सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग लड़ते-झगड़ते नज़र आ रहे हैं. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि इस वीडियो में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू की संसद में पिटाई हो गई. आगे कहा जा रहा है कि हिन्दूओं से नफ़रत करने की वजह से और भारत के बहिष्कार के कारण मालदीव की अर्थव्यवस्था डगमगा गई हैं, जिस कारण वहां के सांसदों ने राष्ट्रपति की पिटाई कर दी.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है. वीडियो में झगड़ रहे लोग मालदीव के सत्ताधारी दल और विपक्ष के सांसद हैं. वीडियो में वहां के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू मौजूद नहीं हैं.
बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने लक्ष्यद्वीप दौरे की तस्वीरें एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर की थी. जिसके बाद भारतीय यूज़र्स ने लक्ष्यद्वीप को मालदीव से बेहतर बताते हुए तस्वीरों को शेयर किया था. इस पर मालदीव के कुछ मंत्रियों ने आपत्तिजनक टिप्पणियां करते हुए लक्षद्वीप और भारत की आलोचना की थी. इस मसले पर मालदीव सरकार ने बयानों को निजी बताते हुए स्पष्टीकरण दिया था.
वर्तमान राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने विपक्ष में रहते हुए भारत पर मालदीव के आंतरिक मामलों में दखल देने का और देश की संप्रभुता से छेड़छाड़ के आरोप लगाये थे. चुनाव में इसे मुख्य मुद्दा बनाते हुए उन्होंने 'इंडिया आउट' अभियान भी चलाया था. जीतने के बाद उन्होंने भारत को मालदीव से भारतीय सेना हटाने को कहा है.
फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुझ्झू की संसद मे कुटाई हो गई.......भारत के बहिष्कार के कारण मालदीव की अर्थव्यवस्था डगमगा गई हैं."
इसी दावे से अन्य फ़ेसबुक यूज़र्स ने भी वीडियो को शेयर किया है. यहां, यहां और यहां देखें.
एक्स पर भी यूज़र्स ने मालदीव के राष्ट्रपति के पिटने के दावे से वीडियो शेयर किया है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल दावे से सम्बंधित कीवर्ड्स से सर्च किया तो कई मीडिया रिपोर्ट्स सामने आयीं, जिनमें इस घटना से सम्बंधित दृश्य देखें जा सकते हैं. अल जज़ीरा की 29 जनवरी 2024 की वीडियो रिपोर्ट में हूबहू वायरल वीडियो के दृश्य देखे जा सकते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, 'मालदीव में संसद के एक सत्र के दौरान सांसद एक-दूसरे से भिड़ गए. यह लड़ाई तब हुई जब विपक्षी दल ने 4 नए कैबिनेट मंत्रियों को मंजूरी देने से इनकार कर दिया - जो नवनिर्वाचित राष्ट्रपति की पार्टी के सदस्य हैं.
29 जनवरी 2024 की 'द हिन्दू' की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने कैबिनेट पर मतदान से पहले राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू के मंत्रिमंडल के चार सदस्यों के लिए संसदीय मंजूरी रोकने का फैसला किया. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इसके बाद सरकार समर्थक सांसदों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया जिससे संसद की कार्यवाही बाधित हो गई.
विवाद के दौरान कांदिथीमू के सांसद अब्दुल्ला शाहीम अब्दुल हकीम शाहीम और केंधिकुलहुधू के सांसद अहमद ईसा के बीच उस समय झड़प हो गई जब सांसद शाहीम फिसल गए और उन्होंने सांसद ईसा को नीचे गिरा दिया. दोनों सांसद चैंबर के पास गिर गए जिससे शहीम के सिर पर भी चोटें आईं. अल्पसंख्यक नेता मूसा सिराज ने विवाद को रोकने का प्रयास किया.
'द इकोनोमिक टाइम्स' ने भी इस घटना को कवर किया है और अपनी रिपोर्ट में झड़प में शामिल सांसदों के नाम भी बताएं हैं. उपरोक्त किसी भी रिपोर्ट्स सहित इसमें भी राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू का नाम नहीं है.
यूके के पोर्टल इंडिपेंडेंट के मुताबिक़, संसद के अंदर के वीडियो में कांदीथीमु सांसद अब्दुल्ला शाहीम अब्दुल हकीम और केंधिकुलहुधू सांसद अहमद ईसा को सांसद हकीम द्वारा नीचे गिराने के बाद हाथापाई करते हुए देखा जा सकता है. रिपोर्ट में घटना का कारण सत्ताधारी दल के चार नए सदस्यों को विपक्ष द्वारा कैबिनेट मंजूरी मिलने के दौरान व्यवधान प्रकट करना बताया गया है.
इस हाथापाई की आलोचना करते हुए सत्ताधारी गठबंधन ने प्रेस रिलीज भी जारी की है. इसमें भी राष्ट्रपति मुइज्जू के शामिल होने का कोई जिक्र नहीं है.
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