फैक्ट चेक

17 महीने कोमा में रहने के बाद पादरी के इस्लाम अपनाने की काल्पनिक खबर वायरल

बूम ने पाया कि यह खबर 2014 की है और प्रकाशित करने वाले न्यूज़पेपर ने इसके काल्पनिक होने को लेकर माफ़ी मांगी थी.

By - Sachin Baghel | 20 May 2022 5:34 PM IST

17 महीने कोमा में रहने के बाद पादरी के इस्लाम अपनाने की काल्पनिक खबर वायरल

सोशल मीडिया पर एक न्यूज़ पेपर क्लिप काफ़ी वायरल है, जिसमे लिखा गया है कि इंडोनेशिया के जावा द्वीप में एक कैथोलिक पादरी ने 17 महीने कोमा में रहने के बाद आँखें खोली तो कलमा पढ़ना शुरू कर दिया. रिपोर्ट में आगे लिखा है कि पादरी ने दावा किया कि उसे अल्लाह ने ये हुक्म दिया है.  

बूम ने पाया कि ये लेख पूरी तरह व्यंग्यात्मक और काल्पनिक है. 

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फ़ेसबुक पर एक यूज़र Shaban Raza ने यह क्लिप पोस्ट की है. 


फ़ेसबुक पर यह तस्वीर बहुत लंबे समय से वायरल है जिसे यहाँ देख सकते हैं. 

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ट्विटर पर भी यह कटिंग वायरल है. 


फ़ैक्ट चेक 

 बूम ने जब वायरल दावे से संबंधित कीवर्ड से इंटरनेट पर सर्च किया तो एक मलेशियन न्यूज़पोर्टल Coconuts KL की 13 अक्टूबर 2014 प्रकाशित रिपोर्ट मिली जिसका शीर्षक है, 'Utusan Malaysia ने कैथोलिक पादरी की रिपोर्ट पर माफी मांगी'. 


रिपोर्ट में आगे लिखा है कि अखबार ने अपनी वेबसाइट पर एक कैथोलिक पादरी के बारे में रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए माफीनामा जारी किया, जो कोमा से जागने पर इस्लाम में परिवर्तित हो गया था. utusan malaysia की वेबसाईट पर यह लेख अब मौजूद नहीं है. 

रिपोर्ट में आगे लिखा है कि मूल लेख वर्ल्ड न्यूज़ डेली रिपोर्ट (WNDR) - जो कि एक व्यंग्य वेबसाइट है - द्वारा प्रकाशित किया गया था जिसमें दावा किया गया कि 87 वर्षीय एडुआर्डो विन्सेन्ज़ो मारिया गोमेज़ नामक स्पेन के एक कैथोलिक पादरी ने 17 महीने के कोमा के बाद धर्म बदल लिया. यह पादरी पिछले 43 सालों से इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर निवास कर रहा था. 


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इसके बाद बूम ने वर्ल्ड न्यूज़ डेली रिपोर्ट (WNDR) को खंगाला तो उसके about us में स्पष्ट रूप से लिखा है कि उसपर प्रकाशित लेख व्यंगात्मक होते हैं. यहाँ पढ़ें उसका हिन्दी अनुवाद 'वर्ल्ड न्यूज डेली रिपोर्ट अपने लेखों की व्यंग्यात्मक प्रकृति और उनकी सामग्री की काल्पनिक प्रकृति के लिए सभी तरह से ज़िम्मेदार है. इस वेबसाइट के लेखों में दिखाई देने वाले सभी पात्र - यहां तक ​​कि वास्तविक लोगों पर आधारित - पूरी तरह से काल्पनिक हैं और उनके और किसी भी व्यक्ति, जीवित या मृत के बीच कोई समानता, विशुद्ध रूप से एक संयोग है.' 

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