HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
फैक्ट चेक

भारत के समर्थन में शपथ ले रहे लोग पीओके निवासी नहीं हैं, झूठे दावे से वीडियो वायरल

वायरल वीडियो को लेकर दावा है कि पीओके निवासी भारत के समर्थन में शपथ ले रहे हैं. बूम की जांच में दावा फेक पाया गया.

By - Shefali Srivastava | 4 March 2024 7:21 PM IST

सोशल मीडिया पर एक साथ समूह में शपथ लेते कुछ लोगों का वीडियो वायरल है. दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का है, जहां लोग सार्वजनिक रूप से भारतीय सेना का समर्थन करने की कसम खा रहे हैं.

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो पर किया जा रहा दावा झूठा है. वीडियो जम्मू-कश्मीर के बारामूला स्थित उरी का है. अगस्त 2023 में गुज्जर और बकरवाल समुदाय के लोग आरक्षण पर केंद्र के फैसले का विरोध करते हुए 'ट्राइबल बचाओ मार्च' निकाल रहे थे.

1.39 मिनट लंबे वीडियो में शपथ लेते हुए लोग बोल रहे हैं कि वे हिंदुस्तान के संविधान उर्फ कानून को बचाने के लिए अपने देश की सोच के साथ हिंदुस्तान की तरक्की की कसम खाते हैं और वादाबंद हैं कि जब भी मुल्क को जरूरत पड़ेगी तो उरी, जम्मू-कश्मीर गुज्जर बकरवाल के नौजवान अपनी जान देने को तैयार रहेंगे.

एक फेसबुक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'और कितने अच्छे दिन चाहिए? पीओके को वापस पाने का सबसे अच्छा समय, पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) (बकर दीवार) के लोग सार्वजनिक रूप से भारत और हमारी सेना का समर्थन करने की कसम खाते हुए, जो 70 वर्षों तक संभव नहीं था वह अब हो रहा है क्योंकि मोदी है तो मुमकिन है.'


Full View

पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें

इसी कैप्शन के साथ फेसबुक पर और पोस्ट भी शेयर किए गए हैं.

सोशल मीडिया एक्स पर एक यूजर ने यह वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'यही अच्छे दिन हैं, पीओके को वापस पाने का समय नरेंद्र मोदी जी नेतृत्व में आ ही गया है, POK के लोग सार्वजनिक रूप से भारत और हमारी सेना का समर्थन करने की कसमें खाते हैं, जो 70 वर्षों तक संभव नहीं था वह अब हो रहा है.'


भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने भी वायरल वीडियो शेयर किया. इसके कैप्शन में उन्होंने लिखा, 'जो कभी कट्टरपंथी, पत्थर और बंदूकों से बातें करते थे आज धारा 370 हटने के बाद भारत के सम्मान और भारत की रक्षा की कसमें खा रहे हैं ....!! असंभव को संभव बना दे वो भाजपा सरकार और शीर्ष नेतृत्व आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी !!' 



आर्काइव पोस्ट यहां देखें

 

फैक्ट चेक

वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से सुना जा सकता है कि जम्मू-कश्मीर के उरी के नौजवानों को संबोधित करते हुए शपथ ली जा रही है. साथ ही गुज्जर और बकरवाल समुदाय को लेकर बात हो रही है. इसके अलावा वीडियो में एक युवक तख्ती लिए दिखाई दे रहा है, जिसमें लिखा है, 'गुज्जर-बकरवाल एकता जिंदाबाद.' इससे संकेत लेते हुए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स के साथ सर्च किया.

सर्च करने पर हमें एक एक्स पोस्ट का लिंक मिला. गुज्जर बकरवाल नाम के अकाउंट से 19 अगस्त 2023 को शेयर किए गए इस पोस्ट में वायरल वीडियो देखा जा सकता है. इसी के साथ इसके कैप्शन में लिखा था, 'जम्मू कश्मीर के गुर्जर बकरवाल अपनी अनुसूचित जनजाति की स्थिति की सुरक्षा के संबंध में अपने संवैधानिक अधिकारों को सुरक्षित रखने का संकल्प ले रहे हैं. उन्होंने सशस्त्र बलों के साथ देश को दुश्मनों से बचाने का संकल्प भी लिया. जय हिंद.'


हमने गूगल पर गुज्जर बकरवाल प्रदर्शन को लेकर रिपोर्ट्स सर्च कीं तो एक यूट्यूब लिंक प्राप्त हुआ. इस वीडियो की हेडिंग थी- उरी बारामूला कश्मीर ट्राइबल बचाओ मार्च दोबारा शुरू. इसे Gojri Mahri Zuban नाम के चैनल ने 20 अगस्त 2023 को पोस्ट किया था. दो मिनट लंबे इस वीडियो में वायरल वीडियो का हिस्सा भी देखा जा सकता है.

Full View

हमें फेसबुक पर 21 अगस्त 2023 को शेयर एक पोस्ट भी मिला जिसमें वायरल वीडियो मिला जिसके कैप्शन से पता चला कि शपथ दिलाने वाले शख्स का नाम रफीक बलोटे है जो उरी के ब्लॉक डिवेलपमेंट काउंसिल (बीडीसी) के चेयरमैन हैं.

बूम ने सितंबर 2023 में मोहम्मद रफीक बलोटे से बात की थी. उस दौरान यह वीडियो इसी दावे के साथ बांग्ला में वायरल था. उस वक्त रफीक ने इस प्रदर्शन का पीओके से कनेक्शन खारिज कर दिया था. उन्होंने बताया था, 'गुज्जर और बकरवाल समेत अल्पसंख्यक समुदायों ने आरक्षण देने के सरकार के फैसले के खिलाफ अगस्त (2023) में एक मार्च निकाला था. यह मार्च बारामूला जिले के डाक बंगला इलाके में आयोजित हुआ था. इस मार्च के बाद उरी के गुज्जर और बकरवाल समुदाय के युवाओं ने शपथ ली थी.'

रफीक ने आगे स्पष्ट किया कि वीडियो में शपथ दिलाने वाले शख्स वहीं हैं. उन्होंने कहा, 'इस वीडियो का पाकिस्तान से कोई संबंध नहीं हैं. हम आने वाले दिनों में भी इस तरह की बैठकें करेंगे.'


अक्टूबर 2022 में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी दौरे के दौरान ऐलान किया था कि गुज्जर और बकरवाल के साथ पहाड़ी समुदाय को भी जल्द आरक्षण दिया जाएगा. उन्होंने कहा था कि पहाड़ी भी आएंगे और गुज्जर-बकरवाल का एक फीसदी हिस्सा भी कम नहीं होगा.

इस ऐलान से गुज्जर और बकरवाल समुदाय में नाराजगी फैल गई थी. उनका मानना था कि पहाड़ियों को एसटी का दर्जा देने से नौकरी और शिक्षा कोटा में प्रतिस्पर्धा बढ़ जाएगी.

26 जुलाई 2023 को केंद्र ने संसद में अनुसूचित जनजाति (एसटी) संशोधन विधेयक पेश किया था, जिसके तहत पहाड़ी और कोल समुदाय के लोगों को भी आरक्षण देने का फैसला था. इस पर जम्मू-कश्मीर के गुज्जर और बकरवाल समुदाय के लोगों के विरोध प्रदर्शन ने फिर से जोर पकड़ा था.

11 फरवरी को यह विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित हो गया था. इस प्रकार स्पष्ट है कि वायरल वीडियो का पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से कोई संबंध नहीं है.

Tags:

Related Stories