक्षित होने का दावा करते हैं.



यहां देखें.

"डॉ. एन जॉन कैम ने साल 2001 में प्रतिष्ठित सेंट जॉर्जेस हॉस्पिटल लंदन (यूके) से अपना एमआरसीपी (सदस्य, रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन) पूरा किया. उन्होंने इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी में प्रशिक्षण प्राप्त किया. उन्हें प्रतिष्ठित ब्रिटिश कार्डियक सोसाइटी द्वारा सदस्यता से सम्मानित किया गया. .." (sic),  बायो के एक हिस्से में दावा किया गया है.

बायो में यह भी कहा गया है कि वह 2002 में एक इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में "सेंट जॉर्जेस हॉस्पिटल, लंदन" में शामिल हुए थे.

बूम ने सेंट जॉर्जेस हॉस्पिटल, लंदन, ब्रिटिश कार्डिएक सोसाइटी, क्लिनिकम नुर्नबर्ग हॉस्पिटल और डॉ. मैरी-क्लाउड मोरिस से संपर्क किया.

“मेरी पहचान चुरा रहा है” : प्रोफ़ेसर ए जॉन कैम

बूम ने लंदन के सेंट जॉर्ज यूनिवर्सिटी में क्लिनिकल कार्डियोलॉजी (एमेरिटस) के प्रोफ़ेसर, प्रोफ़ेसर ए जॉन कैम से भी संपर्क किया. (देखने के लिए यहां क्लिक करें).

प्रोफ़ेसर कैम ने ईमेल के माध्यम से बूम को बताया कि ट्विटर अकाउंट @njohncamm उनकी पहचान चुरा रहा था और वह एन जॉन कैम या नरेंद्र यादव नाम के किसी व्यक्ति को नहीं जानते थे.



वेबसाइट njohncamm.com नरेंद्र यादव के नाम से पंजीकृत है

बूम ने njohncamm.com साइट के वेबसाइट पंजीकरण विवरण को देखा और पाया कि 'डॉ. नरेंद्र यादव' को ईमेल पते 'drnarenderyadav@gmail.com' के साथ साइट के पंजीकरणकर्ता के रूप में सूचीबद्ध किया गया है.

इससे njohncamm.com की वेबसाइट और नाम - नरेंद्र यादव के बीच एक लिंक का पता चलता है.



यहां देखें.

इसके बाद हमने डॉ. नरेंद्र यादव की खोज की और ब्रौनवाल्ड हॉस्पिटल्स द्वारा उनके नाम से ब्लॉग पोस्ट पाए गए, जिनमें एन जॉन कैम की वेबसाइट के समान विवरण था. पोस्ट जुलाई 2019 के हैं. नाम को छोड़कर, सारे विवरण समान थे.

ब्लॉग में कहा गया है कि डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने ब्रौनवाल्ड हेल्थकेयर की स्थापना की. इसमें यह भी कहा गया है कि यादव ने साल 2001 में प्रतिष्ठित सेंट जॉर्जेस हॉस्पिटल लंदन (यूके) से अपना "एमआरसीपी (सदस्य, रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन) पूरा किया. उन्होंने डॉ. ए जॉन कैम के तहत इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी में व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त किया." (sic)

जबकि वेबसाइट njohncamm.com में डॉ. ए जॉन कैम का कोई उल्लेख नहीं है, ब्लॉग में है. आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें.

बूम ने जब डॉ. ए जॉन कैम से संपर्क किया तो उन्होंने डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव नाम के किसी व्यक्ति को जानने से इनकार किया.



 साहित्यिक चोरी के साक्ष्य

हमें 27 जून, 2019 को प्रकाशित "डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव: "डिजिटल शिक्षा को अपनाएं और रोगी देखभाल में सुधार के लिए इसे अपनाएं" शीर्षक वाला एक ब्लॉग पोस्ट भी मिला, जिसे कार्डियोवस्कुलर न्यूज़ में फ़रवरी 2019 के एक लेख से शब्द-दर-शब्द चुराया गया था.



 उपरोक्त अंश कार्डियोवास्कुलर न्यूज़ के लिए जेवियर रोसेलो और दीपक कोटेचा द्वारा लिखे गए एक लेख से चुराया गया है. यहां देखें



डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव

मई 2019 की कई न्यूज़ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ब्रौनवाल्ड हॉस्पिटल्स के चेयरमैन डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को उनके कर्मचारियों द्वारा दायर धोखाधड़ी के मामले के आधार पर राचाकोंडा पुलिस (तेलंगाना) ने चेन्नई से गिरफ़्तार किया था.

राचकोंडा पुलिस ने 25 मई, 2019 को ट्वीट करते हुए कहा था, "@kushaigudaps द्वारा कर्मचारियों को धोखा देने के आरोप में #ब्राउनवाल्ड_हॉस्पिटल्स (A1) के चेयरमैन डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव की गिरफ़्तारी, उनकी पत्नी वाईस चेयरमैन दिव्या रावत (A2) #फरार हैं."



यहां देखें.

ब्रौनवाल्ड हॉस्पिटल्स की वेबसाइट के आर्काइव से पता चलता है कि नरेंद्र यादव एन जॉन कैम हैं

इंटरनेट आर्काइव वेबैक मशीन का उपयोग करके, बूम Braunwaldhospitals.com के आर्काइव्स को पुनः प्राप्त करने में सक्षम था.

डॉ. नरेंद्र यादव और दिव्या रावत वेबसाइट के ‘हमारे बारे में’ सेक्शन में निदेशक मंडल के अंतर्गत सूचीबद्ध हैं. यादव को चेयरमैन के रूप में भी सूचीबद्ध किया गया है.



यहां देखें.

मार्च 2023 में, एक सलाहकार हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रोहिन फ्रांसिस ने ट्विटर हैंडल प्रोफेसर एन जॉन कैम और नरेंद्र यादव के बीच कई संबंध स्थापित किये थे, जिसमें उन्होंने बताया कि यूके स्थित कई बंद कंपनियों में नरेंद्र जॉन कैम को निदेशक के रूप में हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में उल्लेखित किया गया है.



यहां देखें. 

हमने यूके सरकार की कंपनी हाउस वेबसाइट पर 'नरेंद्र जॉन CAMM' नाम देखा और पाया कि यूके में चार विघटित कंपनियों के संबंध में यह नाम सूचीबद्ध है.

चार विघटित कंपनियां हैं जॉन कैम लाइफकेयर लिमिटेड (कंपनी नंबर 11232486), ब्राउनवाल्ड एलायंस लिमिटेड (11230152), ब्राउनवाल्ड इंफ्रा लिमिटेड (11232416) और जॉन कैम हेल्थकेयर लिमिटेड (11228908).



यहां देखें.

इसके अलावा, हमने checkcompany.co.uk पर भी जांच की और पाया कि नाम - नरेंद्र यादव, नरेंद्र जॉन कैम और नरेंद्र कैम सभी ब्रौनवाल्ड हॉस्पिटल्स के वर्तमान या पिछले कंपनी अधिकारियों के रूप में सूचीबद्ध हैं. यह तीन नामों और ब्रौनवाल्ड हॉस्पिटल्स के बीच एक स्पष्ट संबंध दिखाता है, जिसमें यह भी शामिल है कि उनका जन्म सितंबर 1971 में हुआ था.



 नरेंद्र यादव का फेस मैच

ब्रौनवाल्ड अस्पताल की वेबसाइट आर्काइव पर मिली एक तस्वीर का उपयोग करते हुए, हमने PimEyes टूल पर चेहरे की पहचान की खोज की. हमने सबसे पहले नरेंद्र यादव की एक तस्वीर अपलोड की, जिसमें हमें यादव की सात अन्य समान तस्वीरें दिखाई दीं, जिनके चेहरे की विशेषताएं ट्विटर अकाउंट प्रोफ़ेसर एन जॉन कैम की तस्वीरों से मेल खाती हैं.



"नरेंद्र यादव एक अलग व्यक्ति हैं जिन्होंने कानूनी दिक्कतों के चलते मुझे अपनी कंपनी बेच दी": नरेंद्र जॉन कैम ने बूम से कहा

बूम ने पिछले दिनों ट्वीट किए गए नंबर का उपयोग करके ईमेल और व्हाट्सएप के माध्यम से नरेंद्र जॉन कैम से भी संपर्क किया. उन्होंने कहा कि कार्डियक केंद्र स्थापित करने के लिए उन्होंने जून-जुलाई 2019 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दो बार मुलाकात की.

नरेंद्र जॉन कैम ने सभी आरोपों से इनकार किया और दावा किया कि संयुक्त राज्य अमेरिका में एक प्रतिद्वंद्वी हृदय रोग विशेषज्ञ ने उनका नाम हैदराबाद में किसी के साथ जोड़कर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की.

एन जॉन कैम ने बूम को बताया, "अमेरिका में एक प्रतिद्वंद्वी हृदय रोग विशेषज्ञ ने मनगढ़ंत कहानियां बनाईं और मेरा नाम भारत/हैदराबाद में किसी के साथ जोड़ा और इंटरनेट पर पोस्ट किया और इसका इस्तेमाल मुझे बदनाम करने के लिए किया जा रहा है."

लेकिन जल्द ही उन्होंने खुद का खंडन करते हुए दावा किया कि नरेंद्र यादव एक अलग व्यक्ति थे जिन्होंने कानूनी दिक्कतों के कारण अपनी कंपनी उन्हें बेच दी थी.

जब बूम ने उनसे पूछा कि क्या वह नरेंद्र यादव का संपर्क साझा कर सकते हैं या उन दोनों की एक साथ फ़ोटो प्रदान कर सकते हैं तो उन्होंने कहा कि उनका यादव से संपर्क टूट गया है और नरेंद्र ब्रिटेन में हैं लेकिन "अब सार्वजनिक जीवन में नहीं हैं".

उन्होंने यह भी दावा किया कि जन्म से ही उनका नाम एन जॉन कैम था, लेकिन इसे साबित करने के लिए कोई भी सहायक दस्तावेज़ देने से इनकार कर दिया। बाद में, उन्होंने कहा कि उनके पास अपनी पहचान साबित करने के लिए जन्म से लेकर अब तक 243 दस्तावेज़ हैं और "उन लोगों पर मुकदमा करेंगे जो अन्यथा कार्य करेंगे।"

एन जॉन कैम ने कहा कि उनकी पत्नी का नाम अनीता जॉन कैम है और वह उनके साथ जर्मनी में रहती हैं.

जब बूम ने उनसे लंदन के सेंट जॉर्ज यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर ए जॉन कैम के इनकार के बारे में पूछा, तो उन्होंने प्रोफ़ेसर को 'बेवकूफ' कहकर जवाब दिया.

"वह एक बेवकूफ़ है. किसी ने उसे मेरा पूरा नाम नहीं बताया. क्या सुशील मोदी नरेंद्र मोदी की पहचान चुरा रहे हैं?" उसने जवाब दिया.

"एन जॉन कैम या नरेंद्र जॉन कैम बीसीएस सदस्य नहीं हैं": ब्रिटिश कार्डियोवास्कुलर सोसाइटी ने बूम से कहा

नरेंद्र जॉन कैम ने अपनी वेबसाइट पर प्रतिष्ठित ब्रिटिश कार्डियोवस्कुलर सोसायटी की सदस्यता से सम्मानित होने का दावा किया है. हालाँकि, 6 जून, 2023 को एक ईमेल उत्तर में, ब्रिटिश कार्डियोवास्कुलर सोसाइटी ने कहा कि न तो 'एन जॉन कैम' और न ही 'नरेंद्र जॉन कैम' बीसीएस के सदस्य हैं.

ब्रिटिश कार्डियोवास्कुलर सोसाइटी के एक प्रतिनिधि ने ईमेल के जवाब में बूम को बताया, "हमने अपने डेटाबेस की जांच की है और एन जॉन कैम या नरेंद्र जॉन कैम बीसीएस सदस्य नहीं हैं."

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