सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावे से एक तस्वीर बहुत वायरल है. जिसके साथ दावा किया जा रहा कि पीएम मोदी ने अपनी माँ के निधन के बाद हिन्दू रीति-रिवाज़ के अनुसार अपना मुंडन कराया है. सोशल मीडिया यूज़र्स इसे सच मानते हुए पीएम मोदी की हिन्दू रीति-रिवाज़ों के प्रति श्रद्धा की प्रशंसा कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि पीएम नरेंद्र मोदी की वायरल तस्वीर एडिटेड है.
दरअसल बीते सप्ताह में पीएम मोदी की माँ हीराबेन का निधन हो गया था. इसके बाद पीएम मोदी की अपनी माँ के अंतिम संस्कार की तस्वीरें ख़ूब छायी रहीं.
सुरेश चव्हानके ने ट्रेन में मुस्लिम युवक की पिटाई का पुराना वीडियो किया शेयर
वायरल तस्वीर बूम को व्हाट्सप्प हेल्पलाइन पर प्राप्त हुई.
फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा,'माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने हिंदू रीति रिवाज के अनुसार अपनी मां के तिये पर मुंडन करवाया। धन्य है ये कर्मयोगी।??? माताजी हीरा बा को भावभिनी श्रद्धांजलि'.
फ़ेसबुक पर इसी दावे के साथ यह तस्वीर बेहद वायरल है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल दावे से सम्बंधित कीवर्ड्स से सर्च किया लेकिन इस तरह के दावे की पुष्टि करती हुई कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली. पीएम मोदी से जुड़ी हर छोटी-बड़ी ख़बर मीडिया में छायी रहती है चाहे वह व्यक्तिगत जिंदगी का मामला हो अथवा बतौर प्रधानमंत्री राजनीतिक मामला हो. पीएम मोदी की मां के निधन से लेकर उनके अंतिम संस्कार तक उनसे जुड़ी हर क्रिया की ख़बर मौजूद है. अगर पीएम मोदी ने मुंडन करवाया होता तो निश्चित ही मीडिया में खबर बनती.
पीएम मोदी की माँ हीराबेन के निधन पर उनके प्रशंसकों द्वारा सिर मुंडन करवाने की रिपोर्ट मिली. लेकिन बूम को रिपोर्ट लिखे जाने तक पीएम मोदी से जुड़ी ऐसी कोई खबर नहीं मिली.
बूम ने पीएम मोदी से जुड़े सोशल मीडिया हैंडल्स भी देखे लेकिन इस तरह की कोई तस्वीर नहीं मिली. ट्विटर पर 31 दिसंबर की फ़ोटो में पीएम मोदी मुंडन नहीं कराये हुए हैं.
बूम ने इसक बाद वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो इससे मिलती जुलती तस्वीर कई मीडिया रिपोर्ट्स में देखने को मिली. सभी ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को क्रेडिट देते हुए इस्तेमाल की है. अंदाजा लगाया जा सकता है इसी तस्वीर को एडिट कर वायरल तस्वीर बनायी गयी है.
रायटर्स की एक रिपोर्ट में समान वेशभूषा में पीएम मोदी की तस्वीर को 15 दिसंबर 2017 की बतायी गयी है, तस्वीर को 2017 के संसद के शीत सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करने के समय की लिखा गया है.
और अधिक सर्च करे पर हमें 2021 के कुछ पोस्ट्स मिले जिनमें वायरल तस्वीर को मजाक के रूप में इस्तेमाल किया गया था. जिन्हें यहां और यहां देखा जा सकता है.
BOOMRewind 2022: साल की 10 घटनाएं जो फ़र्ज़ी सांप्रदायिक और 'लव जिहाद' के दावों से हुईं शेयर