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फैक्ट चेक

हैदराबाद के पुलिस कार्रवाई का पुराना वीडियो मीरा रोड की सांप्रदायिक हिंसा से जोड़कर वायरल

बूम ने पाया कि यह वीडियो अगस्त 2022 का है, जब हैदराबाद पुलिस ने भाजपा विधायक टी राजा सिंह की रिहाई का विरोध करने के लिए कई लोगों को गिरफ्तार किया था.

By - Anmol Alphonso | 25 Jan 2024 2:37 PM GMT

सोशल मिडिया पर हैदराबाद का एक पुराना वीडियो जिसमें पुलिस घर-घर जाकर कई युवाओं को हिरासत में ले रही है, इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि वीडियो में पुलिस मीरा रोड में हाल की सांप्रदायिक हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार कर रही है.

22 जनवरी, 2024 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से पहले, 21 जनवरी, 2024 की रात राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा जुलूस पर हमले को लेकर मीरा रोड के नया नगर इलाके में झड़पें हुईं. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि जुलूस में भड़काऊ धार्मिक नारेबाजी हुई.

इसके बाद सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियोज सामने आए जिसमें दोनों समुदायों के लोगों को सड़क पर भिड़ते हुए देखा गया. कुछ वीडियोज में दक्षिणपंथी कार्यकर्त्ताओं को मुस्लिम दुकानदारों की पिटाई करते हुए दिखाया गया. इसके बाद पुलिस ने अबतक घटना से जुड़े 19 लोगों को गिरफ्तार किया है. 23 जनवरी को मीरा भयंदर नगर निगम द्वारा अवैध अतिक्रमण का हवाला देते हुए, नया नगर क्षेत्र के हैदरी चौक, जहां झड़पें हुई थीं, वहां के 15 दुकानों पर बुलडोजर चलवा दिया गया, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.

वायरल वीडियो में कुछ पुलिसकर्मियों को लाठी लेकर घरों में घुसते और गिरफ्तारियां करते देखा जा सकता है.

वीडियो को फेसबुक पर शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा "22 जनवरी के दिन मुंबई में मीरा रोड पर पथराव करने वालों को पुलिस ने किया गिरफ्तार.” इसके अलावा एक अन्य फेसबुक यूजर ने भी इसे ऐसे ही दावे के साथ शेयर किया, यहां देखें.


 

इस वीडियो को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूजर ने मराठी कैप्शन के साथ शेयर किया, " #MiraRoadRiots उन्होंने घर में घुसकर उन्हें पीटा, आधी रात को मीरा रोड में." (मराठी से हिंदी अनुवाद)


एक्स पर एक और यूजर @JIX5A ने इंग्लिंश कैप्शन के साथ इसे पोस्ट करते हुए लिखा , "मुझे तुरंत संतुष्टि क्यों महसूस हो रही है? क्या आपको भी ऐसा ही फील हो रहा है? #MiraRoad #JusticeServed." (इंग्लिश से हिंदी अनुवाद)



बूम ने इससे पहले भी इस वेरीफाइड अकाउंट से पोस्ट की गई गलत सूचनाओं का फैक्ट चेक किया है. यहां देखें.

बूम को व्हाट्सएप टिपलाइन नंबर (+91 77009 06588) पर भी वायरल वीडियो प्राप्त हुआ, इसके साथ एक ऑडियो वॉयस मैसेज भी था, जिसमें दावा किया गया था कि यह मीरा रोड की घटना है.

इसके अतिरिक्त हमें एक और वीडियो मिला, जिसके साथ यह झूठा दावा किया गया था कि वीडियो में मीरा रोड स्टेशन को जलाया जा रहा है. इस पर भी हमने फैक्ट चेक किया.

यहां पढ़ें: पश्चिम बंगाल के रेलवे स्टेशन पर आग लगने का वीडियो मीरा रोड की हिंसा के रूप में शेयर.


फैक्ट चेक

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो अगस्त 2022 का है, जब हैदराबाद पुलिस ने भाजपा विधायक टी राजा सिंह की रिहाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए कई लोगों को गिरफ्तार किया था. इन्हें पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया गया था.

बूम ने अप्रैल 2023 में भी इस वीडियो का फैक्ट चेक किया था, तब इसे इस झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा था कि यह राम नवमी पर झड़प के बाद महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) में कई लोगों की गिरफ्तारी को दिखा रहा है. रिपोर्ट यहां पढ़ें.

हमें इस घटना पर कई समाचार रिपोर्टें मिलीं, जिनमें द न्यूज मिनट द्वारा 25 अगस्त, 2022 का अपलोड किया गया एक वीडियो भी शामिल है, जिसका शीर्षक था, "प्रदर्शनकारियों ने हैदराबाद में भाजपा विधायक राजा सिंह की गिरफ्तारी की मांग की." इस वीडियो का 1 मिनट 48 सेकेंड पर शुरू होने वाला हिस्सा हमारे वायरल वीडियो से मेल खाता है.

Full View

रिपोर्ट के मुताबिक, सिंह को 22 अगस्त, 2022 को पैगंबर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया गया था, लेकिन पुलिस द्वारा की गई एक प्रोसीज़रल गलती के कारण उन्हें जल्द ही रिहा कर दिया गया था. उनकी रिहाई के बाद, प्रदर्शनकारी उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर हैदराबाद के ओल्ड सिटी की सड़कों पर उतर आए. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस के साथ अर्धसैनिक बल और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) को तैनात किया गया था.

24 अगस्त, 2022 के द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सिंह की रिहाई के बाद चारमीनार, शालीबंदा, मोगलपुरा, खिलवत और शहर के अन्य इलाकों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. पुलिस ने नामपल्ली अदालत के बाहर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज का भी सहारा लिया, जहां सिंह को पेश किया जाना था.

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